Friday, April 19, 2024
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मुरादनगर श्मशान घाट में हादसा, दो दर्जन से ज्यादा मौतें

संवाददाता, दिल्ली दर्पण टीवी

मुरादनगर।। दिल्ली से सटे गाजियाबाद जिले में मुरादनगर में कल रविवार को श्मशान घाट पर हुए हादसे में मारे गए लाेगों को परिजनों को योगी सरकार ने दस लाख रुपये मुआवजा देने का ऐलान किया है। इन मौतों पर हंगामा और कोहराम मच गया था।

दरअसल कल मुरादनगर बंबा मार्ग पर स्थित श्मशान घाट के पास 72 साल के जयराम के अंतिम संस्कार के लिए परिवार और आस.पड़ोस के लोग आए थे। अंतिम संस्कार के बाद लोग जाने ही वाले थे। इससे पहले ही छत गिरने से यह हादसा हो गया। हादसा अचानक हुआ कि इसमें चीख.पुकार भी नहीं सुनने को मिली। 

बता दें कि आज सुबह से ही ग्रामीणों ने शव रखकर जाम लगा दिया था। वे मुख्यमंत्री को बुलाए जाने की मांग पर अड़े थे। इसके बाद अधिकारियों ने परिवार के साथ वार्ता की। लखनऊ से मिले निर्देश के बाद गाजियाबाद के एडीएम सिटी शैलेंद्र सिंह ने मुआवजा देने का ऐलान किया। इस मामले में आज सुबह ईओ निहारिका सिंह, जेई सीपी सिंह, सुपरवाइजर आशीष को गिरफ़्तार कर लिया गया जबकि ठेकेदार अजय त्यागी को पकड़ने के लिए दबिश जारी है। मुरादनगर में मृतकों के परिजनों ने सड़क पर शव रखकर जाम लगा लिया। वहां सैकड़ों की संख्या में लोग जुट गए।  इसके बाद पुलिस प्रशासन ने उन्हें समझाना चाहा। इस पर लाेग भड़क गए।पुलिस से कहा कि पहले हमें गोली मार दो फिर शव ले जाओ।

मुरादनगर में मृतकों के परिजनों के प्रदर्शन के चलते मेरठ तिराहे से मुरादनगर तक भीषण जाम लग गया है। यह जाम मेरठ की सीमा तक पहुंच गया। जाम के चलते राजनगर एक्सटेंशन से मुरादनगर की तरफ जाने वाले वाहनों पर पाबंदी लगा दी गई है। इसी के चलते रूट डायवर्जन किया गया। लोगों के भारी विरोध को देखते हुए सरकार को मुआवजे की घोषणा करनी पड़ी। परिजनों को योग्यता के आधार पर नौकरी का भी वादा किया गया है। वहीं घायलों का प्राइवेट अस्पताल में फ्री में इलाज को कहा गया है। श्मशान घाट पर मौजूद घायलों का कहना है कि जो लोग लेंटर में दब गए उनकी आवाज नहीं सुनी और जो बच गए वह सदमें में हैं। घायल लोगों ने अपने नजदीकी लोगों को फोन करके बुलाया।

हादसे के करीब एक घंटे बाद वहां एंबुलेंस पहुंचनी शुरू हो गई। इससे पहले मलबे में दबे कुछ लोगों को निकालकर नजदीक के अस्पताल में पहुंचाया गया। इसके बाद जेसीबी की सहायता से दीवार को हटाकर वहां दबे लोगों को निकाला गया। परिजनों के अनुसार करीब 50 से ज्यादा लोग मौके पर थे। दोपहर करीब दो बजे जिला एमएमजी अस्पताल में एंबुलेंस घायल को लेकर पहुंचने लगी, उसमें से सभी मृतक थे। इमरजेंसी में पहुंचने के बाद चिकित्सकों ने अधिकांश मरीजों को मृत घोषित कर दिया।

बता दें करीब 15 मृतकों के शव एक घंटे में अस्पताल में पहुंच गए। मृतकों के परिजन एक उम्मीद के साथ अस्पताल में पहुंचे थे कि घायल के उपचार के बाद वापस ले जाएंगे लेकिन एंबुलेंस से नीचे उतरते ही वह मृत अवस्था में मिल रहे। ऐसे में अधिकांश परिजन अस्पताल में ही सदमें में बैठ गए। अस्पताल परिसर में ही कोहराम मच गया था। घटना के बाद लगातार सभी अस्पतालों से एंबुलेस मौके पर पहुंच गई थीं। करीब 20 से ज्यादा एंबुलेंस में मृतक और घायलों को अस्पताल में भेजा गया था। इसमें कुछ लोग निजी कार और बस में बैठकर अस्पताल पहुंचे थे। 

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