Friday, April 19, 2024
spot_img
Homeअन्यकोरोना और प्रदूषण के साये में दीपावली

कोरोना और प्रदूषण के साये में दीपावली

पटाखों के बगैर खुशियों की फुलझड़ियां

डिम्पल भारद्वाज,संवाददाता

नई दिल्ली|| दीपों से जगमगाती दिवाली का त्यौहार इस बार 14 नवंबर को धूमधाम और उत्साह के साथमनाने की तैयारी जोरों पर है। जबकि कोरोना वायरस संक्रमण के तीसरे लहर की शुरुआत से लोग एक बार फिर आहत की स्थिति में आ गए हैं। दूसरी ओर बढ़ता वायु प्रदूषण हर साल की तरह दूसरी समस्या बनकर विकराल बनती जा रही है। हालांकि अनलॉक—6 के दिशा—निर्देशों के अनुसार त्यौहार मनाने की छूट की वजह से कोरोना वायरस संक्रमण को लेकर चली आ रही कुछ दुविधाएं भले ही खत्म हो गई हों, लेकिन राजधानी में उसके संक्रमण के आंकड़े लगातार बढ़े हैं। साथ ही दिनप्रतिदिन जहरीली होती हवा नई मुसीबत बनकर सामने आई है। इन दोनों समस्याओं को ध्यान में रखकर ही दिवाली मनाया जाना है।

शारदीय नवरात्रा और दशहरे के बाद लोगों ने दीपावली मनाने की जोरशोर से तैयारियां शुरू कर दी है। घरों की साफ—सफाई, रोशनी, सजावटी सामान के इंतजाम और गिफ्ट आइटम से लेकर मिठाइयां और खाने—पीने के दूसरे सामानों की दुकानें सज गईं। इसमें कमी है तो वह पटाखे की है। कारण इस बार दिल्ली में किसी भी तरह के पटाखे जलाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। पिछले साल हरित पटाखे की छूट थी। इसबार वह भी नहीं होगा। यानि दिल्ली में दिवाली बगैर पटाखे के मनाई जाएगी। बच्चे बगैर फुलझड़ियों के गाएंग— ‘आज दिवाली, आज दिवाली रे! आओ मनाएं दिवाली रे!!…’। वजह है किसी भी तरह के पटाखे चलाने पर लगी रोक। यह रोक दिल्ली सरकार की तरफ से लगाई गई है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि दिल्ली में कोरोना के केस के साथ प्रदूषण का स्तर बढ़ रहा है। कोरोना काल के दौरान प्रदूषण का बढ़ना लोगों के स्वास्थ्य के लिए काफी खतरनाक साबित हो सकता है। इसलिए दिल्ली में पटाखे जलाने पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है। उन्होंने सभी दिल्लीवासियों से अपील की है कि वे कोरोना काल में बढ़ रहे प्रदूषण को देखते हुए इस बार दीपावली पर किसी भी तरह के पटाखे नहीं जलाएं और प्रदूषण को नियंत्रित करने में अपना योगदान दें।

किसी भी तरह के पटाखे जलाने पर 7 से 30 नवंबर तक लगाई गई है। इस अवधि के दौरान पटाखों को बेचने, खरीदने और जलाने पर पूरी तरह से पाबंदी है। इसके लिए नियम बनाए गए हैं। नियम तोड़ने वाले के खिलाफ प्रशासन को सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। जगह—जगह पुलिस का पहरा लगा दिया गया है।

इस दिवाली में एक और खास बात दिखी है। बाजार में पूरी तरह से भारतीय सामानों के बिक्री करने की तैयारी की गई है। इसके लिए भारतीय व्यापारियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वोकल फॉर लोकल नारे को जमीनी स्तरपर उतारने की ठान ली है।उसके असर की एक तरह तरह दिवाली में परीक्षा होनी है। इसके तहत कॉन्फेडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के आव्हान को देश के कोने—कोने में ले जाने के लिए व्यापक स्तर पर तैयारियां पूरी गई हैं। उनका मकसद चीन से आने वाले दिवाली के सामानों के वजाया देशी सामानों कोप्राथमिकता देना है। कैट के इस अभियान को देशभर में व्यापक समर्थन मिला है। अधिकतर छोटे—बड़ेव्यापारियों ने चीनी सामान को नहीं बेचने का संकल्प लिया है। उन्होंने देश भर में इस वर्ष की दिवाली को पूरी तरह से भारतीय बनाने की तैयारी की है। बाजार में दीपक से लेकर लाइट्स तक सब भारतीय सामनों की भरमार देखी जा सकती है। एक तरफ दिल्ली में प्रदूषण बढ़ने के कोरोना का खतरा भी बढ़ गया है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन तक कह चुके हैं कि दिल्ली में कोरोना की तीसरी लहर चल रही है। दूसरी तरफ दिल्लीवासी बेपरवाह होकर कोरोना संक्रमण से बचने के नियमों की धज्जियां उड़ा रहे हैं। दिल्ली के विभिन्न बाजारों में लोगों की भीड़ उमड़ रही है और लोग बिल्कुल बेफिक्र होकर त्याहोरों की खरीदारी करने में जुटे हैं।

दिल्ली वासियों का यह हाल तब है जब न केवल दिल्ली सरकार बल्कि केंद्र सरकार की तरफ से भी लगातार अपील की जा रही है कि कोरोना पर काबू पाने के लिए सोशल डिस्टैंसिंग के नियमों का पालन करना जरूरी है। दिल्ली के विभिन्न इलाकों से आ रही तस्वीरों से तो यही पता चलता है कि दिल्लीवासियों पर इन अपीलों का कोई असर नहीं हो रहा है।

RELATED ARTICLES

Most Popular

Recent Comments