Twitter Attack on Government : किसान आंदोलन को खत्म करने लिए ट्विटर पर भी था केंद्र सरकार का दबाव 

Twitter attack on Government : ट्व‍िटर को अकाउंट्स को थोक में बंद करने के लिए कहा जा रहा था, आंदोलन में मीड‍िया कवर कर रहा था और  ट्व‍िटर से हटाने के ल‍िए कहा जा रहा था  

दिल्ली दर्पण टीवी ब्यूरो 

नये कृषि कानून मोदी सरकार ने ऐसे ही वापस नहीं लिए हैं। दरअसल सरकार के लाख प्रयास के बावजूद जब आंदोलन न रुका और बड़ा ही होता रहा तब जाकर सरकार बैकफुट पर आई थी। यह बात ट्विटर द्वारा न्यायमूर्ति कृष्णा एस. दीक्षित की अध्यक्षता वाई पीठ में अपना पक्ष रखने से भी पता चल रही है। 

दरअसल ट्विटर ने कर्नाटक हाईकोर्ट को बताया कि दिल्ली की सीमा पर हुए किसान आंदोलन के दौरान उसे कई खातों को बंद करने का निर्देश दिया गया था। सोमवार को ट्विटर ने कर्नाटक उच्च न्यायालय में बताया कि ट्विटर अकाउंट्स को ब्लॉक करने का निर्देश सरकार द्वारा दिया गया था। जो कि संविधान के अनुच्छेद 19 A के तहत भारतीय नागरिकों को मिलने वाली अभिव्यक्ति की आजादी का उल्लंघन है।

ज्ञात उच्च न्यायालय फरवरी 2021 और जून 2022 के बीच केंद्र सरकार द्वारा ट्विटर को जारी किए गए निर्देशों के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई कर रहा था। ट्विटर की तरफ से अदालत में दलील देने पेश हुए वरिष्ठ वकील अरविंद एस दातार ने कहा कि सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 69 में खातों को ब्लॉक करने की गुंजाइश नहीं है।

मामले की सुनवाई कर रही न्यायमूर्ति कृष्णा एस. दीक्षित की अध्यक्षता वाली पीठ को ट्विटर ने बताया कि बार-बार ट्विटर गाइडलाइन का उल्लंघन न होने पर अकाउंट्स को ब्लॉक नहीं किया जा सकता। कुछ मामलों में ट्वीट डिलीट हो सकते हैं।

सुनवाई के दौरान बताया गया कि किसान आंदोलन के दौरान प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया उसे कवर कर रहे थे लेकिन लेकिन आंदोलन से जुड़ी जानकारी, न्यूज को ट्विटर को हटाने के लिए कहा गया। खासकर उन खातों को ब्लॉक करने के लिए कहा गया जो आंदोलन से जुड़ी खबरें ट्वीट कर रहे थे।

ट्विटर की तरफ से पेश हुए वकील ने कर्नाटक उच्च न्यायालय को यह भी बताया कि सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 69 के तहत इस तरह का कोई प्रावधान नहीं है जो अकाउंट को थोक में ब्लॉक करने की अनुमति देता है। थोक में डिलीट करने का आदेश केवल ट्वीट पर ही लागू होता है। बता दें कि इस मामले में अगली सुनवाई 17 अक्टूबर को होगी। 

बता दें कि ट्विटर ने जुलाई में केंद्र सरकार द्वारा दिए गए आदेश को चुनौती देते हुए कर्नाटक उच्च न्यायालय का रुख किया था। इकोनॉमिक टाइम्स ने ट्विटर के हलफनामे को लेकर लिखा है कि इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से 2 फरवरी, 2021 और 28 फरवरी 2022 के बीच 1,474 अकाउंट्स, 256 URL, 175 ट्वीट और एक हैशटैग को ब्लॉक करने का आदेश दिया था।

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