Thursday, April 25, 2024
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Sahara Protest : बिहार में जन आंदोलन का रूप ले रहा सहारा निवेशकों का आंदोलन 

सी.एस. राजपूत

भुगतान को लेकर सहारा इंडिया के खिलाफ वैसे तो पूरे देश में निवेशक और जमाकर्ता आंदोलन कर रहे हैं पर बिहार में यह आंदोलन जन आंदोलन का रूप लेता जा रहा है। जिस तरह से भुगतान को लेकर सहारा इंडिया के ऑफिसों के साथ जनप्रतिनिधियों को घेरा जा रहा है। जगह-जगह सड़कों पर उतरा जा रहा है। बिहार की राजधानी पटना से लेकर विभिन्न जिलों में युद्ध स्तर पर यह लड़ाई लड़ी जा रही है, जिस तरह से ऑल इंडिया जन आंदोलन संघर्ष न्याय मोर्चा के पदाधिकारी आग उगल रहे हैं, उसके आधार पर कहा जा सकता है कि बिहार में निवेशकों और जमाकर्ताओं का यह आंदोलन एक बड़े मुकाम की ओर जा रहा है।


भले ही कई संगठन अपने-अपने हिसाब से सहारा इंडिया के खिलाफ आंदोलन कर रहे हों पर गत १५ नवम्बर को जोनल ऑफिस पटना पर जो प्रोटेस्ट हुआ था, उसमें ऑल इंडिया जन आंदोलन संघर्ष न्याय मोर्चा और अखिल भारतीय जन कल्याण मंच के साथ ही दूसरे संगठनों ने भी मिलकर एकजुटता का परिचय दिया। यही वजह थी कि पटना ऑफिस पर हजारों निवेशक और जमाकर्ताओं का जमावड़ा जुटा था। वह बात दूसरी है कि पटना के एडीएम शशिभूषण कुमार ने सहारा प्रबंधन पर दबाव डालने के बजाय आंदोलनकारियों पर ही मामला दर्ज करवा दिया। भले ही सहारा इंडिया के दबाव में पुलिस प्रशासन आ जा रहा हो पर आंदोलनकारियों के तेवर लगातार कड़े ही हो रहे हैं। जहां जन आंदोलन संघर्ष न्याय मोर्चा के बिहार अध्यक्ष मोहित कुमार ने पटना के गांधी मैदान में बड़ी रैली करने का ऐलान कर दिया है वहीं राष्ट्रीय प्रवक्ता अनिल सिंह भगत सिंह की भूमिका में आ गये हैं। सहारा निवेशक इस आंदोलन को जेपी आंदोलन का रूप देने की बात करने लगे हैं।

दरअसल देश के जितने बड़े आंदोलन हुए हैं वह बिहार से ही हुई हैं। चाहे महात्मा गांधी का सत्याग्रह आंदोलन हो या जेपी आंदोलन या फिर देश की कोई भी बड़ी रैली सभी बिहार से ही हुए हैं। दरअसल बिहार की धरती आंदोलन के लिए बड़ी उपजाऊ मानी जाती है। यह माना जाता है कि राजनीति और पत्रकारिता दोनों के लिए बिहार का अनुभव अपने आप में मायने रखता है। ऐसे ही आंदोलनकारियों के लिए भी यह धरती बड़ी उपजाऊ है। यही वह धरती है जिस पर एक गरीब ब्राह्मण चाणक्य ने नंद वंश को समाप्त करने का संकल्प लिया और उसे समाप्त करके ही दिखाया। सम्राट अशोक भी बिहार की धरती पर ही जन्मे। महात्मा बुद्ध ने भी बिहार की धरती पर ही ज्ञान प्राप्त किया। यह बिहार की ही जिसने एक से बढ़कर एक क्रांतिकारी दिये।
अब जब देशभर में सहारा इंडिया ने लोगों से ठगी की है तो ऑल इंडिया जन आंदोलन संघर्ष न्याय मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अभय देव शुक्ला और जप तप के राष्ट्रीय संयोजक मदन लाल आजाद साथ ही अखिल भारतीय जनकल्याण मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमन श्रीवास्तव की अगुआई में  निवेशकों की बड़ी लड़ाई लड़ी जा रही है तो उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, झारखंड, महाराष्ट्र, पश्चिमी बंगाल के साथ ही बिहार में भी निवेशक और जमाकर्ता सड़कों पर उतरे हुए हैं। वैसे तो पूरे देश में निवेशकों और जमाकर्ताओं ने बड़ा मोर्चा खोल रखा है पर बिहार में इस आंदोलन ने जन आंदोलन का रूप ले लिया है। निवेशकों ने करो या मरो का नारा दे दिया है। अब देखना यह है कि बिहार में निवेशकों और जमाकर्ताओं का यह आंदोलन क्या गुल खिलाता है।

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