Friday, April 19, 2024
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नांगलोई के नटवरलाल की एक और कारगुजारी चर्चे में, क्या ‘आप’ में मिलेगी जगह और निगम का टिकट?

-दिल्ली दर्पण ब्यूरो,

नांगलोई -बीजेपी से निष्काषित हुए नेता नांगलोई से चतर सिंह रछौया अब “आप” में प्रवेश के रस्ते तलाश रहे है। उनके इस कवायद का प्रत्यक्ष प्रमाण तब देखने को मिला जब रविवार को नांगलोई में राछौया ने एक कार्यक्रम का आयोजन किया जिसमें आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद सुशील गुप्ता के बड़े भाई गंगा बिशन गुप्ता को उन्होंने बतौर मुख्य अतिथि ही आमंत्रित नहीं किया बल्कि ढ़ोल नगाड़ों के साथ स्वागत करते हुए गुप्ता जी का जन्मदिन भी मनाया। इतना ही नहीं, जिस वरिष्ठ नागरिक केंद्र का नाम उन्होंने स्व. अटल बिहारी वाजपयी के नाम पर रखा था आज उसे बदल कर श्री कृष्ण जन्माष्टमी सेवा केंद्र कर दिया गया । 

इस संस्था के चैयरमैन आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद सुशील गुप्ता बड़े भाई गंगा बिशन गुप्ता है। आज नेताजी सुभाष बोस के साथ उनका जन्मदिन भी है लिहाज़ा इस मौके पर इनका जबरदस्त सम्मान भी हुआ लेकिन इसके साथ ही कुछ सवाल भी खड़े हुए की लॉक डाउन में यह समारोह हो कैसे गया ? आज देश नेताजी सुभाष बोस के 125 वीं जयंती मना रहा है,लेकिन बीजेपी से हाल ही में निष्काषित नांगलोई की निगम पार्षद ज्योति रछौया और बीजेपी समेत कई पार्टियों के नेता राह चुके चतर सिंह रछौया आम आदमी पार्टी से राज्य सभा सांसद डॉ सुशील गुप्ता के बड़े भाई गंगा बिशन गुप्ता का जन्मदिन ज्यादा महत्वपूर्ण है।

बता दें कि नांगलोई वार्ड से निगम पार्षद ज्योति राछौया भाजपा से 2017 निगम चुनाव में पार्षद चुनी गई थी लेकिन हाल में ही पार्टी विरोधी गतिविधियों और भ्रष्टाचार के तमाम आरोपों के बीच बीजेपी ने इन्हें पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया था। ज्योति राछौया भी चतर सिंह के परिवार से ही हैं और उनके छोटे भाई की पत्नी हैं।

भाजपा से निष्काषित हुए इन नेताओं ने उनका केवल जन्मदिन ही नहीं मनाया, बल्कि उनकी संस्था श्री कृष्ण जमाष्टमी के नाम पर वरिष्ठ नागरिक केंद्र का नामकरण भी कर दिया। वर्ष 2017 में पूर्व बीजेपी पार्षद के भूमि रछौया के पति चतर सिंह रछौया ने यह वरिष्ठ नागरिक केंद्र पूर्व प्रधान मंत्री अटल बिहारी वाजपयी के नाम पर बनाया था लेकिन अब निष्ठा बदली तो वरिष्ठ नागरिक केंद्र का नाम भी बदल गया। वहीं स्थानीय लोग इस नामकरण समारोह का  विरोध कर रहे है और सवाल उठा रहे है की आज लॉक डाउन के दौरान यह कार्यकर्म कैसे कर दिया गया। इतना ही नहीं, स्थानीय लोग एक बार फिर चतर राछौया पर टिकट के लालच में सस्ती चतुराई और भ्रष्टाचार के आरोप लगा रहे हैं।

क्षेत्र में ये नेता अपनी कुटिलता के लिये पहले से ही चिर परिचित हैं और स्थानीय लोग भी इनके इस चरित्र से अब भली भांति वाकिफ हो चुके हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि तमाम चाटुकारिता के बाद भी क्या आम आदमी पार्टी का नेतृत्व ऐसे नेताओं को अपनी पार्टी में जगह और उसके बाद टिकट देने का जोखिम उठा सकती है जो मौसम के हिसाब से पार्टी और पक्ष बदलने में माहिर रहे हैं। पूरे प्रकरण पर स्थानीय निवासी राजेंद्र खर्रा कहते हैं कि यह सरकारी सम्पत्ति पर ऐसे ही कब्जे कर रहा है , लॉक डाउन में यह कैसे हो गया ? यह आम आदमी पार्टी से टिकट लेना चाह रहा है। इस वरिष्ठ नागरिक केंद्र का मामला अभी लोकायुक्त में लंबित है। ऐसे में सवाल यह है कि क्या यह फ़र्ज़ी  नामकरण समारोह  था? यदि नहीं तो लॉक डाउन के दौरान यह नामकरण समारोह कैसे हो गया ? इस समारोह में इतनी भीड़ कैसे हो गयी ? किसी ने भी मास्क नहीं पहना हुआ था , सोशल डिस्टेंस की तो बात ही मत पूछिए .

स्थानीय निवासी राजेंद्र खर्रा

इन सब सवाल पर चतर सिंह रछौया ने सफाई देते हुए कहा उन्होंने किसी को आमंत्रित नहीं किया था। आस पास के लोग खुद ही आ गए रही बात इस वरिष्ठ नागरिक केंद्र के नामकरण की , यह नगर निगम ने पास किया है , निगम पार्षद ज्योति रछौया ने इसकी सिफारिश की थी क्यों कि निगम इसकी देख रेख नहीं कर पा रहा था। 

जाहिर है नेताजी को न नेताजी सुभाष चंद बोस की जयंती याद रही और न लॉक डाउन के नियमों का ख्याल ! ध्यान रहा तो केवल आम आदमी पार्टी के राज्य सभा सांसद के बड़े भाई का जन्मदिन। सवाल बीजेपी नेताओं पर भी है कि  आखिर नगर निगम ने पूर्व प्रधान मंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर बने इस वरिष्ठ नागरिक केंद्र का नाम बदलने की अनुमति कैसे दे दी ? नामकरण समारोह के इस पत्थर पर मेयर साहब के साथ बीजेपी नेताओं के नाम भी कैसे अंकित है? और यदि यह फ़र्ज़ी समारोह हुआ तो हो कैसे गया ?

बहरहाल इन सब सवालों के साथ इन्तजार इस बात का भी है कि लॉक डाउन का उल्लंघन करने पर चतर सिंह राछौया, निगम पार्षद ज्योति राछौया और उनके अन्य लोगों पर क्या कोई कार्रवाई होगी? पूर्व बीजेपी नेता और पार्षद की इस मक्खनबाजी पर क्या इन्हे आप में प्रवेश का रास्ता मिलेगा

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