glam orgy ho spitroasted.pron
total italian perversion. jachub teens get pounded at orgy.
site

मुंडका -बीजेपी के बागी निर्दलीय पार्षद गजेंद्र दराल की घर वापसी ,अब मास्टर आज़ाद का क्या होगा ?

-राजेंद्र स्वामी ,दिल्ली दर्पण 
मुंडका | दिल्ली के मुंडका वार्ड से बीजेपी के बागी उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़कर जीत हासिल करने वाले गजेंद्र दराल फिर से बीजेपी में शामिल  हो गए है। दिल्ली के प्रदेश कार्यालय में आज प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा  पूर्व बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष और विधायक विजेंद्र गुप्ता , पूर्व विधायक मनोज शौक़ीन की मौजूदगी में गजेंद्र दराल और उनके मंडल अध्यक्ष रहे शशिकांत पांडेय फिर से बीजेपी में शामिल हो गए है। पूर्व प्रदेश अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने गजेंद्र दराल को बीजेपी का पटका पहनाया और कार्यकारी अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने बीजेपी की टोपी पहनकर उन्हें बीजेपी में शामिल कर लिया। 

गौरतलब है की गजेंद्र दराल ने 2017 में दिल्ली नगर निगम का चुनाव लड़ा। चुनाव हारने के बावजूद गजेंद्र दराल जनता के बीच रहे और उनके काम करते रहे।  यही वजह रही की बीजेपी ने उन्हें फिर से प्रत्याशी बनाने की घोषणा कर दी। बीजेपी ने घोषणा तो कर दी लेकिन लेकिन अंतिम समय में टिकट मुंडका से बीजेपी के पूर्व मेयर रहे , मास्टर आज़ाद सिंह के करीबी अरुण दराल को टिकट थमा दी। मास्टर आज़ाद सिंह पूर्व मुख्यमंत्री साहिब सिंह वर्मा की भाई है और मुंडका से विधान सभा का चुनाव भी लड़ चुकें है। बीजेपी ने टिकट बदल दी तो गजेंद्र दराल निर्दलय चुनाव में खड़े हो गए। उन्हें पंचायत का साथ मिला तो वे पंचायती उम्मीदवार हो गए। उन्होंने साफ़ कहा की वे मुंडका में एक परिवार की दादागिरी नहीं चलने देंगे। जाहिर है उनका इशारा मास्टर आज़ाद की तरफ ही था। लोगों का जबरदस्त समर्थन गजेंद्र को मिला, बीजेपी के मंडल स्तर के लगभग सभी पदाधिकारियों ने अपने पदों से इस्तीफा दे दिया। आखिकार गजेंद्र दराल हज़ारों वोटों से विजयी रहे और बीजेपी को काफी फजीहत का सामना करना पड़ा। अब बीजेपी ने गजेंद्र को फिर से शामिल कर ख़ुशी तो जाहिर की है लेकिन वह अपनी करनी पर अपनी बगलें भी झांकती महसूस हो रही है। 

गजेंद्र दराल के बीजेपी में शामिल होती ही मुंडका की राजनीति फिर से गरमा गयी है। कयास लगाए जा रहे है की गजेंद्र दराल को बीजेपी ने क्या भरोसा दिया है। दिल्ली नगर निगम में बीजेपी के पास स्थाई समिति सदस्य के पद के अलावा ऐसा कुछ नहीं है की गजेंद्र को कुछ दे सकें। नरेला जोन में बीजेपी के पास बहुमत नहीं है लिहाज़ा वे जोन चैयरमैन बन सकें इसकी सभावना भी नहीं है। रही बात नेता विपक्ष की तो उसके लिए गजेंद्र के पास पर्याप्त अनुभव नहीं है। वैसे भी बीजेपी के पास कई बड़े और अनुभवी नेता है। हालांकि गजेंद्र दराल ने कहा की वे निस्वार्थ और बिना शर्त बीजेपी ज्वाइन कर रहे है। गजेंद्र दराल बेशक बिना शर्त घर वापसी की बात कर रहे हो ,लेकिन उनका निशाना मुंडका विधानसभा पर है।

दिल्ली नगर निगम चुनाव प्रचार के दौरान गजेंद्र दराल ने कभी बीजेपी से नाराजगी नहीं दिखाई। उनके निशाने पर स्व. साहिब सिंह वर्मा के भाई मास्टर आज़ाद सिंह ही रहे। मास्टर आज़ाद सिंह ने बीजेपी को कई बार ब्लैकमेल किया। उनकी वजह से ही मनोज शौक़ीन विधान सभा टिकट बदल दे गयी। उन्हें नांगलोई से चुनाव लड़ना पड़ा। अब वही मनोज शौक़ीन भी गजेंद्र दराल के साथ प्रदेश कार्यालय में नजर आये। ऐसे में सवाल है की क्या बीजेपी गजेंद्र दराल को मास्टर आज़ाद सिंह का विकल्प के रूप में देख रही है। अब मास्टर आज़ाद का क्या होगा ? क्या मुंडका में साहिब सिंह वर्मा  परिवार की राजनीति अब ख़त्म होने की और अग्रसर है ? मुंडका में बीजेपी खेमे का सबसे ताकतवर परिवार क्या चुप बैठेगा ? गजेंद्र दराल के बीजेपी में शामिल होते है मुंडका के राजनैतिक हलकों में ऐसे ही सवाल तैर रहे है। 

टिप्पणियाँ
Loading...
bokep
nikita is hot for cock. momsex fick meinen arsch du spanner.
jav uncensored