Monday, December 9, 2024
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UP Politics : योगी आदित्यनाथ से भिड़ाने के लिए शिवपाल यादव को उत्तर सौंप सकते हैं अखिलेश यादव !

चाचा को उत्तर प्रदेश का अध्यक्ष बनाकर दिल्ली पहुंचने की रणनीति पर काम कर रहे हैं अखिलेश यादव 

सी.एस. राजपूत 

सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद उत्तर प्रदेश के उप चुनाव में सपा मुखिया अखिलेश यादव ने अपनी पत्नी डिंपल यादव को चुनावी समर में क्या उतारा कि अखिलेश यादव से नाराज चल रहे चाचा शिवपाल यादव फिर समाजवादी पार्टी के हो लिए। अखिलेश यादव भी जानते हैं कि डिंपल यादव की जीत में शिवपाल यादव का बहुत बड़ा योगदान है। यही वजह है कि अब अखिलेश यादव ने चाचा को गले लगा लिया है। शिवपाल यादव की पार्टी प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) का समाजवादी पार्टी में विलय हो गया है।

उम्मीद व्यक्त की जा रही है कि अखिलेश यादव उत्तर प्रदेश को शिवपाल यादव  के हवाले कर खुद लोकसभा में जा सकते हैं। वैसे भी उन्होंने कन्नौज से लोकसभा चुनाव लड़ने की अपनी इच्छा जता दी है। अब शिवपाल यादव शिवपाल यादव को उत्तर प्रदेश का अध्यक्ष बना सकते हैं। दरअसल अखिलेश यादव भी जानते हैं कि योगी आदित्यनाथ सिंह को उत्तर प्रदेश से बेदखल करना इतना आसान नहीं है। ऐसे में उनसे भिड़ने के लिए उनको शिवपाल यादव से बेहतर कोई नेता दिखाई नहीं दे रहा था। दरअसल अखिलेश यादव अभी भी स्वभाव से अपने को उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री समझते हैं। उनके व्यवहार से ऐसा लगता है कि जैसे कि जैसे विपक्ष की भूमिका से वह बच रहे हों।


ऐसे में अखिलेश यादव एक तीर से दो निशाने साध रहे हैं। एक से तो वह शिवपाल यादव को उत्तर प्रदेश की बागडोर सौंपकर उनके नाराज चल रहे समाजवादी पार्टी के नेताओं पार्टी में लाने का माहौल बना रहे हैं वहीं खुद उत्तर प्रदेश में फजीहत से बचकर लोकसभा में बैठकर पार्टी का नेतृत्व करने की सोच रहे हैं। डिंपल यादव को साथ रखने के लिए अब वह लोकसभा में पहुंचने की युक्ति भिड़ाने में लग गये हैं। ऐसे में अब समाजवादी पार्टी और भाजपा के बीच बड़ा घमासान होने के आसार हो गये हैं। संसद में रोने वाले आदित्यनाथ सिंह इतने आसानी से अपने घावों को भरने देने वाले नहीं हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वजह से नेताजी के चलते वह समाजवादी पार्टी के प्रति नरम रवैया अपनाये हुए थे। यह बात अखिलेश यादव भलीभांति समझते हैं। हो सकता है कि पार्टी के मुख्य महासचिव रामगोपाल यादव ने शिवपाल यादव को योगी आदित्यनाथ से भिड़ाने की यह युक्ति अखिलेश यादव को सुझाई हो।
दरअसल नरम स्वभाव के अखिलेश यादव गर्म दिमाग के माने जाने वाले उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का सामना करने से बचते हैं। अब उन्होंने योगी आदित्यनाथ यादव से भिड़ाने के लिए चाचा शिवपाल यादव को लगाने की रणनीति बनाई है। वैसे भी सुरक्षा कम करने और सीबीआई जांच बैठाने की अटकलों के बीच शिवपाल यादव योगी आदित्यनाथ से नाराज बताये जा रहे हैं, क्योंकि माायावती शासन में मुलायम सिंह यादव आंदोलन करने के लिए शिवपाल यादव को लगाते थे। तो अपने पिता के पदचिह्नोंं पर चलते हुए अखिलेश यादव भी योगी आदित्यनाथ से भिड़ाने के लिए शिवपाल यादव को आगे करने जा रहे हैं। जमीनी हकीकत यह है कि शिवपाल यादव भी बखूबी समझ रहे हैं कि अब समाजवादी पार्टी से अलग होकर अलग संगठन खड़ा करना इतना आसान नहीं है। वैसे भी अब वह अपने बेटे आदित्य यादव को राजनीति में सेट करने की सोच रहे हैं। वह भी जानते हैं कि अखिलेश यादव के साथ रहने से ही उनके बेटे का राजनीतिक करियर संवर सकता है।
देखने की बात यह भी है कि शिवपाल यादव के समाजवादी पार्टी में आने से अब यादव परिवार को सीबीआई और ईडी का भी सामना करना पड़ सकता है। भाजपा मुलायम सिंह यादव के मुख्यमंत्रित्यकाल और अखिलेश यादव के कार्यकाल की फाइलें खुलवा सकती है। ऐसे में अखिलेश यादव को अब शिवपाल यादव के समय के नेताओं की जरूरत पड़ेगी। यही वजह है कि अब उत्तर प्रदेश में शिवपाल यादव की अगुआई में समाजवादी पार्टी योगी आदित्यनाथ शासन के खिलाफ बड़ा मोर्चा खोल सकती है। वैसे भी आंदोलन न होने की वजह से समाजवादी पार्टी के  कार्यकर्ताओं में निराशा देखी जा रही है। अखिलेश यादव भी भलीभांति जानते हैं कि कार्यकर्ताओं में उत्साह भरने के लिए उत्तर प्रदेश का संगठन शिवपाल यादव के हाथों में होना चाहिए। वैसे भी जब से शिवपाल यादव समाजवादी पार्टी से अलग हुए हैं, तब से पार्टी का संगठन लगातार लचर ही हुआ है। शिवपाल यादव की टीम हाशिये होती चली गई और अखिलेश यादव की अपनी टीम बनती चली गई। अखिलेश यादव की टीम में जमीनी नेताओं का घोर अभाव देखा जा रहा है, जिसके परिणाम विभिन्न चुनाव में देखने को मिले हैं। क्योंकि निकाय चुनाव सिर पर हैं तो ऐसे में समाजवादी पार्टी शिवपाल यादव को आगे कर बीजेपी से मोर्चा लेने की रणनीति बना रही है।

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