दिल्ली पुलिस के वीरता पुरस्कार पाने वाले 26 जवानों में इंस्पेक्ट प्रदीप पालीवाल भी शामिल,

-किसान आंदोलन की खौफ की यादें हुयी ताज़ा, बाबा की कृपा से  बची जान 

दिल्ली दर्पण टीवी 

दिल्ली। गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर इस वर्ष दिल्ली पुलिस के 26 अधिकारियों और और जवानों को पुलिस पदक देकर सम्मानित किया है। इनमें 7 वीरता ( पीएमजी ) के लिए  2 राष्ट्रपति पुलिस पदक विशिष्ट सेवा के लिए और 17 पुलिस पदक मेधावी सेवा के लिए दिया गया। गैलेंट्री अवार्ड से इस बार स्पेशल सेल के एसीपी ललित नेगी ,इंस्पेक्टर प्रदीप पालीवाल ( अब एसीपी ) SI  सुंदर गौतम , शमशेर सिंह , रघुवीर सिंह , Asi मनोज भाति ,शहजाद खान को सम्मानित किया गया है। 





दिल्ली में जैसे ही गैलेंट्री अवार्ड के लिए दिल्ली पुलिस के चर्चित इंस्पेक्टर प्रदीप कुमार पालीवाल का नाम घोषित हुआ तो उन्हें जानने वालों और उनके नजदीकियों में अलीपुर का वह उपद्रव फिर याद आ गया जब उनकी जान बाल बाल बची थी। किस तरह प्रदीप पलिवार ने निहत्थे ही तलवार लिए अपनी तरफ आते प्रदर्शनकारी से निहत्थे ही भीड़ गए थे। प्रदीप पालीवाल अपनी ऐसी ही निडर छवि के लिए जाने जाते है। जहाँ कहीं उनकी पोस्टिंग होती है वे अपनी कार्यशैली के लिए चर्चा में रहते है। 

घटना उस वक्त की है जब अलीपुर में किसान आंदोलन चल रहा था और सिंघु बॉर्डर पर आस पास के गावं वाले प्रदर्शन कर रहे लोगों से बातचीत करने के लिए पहुंचे थे। इन लोगों को रास्ता अवरुद्ध होने से बहुत परेशानी हो रही थी। जब स्थानीय लोग प्रदर्शनकारियों के साथ बात कर रहे थे तो उनमें तीखी बहस हो गयी और वे आक्रामक हो गए। कानून और व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने के लिए, इंस्पेक्टर प्रदीप कुमार पालीवाल अलीपुर ने अपनी टीम के साथ हस्तक्षेप किया और वहां एकत्रित प्रदर्शनकारियों को शांत करने की कोशिश की। इसी बीच एक सिख प्रदर्शनकारी हाथ में तलवार लेकर आया और तलवार लहराते हुए स्थानीय ग्रामीणों के पीछे दौड़ा। यह देखते ही इंस्पेक्टर उसके हमले से स्थानीय लोगों को बचाने के लिए प्रदीप कुमार पालीवाल हरकत में आ गए। लेकिन प्रदर्शनकारी बहुत आक्रामक और हिंसक था और उसने इंस्पेक्टर पर हमला कर दिया। प्रदीप कुमार पालीवाल को मारने के इरादे से तलवार से उनके सिर पर वार कर दिया लेकिन इंस्प. प्रदीप कुमार पालीवाल ने हमले को अपने हाथ में लिया और खुद को बचा लिया। इसके बाद हमलावर इंस्पेक्टर पर तलवार लहराता रहा।

 प्रदीप कुमार पालीवाल के हाथ और कोहनी में दो और गंभीर चोटें आई हैं। निरीक्षण प्रदीप कुमार पालीवाल ने हिम्मत नहीं हारी और जान की परवाह न करते हुए धैर्य और साहस दिखाते हुए तलवार पकड़ ली। निरीक्षण प्रदीप कुमार ने उस पर काबू पा लिया और उसकी तलवार ले ली। जख्मों पर टांके लगाने के लिए 54 टांके लगाने पड़े थे। प्रदीप पालीवाल बजरंगबली के परम्भ क्त है , उस घटना को याद करते हुए उनके परिचित कहते है की बाबा की कृपा से उनकी जान बच गयी। प्रदीप पालीवाल को इस गणतंत्र दिवस पर  गैलेंट्री अवार्ड मिला तो यह भी उन्हें बालाजी की कृपा ही नजर आती है। 

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