Friday, April 19, 2024
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Hindu Muslim Unity : क्या आरएसएस की मुस्लिम विरोधी छवि को सुधार रहे हैं मोहन भागवत या फिर हिन्दू राष्ट्र बनाने की ओर अग्रसर ?

Hindu Muslim Unity : एस वाय कुरैशी, नजीब जंग समेत पांच प्रतिष्ठित मुस्लिमों से मिले RSS चीफ मोहन भागवत, गोहत्या समेत कई मुद्दों पर हुई बातचीत, एस वाई कुरैशी और शाहिद सिद्दीकी ने कहा कि मोहन भागवत ने नियमित रूप से मुस्लिम समुदाय के संपर्क में बने रहने को संघ के चार वरिष्ठ पदाधिकारियों को नियुक्त किया है, एस वाई कुरैशी का 99 प्रतिशत भारतीय मुसलमान को भारत का ही बताना और धर्मांतरित होकर मुस्लिम बनने की बात करना आरएसएस के हिन्दू राष्ट्र मुद्दे को बल दे रहा है

सी.एस. राजपूत 

क्या आरएसएस अपनी मुस्लिम विरोधी छवि को सुधार रहा है या फिर बीजेपी के लिए वोटबैंक बनाया जा रहा है या फिर मुस्लिमों की घर वापसी कर देश को हिंदू राष्ट्र घोषित कराने यह कवायद है। दरअसल आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत कई बार मुस्लिमों के प्रति हमदर्दी बरतने की अपील कर चुके हैं। गत दिनों जब वाराणसी ज्ञानवापी मस्जिद का मामला उठा तो मोहन भागवत ने हिन्दू संगठनों को हर मंदिर में शिवलिंग न ढूंढने की सलाह तक दी थी। 

उधर एस वाई कुरैशी का 99 प्रतिशत भारतीय मुसलमान को भारत का ही बताना और धर्मांतरित होकर मुस्लिम बनने की बात करना आरएसएस के हिन्दू राष्ट्र मुद्दे को बल दे रहा है । कुरैशी ने कहा कि मोहन भागवत ने बैठक में कहा है कि जहां हिंदू मूर्तियों की पूजा करते हैं, वहीं भारतीय मुसलमान भी काबरा (कब्र) में प्रार्थना करते हैं। देश की प्रगति के लिए सांप्रदायिक सद्भाव जरूरी है और हम सभी सहमत हैं।”

दरअसल आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने पांच मुस्लिम बुद्धिजीवियों के साथ एक बैठक कर  महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की। बैठक में गोहत्या से लेकर अपमानजनक संदर्भों के उपयोग तक के मुद्दों पर चर्चा हुई। इस दौरान दोनों पक्षों ने दोनों समुदायों को प्रभावित करने वाले मुद्दों पर बातचीत जारी रखने के लिए समय-समय पर मिलने का संकल्प भी लिया। दरअसल आरएसएस के अयोध्या में राम मंदिर निर्माण और हिन्दू राष्ट्र के मुद्दे पर मुस्लिम संगठन आरएसएस से नाराज रहे हैं। बाबरी मस्जिद और राम मंदिर मामले को लेकर दोनों पक्षों में ज्यादा टकराव हो गया था। अब जब सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद अयोध्या में राम मंदिर निर्माण हो रहा है तो मुस्लिम संगठन आरएसएस के संपर्क में आ रहे हैं। 

मोहन भागवत मामले को लेकर कितने गंभीर हैं इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है। मुस्लिम बुद्धिजीवियों के साथ आरएसएस प्रमुख की बैठक का समय आधा घंटा निर्धारित था, लेकिन ये बैठक 75 मिनट तक चली। यह बैठक संघ के दिल्ली स्थित कार्यालय उदासीन आश्रम में एक महीने पहले हुई। इस बैठक में संघ प्रमुख मोहन भागवत के अलावा सरकार्यवाह कृष्ण गोपाल, पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एस वाई कुरैशी, दिल्ली के पूर्व उपराज्यपाल नजीब जंग, पूर्व एएमयू कुलपति और लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) ज़मीर उद्दीन शाह, आरएलडी नेता शाहिद सिद्दीकी और व्यवसायी सईद शेरवानी शामिल थे।

एस वाई कुरैशी और शाहिद सिद्दीकी ने एक राष्ट्रीय अख़बार से बात करते हुए कहा, “बातचीत बेहद सौहार्दपूर्ण माहौल में हुई। बैठक के बाद आरएसएस प्रमुख भागवत ने नियमित रूप से मुस्लिम समुदाय के संपर्क में रहने के लिए चार वरिष्ठ पदाधिकारियों को नियुक्त किया। अपनी तरफ से हम मुस्लिम बुद्धिजीवियों, पत्रकारों, लेखकों से संपर्क कर रहे हैं ताकि आरएसएस के साथ इस संवाद को जारी रखा जा सके।” 
एस वाई कुरैशी ने कहा, “उन्होंने (मोहन भागवत) हमें बताया कि लोग गोहत्या और काफिर (गैर-मुसलमानों के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले) जैसे शब्दों से नाखुश थे। जवाब में हमने कहा कि हमें भी इससे सरोकार है और अगर कोई गोहत्या में शामिल है तो उसे कानून के तहत सजा मिलनी चाहिए। हमने उनसे कहा कि अरबी में काफिर का इस्तेमाल अविश्वासियों के लिए किया जाता है और यह कोई ऐसा मुद्दा नहीं है जिसे सुलझाया नहीं जा सकता। हमने उनसे कहा कि हमें भी दुख होता है जब किसी भारतीय मुसलमान को पाकिस्तानी या जेहादी कहा जाता है।”

रालोद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शाहिद सिद्दीकी ने कहा, “नुपुर शर्मा की घटना के समय उन्होंने सबसे पहले आरएसएस से मिलने की मांग की थी। हमें लगा कि इस घटना के कारण मुस्लिम समुदाय के भीतर भी एक जहरीला माहौल बना दिया गया है। हालांकि जब तक हमें मोहन भागवत से मिलने की तारीख मिली, तब तक नूपुर शर्मा की घटना को एक महीना हो चुका था और विवाद काफी कम हो चुका है। इसलिए हमने दोनों समुदायों के बीच सांप्रदायिक वैमनस्य के मामलों पर चर्चा की।”

हालांकि आरएसएस के प्रचारक सुनील आंबेकर ने बैठक पर किसी भी प्रकार की टिप्पणी करने से इनकार कर दिया लेकिन संघ के एक सूत्र ने बताया कि संघ प्रमुख मोहन भागवत से इस तरह की अपॉइंटमेंट जो भी मांगता है, उसे समय मिलता है।

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