Delhi Politics : कहीं एमसीडी को कब्जाने की बीजेपी की मंशा के पीछे बड़े घोटाले तो नहीं  ?

हारने के बावजूद मेयर, डिप्टी मेयर के साथ ही स्टैंडिंग कमेटी सब कुछ अपने पास रखने की मनमानी जिद पाले हुए हैं दिल्ली बीजेपी के नेता 

दिल्ली दर्पण टीवी ब्यूरो 

15 साल तक एमसीडी का मजा लूटने वाली बीजेपी ने आम आदमी बढ़ती ताकत को कम करने के लिए सभी हथकंडे अपनाये पर  पार न पा सकी। मेयर चुनाव में भी बीजेपी ने एलजी वीके सक्सेना की मदद से मेयर और डिप्टी मेयर के साथ ही स्टैंडिंग कमेटी कब्जाने की पूरी तैयारी कर दी थी। कांग्रेस को भी उसने सेट कर लिया था। वह तो एन वक्त पर आम आदमी पार्टी को इस बात की भनक लग गई और सदन में बवाल कर मामले को टाल दिया। ऐसे में प्रश्न उठता है कि आखिर बीजेपी हारने के बावजूद किसी भी हालत में एमसीडी क्यों कब्जाना चाहती है ? क्या बीजेपी के एमसीडी में बड़े घोटाले हैं जिनकी वजह से बीजेपी नेताओं को जेल जाने का दर है। 

यह तब है जब नगर निगम की 250 सीटों के चुनाव में दिल्ली में सरकार चला रही आम आदमी पार्टी को बहुमत से ज्यादा 134 सीटें मिलीं। लगातार 15 साल से नगर निगम की सत्ता में रहने वाली भाजपा को 104 सीटें मिलीं। यह बीजेपी का षडयंत्र ही था कि छह जनवरी को महापौर चुनाव से पहले सदस्यों के शपथ-ग्रहण में खूब हंगामा हुआ और सारी मर्यादाएं तार-तार हुईं।

 उप राज्यपाल से नियुक्त पीठासीन अधिकारी की नियुत्ति पर बावल ऐसे नहीं हुआ था। यह एलजी की मनमानी का विरोध था। ऐसे ही एलजी ने १० एल्डर सदस्य भी अवैध रूप से नियुक्त कर दिए। मतलब किसी भी तरह से बीजेपी का एमसीडी पर कब्ज़ा होना चाहिए। 

दरअसल बीजेपी की मनमानी की बड़ी वजह यह है क्योंकि नगर निगम में न तो दलबदल विरोधी कानून लागू है और न ही दलों का व्हिप, इसलिए कुछ भी असंभव नहीं है। असली बात आप जिससे डरी हुई है वह है निगम की सबसे ताकतवर स्थायी समिति पर भाजपा ने लगभग कब्जा कर सा लिया है। कोर्ट के एक आदेश से मनोनीत सदस्य मेयर के चुनाव में वोट नहीं कर सकते लेकिन जोनल कमेटियों में वोट कर सकते हैं। मनोनीत सदस्यों के कारण 12 में से छह जोन से भाजपा स्थायी समिति का सदस्य चुनवा लेगी।

निगम के विधान में चुने हुए पार्षदों के बावजूद निगम की असली सत्ता निगम आयुक्त और नौकरशाहों के पास है। संसद में हुए संशोधन से तीन निगम 15 साल बाद एक हुआ और साथ ही निगम पार्षदों की संख्या 272 से कम हो कर 250 हुई। उसी संशोधन में निगम पर पूरा नियंत्रण उप राज्यपाल का कर दिया गया। इसीलिए अब मनोनीत सदस्य तय करने का अधिकार भी राज्य सरकार के पास नहीं रहा है।

सदनों में बहुत सारा काम नियमों से अधिक परंपराओं से होता है। पीठासीन अधिकारी वरिष्ठ पार्षद बनेगा यह परंपरा है। कई नाम सरकार भेजती है, उसमें तय करना उप राज्यपाल के अधिकार में है। उसी तरह मनोनीत सदस्यों को कब शपथ दिलाना है यह पीठासीन अधिकारी तय करते हैं।

आप को डर था कि महापौर चुनाव से पहले मनोनीत सदस्यों को शपथ दिलाकर भाजपा अपनी रणनीति कामयाब करने में लगी है। निगम में तो महापौर केवल दिखावटी पद है। वह केवल निगम की बैठक का संचालन करता है और दिल्ली का पहला नागरिक कहलाता है। निगम में अधिकारियों से फैसलों को लागू करवाने वाली संस्था स्थाई समिति है जो निगम के आर्थिक फैसले लेने के लिए सक्षम है।

उसके अध्यक्ष का चुनाव 12 जोन से आने वाले 12 सदस्य और सभी सदस्यों से चुने जाने वाले छह सदस्य करते हैं। भाजपा ने जिन दो निर्दलीय सदस्यों को अपनी पार्टी में शामिल कराया, उसमें से एक को स्थायी समिति ले सदस्य का चुनाव लड़वाना तय किया। ‘आप’ को डर है कि वह उनके सदस्यों के भरोसे चुनाव लड़ रहा है। कांग्रेस के चुनाव से अलग होने एलान का भा आप को नुकसान होगा। उससे स्थाई समिति के लिए कम मतों की जरूरत पड़ेगी। अगर भाजपा का स्थाई समिति जीतने का लक्ष्य का पूरा हो गया तो अगली बार महापौर भी उसी का बनने लगेगा।

आप नेताओं का आरोप है कि आप की बढ़ती लोकप्रियता से परेशान होकर भाजपा की केंद्र सरकार उप राज्यपाल के माध्यम से उसके नेताओं को परेशान कर रही है। एक मंत्री सतेंद्र जैन तो महीनों से जेल में है, कई और के जेल जाने की आशंका जताई जा रही है। ताजा विवाद सरकारी पैसे से पार्टी का विज्ञापन करने का है। इसके आरोप पर उप राज्यपाल ने आप से 164 करोड़ रुपए वसूलने का नोटिस भेजा है।

दिल्ली में पहली बार गैर नौकरशाह विनय कुमार सक्सेना 23 मई, 2022 को उप राज्यपाल बने तब से यह टकराव ज्यादा ही बढ़ता जा रहा है। निगम के मामले में दिल्ली सरकार को ज्यादा अधिकार ही नहीं है। यह भी संभव है कि पहला ही महापौर चुनने में कई महीने लग जाएं, तब तक नया वित्तीय वर्ष शुरू हो जाए। अगर भाजपा पहले स्थाई समिति का अध्यक्ष और बाद में महापौर अपना बनवा लेती है तो दोनों दलों की लड़ाई और तेज हो जाएगी और दिल्ली में नए तरह की राजनीति की शुरुआत हो जाएगी।

टिप्पणियाँ बंद हैं।

|

Keyword Related


link slot gacor thailand buku mimpi Toto Bagus Thailand live draw sgp situs toto buku mimpi http://web.ecologia.unam.mx/calendario/btr.php/ togel macau pub togel http://bit.ly/3m4e0MT Situs Judi Togel Terpercaya dan Terbesar Deposit Via Dana live draw taiwan situs togel terpercaya Situs Togel Terpercaya Situs Togel Terpercaya syair hk Situs Togel Terpercaya Situs Togel Terpercaya Slot server luar slot server luar2 slot server luar3 slot depo 5k togel online terpercaya bandar togel tepercaya Situs Toto buku mimpi Daftar Bandar Togel Terpercaya 2023 Terbaru