मधु जी लिमये ने जीवन में न्यूनतम लिया, अधिकतम दिया और श्रेष्ठतम जीया : डॉ. राजकुमार जैन

पटना में मधु लिमये जन्म शताब्दी समारोह सम्पन्न

बिहार के विभिन्न जिलों में आयोजित किये जाएंगे कार्यक्रम

मधु लिमये जन्मशताब्दी स्मारिका एवम मधु लिमये जी द्वारा सरदार पटेल पर लिखी गयी पुस्तक  का किया गया लोकार्पण

लोक गायिका देवी के सांस्कृतिक कार्यक्रम ने सभी दर्शकों को मुग्ध किया
दिल्ली दर्पण टीवी ब्यूरो 
नई दिल्ली/पटना।
मधु लिमये जन्म शताब्दी समारोह कार्यक्रम पटना के ए.एन सिन्हा इंस्टिट्यूट में पूर्व सांसद राजनीति प्रसाद द्वारा आयोजित किया गया। कार्यक्रम को मधु लिमये जन्म शताब्दी समारोह समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रो. राजकुमार जैन, समाजवादी समागम के राष्ट्रीय महामंत्री अरुण श्रीवास्तव, बिहार सरकार के पूर्व मंत्री रामचंद्र पूर्वे, पूर्व मंत्री श्याम रजक, ए एन सिन्हा इंस्टीट्यूट के पूर्व निदेशक डी एन दिवाकर, उच्च न्यायालय पटना की एड. सुश्री वीणा जायसवाल, बिहार के प्रसिद्ध न्यूरो सर्जन डॉ. गोपाल प्रसाद सिन्हा,पटना के उच्च न्यायालय के एडवोकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष, वरिष्ठ अधिवक्ता योगेंद्र चंद्र वर्मा एवं छात्र संघर्ष वाहिनी की कंचन बाला आदि ने संबोधित किया। मंच का संचालन सामाजिक कार्यकर्ता मदन द्वारा किया गया।


27 वर्षों से मधु लिमये की स्मृति में हर वर्ष ए एन सिन्हा इंस्टीटूट में 2 कार्यक्रम करने वाले राजनीति प्रसाद जी ने अतिथियों का स्वागत किया। कार्यक्रम के दौरान मधु लिमये की स्मृति में बिहार के सभी जिलों में कार्यक्रम आयोजित करने का निर्णय लिया गया। कार्यक्रम के दौरान मधु लिमये की स्मृति में स्मारिका तथा मधु लिमये द्वारा सरदार पटेल पर लिखी गयी पुस्तक  का लोकार्पण किया गया।


स्मारिका के बारे में जानकारी देते हुए डॉ सुनीलम ने कहा कि स्मारिका और पुस्तक का प्रकाशन समाजवादी समागम द्वारा किया गया है, जिसमे रमाशंकर सिंह एवं अन्य 15 समाजवादी साथियों द्वारा आर्थिक योगदान दिया गया है। स्मारिका में देश के विभिन्न समाजवादी नेताओं, चिंतकों एवं कार्यकर्ताओं के 36 लेख और मधु जी के 7 लेख प्रकाशित किए गए हैं। उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम सेनानी जीजी परीख की अपील का उल्लेख करते हुए समाजवादियों से एकजुट होकर संघर्ष करने और जेल जाने के लिए तैयार होने की अपील की। उन्होंने बताया कि स्मारिका का संपादन प्रोफेसर आनंद कुमार द्वारा किया गया है और उपसंपादक के तौर पर उन्होंने और प्रोफ़ेसर जयंत तोमर ने योगदान किया है।

ये भी पढ़ें अब सुब्रत राय की लोकसभा अध्यक्ष के नाम पर निवेशकों को बरगलाने की कोशिश!


सभी वक्ताओं ने मधु जी के स्वतंत्रता आंदोलन, गोवा मुक्ति आंदोलन, भारतीय समाजवादी आंदोलन में महत्वपूर्ण योगदान तथा महाराष्ट्र (पुणे) में पैदा होकर बिहार में मुंगेर और बांका से चार बार लोकसभा में प्रतिनिधित्व करने के साथ-साथ विविध समसामयिक विषयों पर लेखन को लेकर विचार व्यक्त किए। मधु लिमये के आजीवन नजदीक रहे प्रो. राजकुमार जैन ने कहा कि मधु जी ने अपने जीवन में न्यूनतम लिया, अधिकतम दिया और श्रेष्ठतम जीया। उन्होंने  मधु लिमये जी के 8 जनवरी 1995 को देहांत के बाद पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई, बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री ज्योति बसु, इंडियन एक्सप्रेस, हिंदुस्तान टाइम्स के पूर्व संपादक तथा प्रधानमंत्री के सलाहकार रहे श्री एच के दुआ के द्वारा दी गई श्रद्धांजलि का उल्लेख करते हुए बताया कि मधु जी की विद्वता, सादगी, सिद्धांतवादिता और ईमानदारी से सभी विचारों के लोग  प्रभावित थे। मधु लिमये जी का विस्तृत तौर पर उन्होंने जीवन परिचय दिया तथा दिल्ली के आंदोलनों में उनकी भागीदारी का उल्लेख किया गया। नृत्यांगना एवं राज्यसभा सदस्य सोनल मानसिंह का उल्लेख करते हुए कहा कि मधु जी को आंतरिक सुख, अध्ययन और संगीत में मिलता था। प्रोफ़ेसर जैन ने बताया कि मधु लिमये जी नागरिक आजादी के सवाल को सर्वोच्च प्राथमिकता दिया करते थे। मधु जी को चार बार लोकसभा सदस्य रहने के बाद जब राज्यसभा में भेजने का प्रस्ताव दिया गया तब वे राज्यसभा सदस्य बनने को तैयार नहीं हुए। उन्होंने घड़े का पानी पीकर, खिचड़ी खाकर, बिना फ्रिज, टीवी, एयर कंडीशनर के अपना जीवन व्यतीत किया, जिससे सभी को प्रेरणा मिलती है।


बिहार सरकार के पूर्व मंत्री रामचंद्र पूर्वे ने कहा कि मधु लिमये के आजादी के आंदोलन, गोवा मुक्ति आंदोलन, समाजवादी आंदोलन के योगदान को छात्रों को पढ़ाया जाना चाहिए, लेकिन सरकार शिक्षा का भगवाकरण कर रही है। उन्होंने समाजवादी आंदोलन के विभिन्न नेताओं का जिक्र करते हुए कहा कि युवाओं को आगे आकर संवैधानिक मूल्यों की रक्षा का संकल्प लेना चाहिए।
समारोह को संबोधित करते हुए पूर्व मंत्री श्याम रजक ने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का जितनी सुक्ष्मता और गहराई से मधु लिमये ने विश्लेषण किया, उससे साफ होता है कि संघ परिवार संविधान को कितनी बड़ी चुनौती पेश कर रहा है। उन्होंने बिहार के विभिन्न जिलों में मधु लिमये जन्म शताब्दी समारोह कार्यक्रम आयोजित करने की अपील करते हुए कहा कि वे मधु जी के विचारों के प्रचार प्रसार के लिए तन- मन -धन से सहयोग करेंगे।


समाजवादी समागम के राष्ट्रीय महामंत्री अरुण श्रीवास्तव ने कहा कि  1967 में मधु जी ने लोकसभा में चुनाव में अत्यधिक धन के इस्तेमाल पर पाबंदी लगाने वाला विधेयक पेश किया, जिसे सरकार ने स्वीकार किया बाद में वह कानून बना। मधु जी संसदीय प्रक्रिया और नियमों के गहरे जानकार थे। उनकी सादगी और अध्ययनशीलता ने सभी को प्रभावित किया। उन्होंने समाजवादी समागम द्वारा दिल्ली के गांधी शांति प्रतिष्ठान में 30 अप्रैल को आयोजित  मधु लिमये जन्मशताब्दी समारोह की विस्तृत जानकारी दी।
    ए एन सिन्हा इंस्टीट्यूट के पूर्व निदेशक डी एन दिवाकर ने लोकतंत्र में सामाजिक आंदोलनों की भूमिका को लेकर दुनिया में हुई विभिन्न क्रांतियों से जुड़े मुद्दों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि समाज में होने वाले सामाजिक आंदोलन लोकतंत्र को गहराई प्रदान करते हैं, जिससे लोकतंत्र का विस्तार होता है।
न्यूरो सर्जन डॉ. गोपाल प्रसाद सिन्हा ने कहा कि मधु लिमये जी को बिहार का ज्ञानकोष कहा जाता था। उन्होंने समाज, देश और दुनिया की विभिन्न घटनाओं का बेजोड़ विश्लेषण किया तथा कथनी और करनी में सामंजस्य स्थापित कर राजनीतिज्ञों की विश्वसनीयता को बढ़ाया।
   पटना उच्च न्यायालय की एडवोकेट वीणा जायसवाल ने कहा कि मधु जी ने भले ही कानून की डिग्री न ली हो, लेकिन वे कानूनों के गहरे जानकार थे।

ये भी पढ़ेंस्कूल में योन उत्पीड़न मामले को लेकर DWC का निगम को समन, पुलिस को नोटिस


    वरिष्ठ अधिवक्ता योगेंद्र चंद्र वर्मा ने मधु लिमये जी के सामाजिक न्याय की प्रतिबद्धता के अनेक उदाहरण देते हुए बताया कि मधु जी यदि चाहते तो जनता पार्टी के विदेश मंत्री बन सकते थे, लेकिन उन्होंने मंत्री पद की जगह संगठन को महत्व दिया। छात्र संघर्ष वाहिनी की सुश्री कंचन बाला ने समाज में महिलाओं के साथ हो रहे भेदभाव तथा बिहार और देश के समक्ष विभिन्न चुनौतियों को रेखांकित करते हुए जन आंदोलनों को मजबूत करने की अपील की।
मधु लिमये जन्मशताब्दी समारोह समिति के राष्ट्रीय सचिव एवम पूर्व विधायक डॉ सुनीलम ने कहा कि मधुजी ने राजनीति में उच्च मूल्यों के ऐसे प्रतिमान स्थापित किए जिससे केवल संसद ही नहीं पूरे देश के तमाम नेता प्रभावित और आकर्षित हुए। मधु जी सांप्रदायिक शक्तियों से लड़ने के लिए तथा सामाजिक लोकतंत्र को बचाने के लिए वामपंथियों और समाजवादियों की एकजुटता चाहते थे। जो आज की ऐतिहासिक आवश्यकता बन गयी है।
लोकतंत्र में सामाजिक आंदोलनों की भूमिका पर चर्चा  के बाद लोक गायिका देवी ने सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया, जिसे  सभी ने सराहा ।
पूर्व मंत्री श्याम रजक के सौजन्य से स्मारिका और पुस्तक के साथ  मधु जी के चित्र सहित निशुल्क झोला वितरण किया गया। यह जानकारी मधु लिमये जन्मशताब्दी समारोह समिति के सचिव डॉ. सुनीलम ने दी।

देश और दुनिया की तमाम खबरों के लिए हमारा यूटयूब चैनल दिल्ली दपर्ण टीवी (DELHI DARPAN TV) सब्सक्राइब करें।

आप हमें FACEBOOK,TWITTER और INSTAGRAM पर भी फॉलो पर सकते हैं

टिप्पणियाँ बंद हैं।

|

Keyword Related


link slot gacor thailand buku mimpi Toto Bagus Thailand live draw sgp situs toto buku mimpi http://web.ecologia.unam.mx/calendario/btr.php/ togel macau pub togel http://bit.ly/3m4e0MT Situs Judi Togel Terpercaya dan Terbesar Deposit Via Dana live draw taiwan situs togel terpercaya Situs Togel Terpercaya Situs Togel Terpercaya syair hk Situs Togel Terpercaya Situs Togel Terpercaya Slot server luar slot server luar2 slot server luar3 slot depo 5k togel online terpercaya bandar togel tepercaya Situs Toto buku mimpi Daftar Bandar Togel Terpercaya 2023 Terbaru