Thursday, April 25, 2024
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ऑक्सीजन की कमी से हुई मौतों पर मनीष सिसोदिया ने केंद्र पर साधा निशाना

नेहा राठौर

देश में कोरोना की दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन की भारी कमी को लेकर दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने केंद्र पर निशाना साधा है। सिसोदिया ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि केंद्र सरकार ने कल संसद में कितनी बेशर्मी से सफेद झूठ बोला है कि देश में ऑक्सीजन की कमी से कोई मौत नहीं हुई। उन्होंने कहा कि आज केंद्र की उसी बेशर्मी को अंडरलाइन करने के लिए बीजेपी के प्रवक्ता संबित पात्रा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने इसकी जिम्मेदारी नहीं ली बल्कि केजरीवाल को गाली देना शुरू कर दिया। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार ऑक्सीजन की कमी से हुई मौतों की जांच कराएगी ताकि जल्द ही सच सबके सामने आ सके।

सिसोदिया ने कहा कि संसद में कल एक सवाल उठा जो की बहुत ही संवेदनशील था। सब जानते हैं कि कोरोना की दूसरी लहर के दौरान पूरे देश में ऑक्सीजन को लेकर क्या स्थिति थी, चारों तरफ अस्पताल, डॉक्टर, मरीज और उनके तीमारदार की तरफ से त्राहि-त्राहि मची हुई थी। उस वक्त देश में ऑक्सीजन का संकट था। ऐसे में कल जब संसद में यही सवाल उठा तो केंद्र सरकार ने बहुत ही बेशर्मी से देश की संसद में झूठ बोला कि पूरे देश में ऑक्सीजन की कमी से कोई मौत नहीं हुई। उन्होंने कहा कि सरकार को यह सोचना चाहिए कि अप्रैल के आखिरी सप्ताह में यानी 15 अप्रैल के बाद से 5 मई से 10 मई के बीच पूरे देश में जो स्थिति थी। उसमें ऑक्सीजन का मिसमैनेजमेंट केंद्र सरकार की ओर से हुआ था और इसी मिसमैनेजमेंट की वजह से पूरे देश के सभी अस्पतालों में त्राहि-त्राहि मची गई थी।

केंद्र का मिसमैनेजमेंट

सिसोदिया ने कहा कि इसी मिसमैनेजमेंट के कारण उस दौरान देश में बहुत जाने गई थीं। उन्होंने कहा कि दिल्ली में मैं खुद ऑक्सीजन का मैनेजमेंट सम्भाल रहा था। मैं जानता हूं किस तरह से मेरे व्हाट्सएप पर ऑक्सीजन के लिए अस्पतालों से डॉक्टर्स के, मरीजों के, उनके परिवारों के मैसेज भरे हुए थे कि हमें ऑक्सीजन दे दीजिए वरना हमारा आदमी मर जाएगा। सरकारी अस्पतालों में मैंने खुद खड़े होकर ऑक्सीजन डिस्ट्रीब्यूशन देखा है। केंद्र सरकार सिर्फ अपनी गलतियों को छुपाने के लिए कि उन्होंने ही इस देश में ये डिजास्टर खड़ा किया है। 13 अप्रैल के बाद से केंद्र सरकार ने ऑक्सीजन की नीति बदली जिसके कारण ये ऑक्सीजन डिजास्टर खड़ा हुआ।

केंद्र सरकार को ये जिम्मेदारी अपने सर पर लेनी ही पड़ेगी क्योंकि लोग जानते हैं कि केंद्र सरकार ने किस तरह से सारे मामले को खराब किया था। जिस बेशर्मी से कल केंद्र ने झूठ बोला, आज उसी बेशर्मी को अंडरलाइन करने के लिए बीजेपी के प्रवक्ता संबित पात्रा प्रेस कॉन्फ्रेंस करने आए। जिम्मेदारी लेने की बजाय वह झगड़ना शुरू कर देते हैं, केजरीवाल को गाली देना शुरू कर देते हैं। आज भी उन्होंने यही किया वह प्रेस कॉन्फ्रेंस करने आए और उन्होंने जिम्मेदारी नहीं ली।

केंद्र ने दिल्ली सरकार की जांच पर लगाई रोक

हर बार केंद्र जिम्मेदारी लेने की बजाय अगर केजरीवाल जी को गाली देगा तो उससे केंद्र के पाप थोड़ी छुप जाएंगे। 100 साल बाद जब इस बात की चर्चा होगी कि जब पूरी दुनिया महामारी से जूझ रही थी, उस वक्त केंद्र सरकार अपनी मूर्खतापूर्ण नीतियों से इस देश को ऑक्सीजन के संकट में धकेलने में लगी हुई थी। दिल्ली सरकार ने माना है कि हां ऑक्सीजन की कमी के कारण मौते हुई हैं और इस बात की जांच भी होनी चाहिए। मुख्यमंत्री जी ने तो यह भी कहा कि अगर किसी परिवार में ऑक्सीजन की कमी की से मौत हुई है तो उस परिवार को 5 लाख तक मुआवजा दिया जाएगा। अब इसमें भी केंद्र सरकार रोड़े अटकाने में लगी हुई है।

जबकि अरविंद केजरीवाल जी ने कहा भी कि हम एक समिति बना रहे हैं जो ऑक्सीजन की कमी की वजह से हो रही मौत के आरोपों की जांच करेगी। यह समिति ये तय करेगी कि किसकी कमी की वजह से ऑक्सीजन की कमी हुई। तो केंद्र सरकार को लगा कि इसमें तो हम जिम्मेदार माने जाएंगे कि हमने मिस मैनेजमेंट किया है वो सब सामने आ जाएगा। इसलिए केंद्र सरकार ने दिल्ली सरकार द्वारा बनाई इस समिति को बनाने ही नहीं दिया, एलजी से कहकर इसे रुकवा दिया।

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