मानवी खेतान: दिल्ली दर्पण
दिल्ली की यातायात व्यवस्था को सुगम और आधुनिक बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण योजना की घोषणा की गई है। दिल्ली के मुख्यमंत्री द्वारा हाल ही में यह जानकारी दी गई कि इंदरलोक मेट्रो स्टेशन से लेकर दिल्ली बॉर्डर तक मूनक नहर पर एक एलिवेटेड रोड का निर्माण किया जाएगा। इस योजना को केंद्र सरकार की मंजूरी मिल चुकी है और इसके लिए लगभग 5000 करोड़ रुपये की लागत आएगी, जिसे केंद्र सरकार वहन करेगी।
यह एलिवेटेड रोड केवल एक साधारण सड़क परियोजना नहीं है, बल्कि यह दिल्ली के उत्तर-पश्चिमी हिस्सों में रहने वाले लाखों लोगों के लिए एक लाइफलाइन साबित हो सकती है। मूनक नहर पर बनने वाली यह सड़क न केवल यातायात को कम करेगी, बल्कि इसके दोनों ओर रोड डेवलपमेंट और सौंदर्यीकरण के काम भी किए जाएंगे। योजना के तहत नहर पर “रिवर फ्रंट” (छठ घाट) भी बनाया जाएगा, जो धार्मिक और सामाजिक दृष्टिकोण से भी अत्यंत उपयोगी होगा।
मुख्यमंत्री ने यह घोषणा शालीमार बाग विधानसभा क्षेत्र में विकास कार्यों के निरीक्षण और उद्घाटन के दौरान की। इस अवसर पर उन्होंने बताया कि दिल्ली सरकार ने इस नहर की सफाई पहले ही कराई है, जिससे जल प्रवाह सुचारु हो गया है और छठ जैसे पर्वों के आयोजन में भी सुविधा मिली है। इससे पहले भी मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने शालीमार बाग क्षेत्र के अंतर्गत विभिन्न स्थानों जैसे करतूरबा पॉलिटेक्निक, पीतमपुरा से लेकर अंबेडकर नगर स्थित रैन बसेरा तक के इलाकों में चल रहे विकास कार्यों का निरीक्षण किया।
शालीमार बाग क्षेत्र में नए इंग्लिश मीडियम सरकारी स्कूल, सामुदायिक भवन और 15 नए आयुष्मान आरोग्य मंदिर भी बनाए जाएंगे। इसके अलावा, सड़कों की मरम्मत, जल निकासी और सीवर लाइन से संबंधित कार्य भी प्रारंभ हो चुके हैं। मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि पीतमपुरा, अंबेडकर कॉलोनी, शालीमार गांव जैसे क्षेत्रों में विशेष रूप से बुनियादी सुविधाओं को बेहतर करने पर जोर दिया जा रहा है।
यह परियोजना न केवल दिल्ली के इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूती देगी, बल्कि प्रदूषण कम करने में भी मददगार साबित होगी। एक तरफ जहाँ एलिवेटेड रोड से वाहनों की आवाजाही निर्बाध होगी, वहीं दूसरी ओर नहर के सौंदर्यीकरण से क्षेत्रवासियों को एक नया सार्वजनिक स्थान मिलेगा। यह रिवर फ्रंट धार्मिक और सामाजिक आयोजनों के लिए एक आदर्श स्थल बन सकता है।
इस योजना के माध्यम से सरकार ने एक बार फिर यह स्पष्ट किया है कि राजधानी दिल्ली को विश्वस्तरीय शहर बनाने के लिए आधारभूत ढांचे का विकास निरंतर जारी रहेगा। यह परियोजना न केवल शहरी यातायात की जटिलता को हल करने का माध्यम है, बल्कि यह दिल्ली के निवासियों के जीवन स्तर को भी बेहतर बनाने की दिशा में एक ठोस प्रयास है।
निष्कर्षतः
इंदरलोक से दिल्ली बॉर्डर तक बनने वाली यह एलिवेटेड रोड और उससे जुड़े अन्य विकास कार्य राजधानी दिल्ली की प्रगति की नई दिशा तय करेंगे। यदि यह परियोजना समय पर और गुणवत्तापूर्वक पूरी होती है, तो यह आने वाले वर्षों में एक मॉडल प्रोजेक्ट के रूप में उभरेगी।