Saturday, April 20, 2024
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सबमरसिबल बोरिंग पंप हटाओ, वर्ना जुर्माना भरो

राजेंद्र स्वामी,

दिल्ली। राजधानी दिल्ली को हरा—भरा बनाए रखने के सिलसिले में भू—जल स्तर, प्रदूषण और सीवर समस्या पर एनजीटी(नेशनल ग्रीन ट्रीन ट्रीब्यूनल) की नजर रही है। पिछले दिनों इसी के दरम्यान एनजीटी ने अशोक विहार के कई रिहाइसी घरों को नोटिस भेजा है। नोटिस में उनसे जुर्मान भरने को कहा गया है। इस नोटिस को लेकर इलाके के लोगों में हड़कंप मच गया है।

 इस बारे में जब दिल्ली दर्पण टीवी ने स्थानीय लोगों से मुलाकात की तब उन्होंने बताया कि उन्हें जो नोटिस मिली है बिना वजह परेशानी आ गई है। कई लोगों ने बताया कि उनका समर सवीर का बोरिंग सालों से बंद पड़ा है। यही नहीं पार्क में लगे पंप के भी कनेक्शन काट दिए गए हैं। इससे पार्कों के रख—रखाव की एक अलग समस्या पैदा हो गई है।

 पिछले काफी समय से दिल्ली में ये अफवाहें फैली थी कि दिल्ली सरकार भी अब प्राइवेटाइजेशन की ओर बढ़ रही है। लोगों को अंदेशा है कि इसी वजह से दिल्ली के हर इलाके एनजीटी ने लोगों को बोरिंग पंप हटाने नोटिस भेजने शुरु कर दिए हैं। कहा गया है कि क्या तो इन पंपो को हटाओ या फिर जुर्माना भरो।

हमार सहयोगी चैनल दिल्ली दर्पण टीवी ने जब कई जगह स्थानीय आरडब्ल्यूए से इस मसले पर बात की तो सभी लोगों में गुस्सा नजर आया और सभी ने इस फैसले को गलत बताते हुए रोष जताया। एक स्थानीय नागरिक ने आक्रोश से कहा कि एनजीटी को इतने सालों बाद क्यों आया कि हम लोगों से समर्सिबल का भुगतान या जुर्माना लेना है। पहले से अधिकारी कहां सोए थे? पहले हमें 24 घंटे पानी दीजिए तब हमसे कहिए कि समर सीवर पंप को हटाओ।

 राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के विभिन्न इलाकों में जलापूर्ति और सीवरेज नेटवर्क के संचालन, रखरखाव और प्रबंधन के लिए दिल्ली सरकार ने निजी ऑपरेटरों को अनुबंध देने का निर्णय किया है।   इससे उम्मीद की जानी चाहिए कि जलापूर्ति व सीवरेज संबंधी व्यवस्था को बेहतर बनाने में अपेक्षित मदद मिलेगी। एक क्षेत्र एक ऑपरेटर की तर्ज पर यह अनुबंध दस वर्षों के लिए दिया जाएगा। इसके तहत प्रत्येक ऑपरेटर दिल्ली के एक तय हिस्से में अपनी सेवाएं देगा। अनुबंधित निजी ऑपरेटर की जवाबदेही तय होगी, जिससे उससे बेहतर सेवाएं मिलने की पूरी उम्मीद की जा सकती है। इसके साथ ही जल बोर्ड ने पानी और सीवर के कनेक्शन के लिए ऑनलाइन या हेल्पलाइन के जरिये आवेदन करने को भी मंजूरी दी है। 

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