Thursday, April 25, 2024
spot_img
Homeअपराधवजीरपुर गांव-North MCD- TPDDL के भ्र्ष्टाचार का नमूना, बेईमान मार रहे...

वजीरपुर गांव-North MCD- TPDDL के भ्र्ष्टाचार का नमूना, बेईमान मार रहे मजे और ईमानदारी की मिल रही सजा

-MCD, पुलिस और TPDDL के भ्र्ष्टाचार का नमूना

 -अवैध फैक्ट्रियों से हो रही लाखों रुपये की मासिक उगाही 

-दर्ज़ी की दुकान पर कार्रवाई, अवैध फैक्ट्रियों पर मेहरबान 

-दिल्ली दर्पण टीवी 

वज़ीर पुर। दिल्ली में सुनियोजित भ्र्ष्टाचार किस कदर हावी है इसकी बानगी नार्थ एमसीडी के वज़ीर पुर विधान सभा में पुलिस प्रशासन ,नगर निगम और बिजली कपनी टीपीडीडीएल की मिलीभगत से फिर साबित हो रहा है। यहाँ के वज़ीर पुर गावं में यूँ तो 200 से ज्यादा अवैध दुकानें और फैक्ट्रियां चल रही है लेकिन यहाँ के आठ लोगों ने नगर निगम में लाइसेंस के लिए आवेदन किया तो नगर निगम ने नियमों का हवाला देकर उनका आवेदन कर कर दिया और बिजली कम्पनी टीपीडीडीएल को उनके बिजली कनेक्शन काटने के आदेश दे दिए। यहाँ टीपीडीएल ने केवल एक शख्स डब्ल्यू,पी-383 में दर्ज़ी का काम करने वाले एक शरीफ शख्स का ही बिजली कनेक्शन तो काट दिया लेकिन बाकी अवैध रूप से तेज़ाब के फैक्ट्री चला रही सात लोगों से सैटिंग कर उन्हें छोड़ दिया गया। इस गरीब को को यह सजा केवल इसलिए नहीं मिली की उसने उन्हें चढ़वा नहीं दिया , बल्कि उसका कसूर यह है की उसने स्मार्ट मीटर लगवा लिया। जिसके चलते टीपीडीडीएल ने उसका बिजली कनेक्शन तुरंत काट दिया और अब वह लग नहीं सकता। 

यह भी पढ़ें-  धार्मिक स्थल से बहार आई आवाज तो होगा पुलिस द्वारा नोटिस जारी : लाउडस्पीकर विवाद

दरअसल 2019 में वजीरपुर गांव के डब्ल्यू,पी-355 निवासी अब्दुल बर्ल, डब्ल्यू,पी-383 निवासी अब्दुल ज़ाकिर, डब्ल्यू,पी-348 निवासी नारायण पाल, डब्ल्यू,पी-260 निवासी धर्मबीर, डब्ल्यू,पी-212 निवासी जयपाल खर्ल, डब्ल्यू,पी-231/बी निवासी गोपाल, डब्ल्यू,पी-231/बी निवासी पवन और डब्ल्यू,पी-320 निवासी निजामुद्दीन ने लाईसेन्स के लिए नगर निगम में आवेदन किया था। इनमें एक को छोड़कर सभी खतरनाक श्रेणी के काम कर रहे है। नगर निगम ने सभी को अवैध बताकर उन्हें नोटिस दे दिए और कुछ सालों बाद उनके बिजली  कनेक्शन काटने के आदेश दिए दिए थे।  

यह घटना इस बात को फिर साबित करती है की नगर निगम और पलिस प्रशासन के साथ अब निजी बिजली कम्पनी टीपीडीडीएल भी किस कदर सुनियोजित व संस्थागत भ्र्ष्टाचार लिप्त है। यहाँ के छोटे छोटे दुकानदारों का दर्ज़ है की उन्हें भी अपना काम चलने के लिए सभी को मंथली देनी पड़ती है। जो भी इस भ्र्ष्ट सिस्टम्स से बहार जाता है उस पर गाज गिरने तय है।

दिल्ली दर्पण टीवी ने केशव पुरम जोन चैयरमैन और स्थानीय निगम पार्षद योगेश वर्मा से लेकर टीपीडीडीएल के पीआरओ वरुण माथुर और स्थानीय मैनेजर बृजेश से भी कई बात शिकायत की गयी। लेकिन आज इनके पास इस बात का कोइ जबाब नहीं है की उनके बिजली कनेक्शन क्यों नहीं काटे गए। दिल्ली दर्पण टीवी ने इस विषय पर टीपीडीडीएल पीआरओ वरुण से फिर बात की तो उन्हें भी यकीन नहीं हुआ। वरुण माथुर ने टीपीडीडीएल के दोषी कर्मचारियों पर करवाई का भरोसा दिया। वहीँ नार्थ एमसीडी केशव पुरम जोन चैयरमैन योगेश वर्मा ने भी इस पर संज्ञान लेने की बात कही। लेकिन इस बात का उनके पास भी कोई जबाब नहीं था की वज़ीर पुर गावं में अवैध फैक्ट्रियों बड़ी तादाद में चल कैसे रही है। इस ओर नगर निगम अधिकारीयों की आँखे बंद क्यों है ?सूत्रों की मानें तो केवल वज़ीर पुर गावं से ही नगर निगम के लाइसेंसिंग इंस्पेक्टर की लाखों रुपये की अवैध कमाई होती है। यहाँ अवैध फैक्ट्री कारोबा चलना आसान है लेकिन नगर निगम को लाइसेंसिग फीस देकर काम करना आसान नहीं है। मौजूदा नियमों के अनुसार वज़ीर पुर गावं में वैध रूप से फैक्ट्री और दूकान या कोई और काम करना मुश्किल है।दिल्ली नगर निगम के आर्थिक संकट की एक बड़ी वजह यही है की यहाँ के अधिकारी और नेताओं की निगम की कमाई में कम निजी कमाई में रूचि ज्यादा रहती है। वज़ीर पुर गावं की यह बानगी भी इसी का प्रमाण है की यहाँ भ्र्ष्टाचार की सांठगांठ की गाँठ कितनी मजबूत है।

देश और दुनिया की तमाम खबरों के लिए हमारा यूटयूब चैनल दिल्ली दपर्ण टीवी (DELHI DARPAN TV) सब्सक्राइब करें।

आप हमें FACEBOOK,TWITTER और INSTAGRAM पर भी फॉलो पर सकते हैं

RELATED ARTICLES

Most Popular

Recent Comments