Saturday, April 20, 2024
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Hindenburg Report : अडानी ग्रुप के बचने की दुआ क्यों कर रहे हैं लोग ? 

अमेरिकी फर्म हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद अडानी ग्रुप को हुए भारी नुकसान के चलते दांव पर लगी करोड़ों लोगों की गाढ़ी कमाई 

सीएस राजपूत 

क्या आपने कभी सुना है कि जिस व्यक्ति की वजह से आपकी परेशानी बढ़ने वाली है। उसको ही बचाने की दुआ आप करने लगो हो। जी हां इस राज में ऐसा भी मुमकिन है। जिस अडानी ग्रुप को केंद्र सरकार ने जनता की गाढ़ी कमाई लुटवा दी। आज उसी अडानी ग्रुप के कारोबार को बचाने की दुआ लोग कर रहे हैं। इसकी वजह यह है कि केंद्र सरकार सब कुछ अडानी ग्रुप के हवाले कर जो चल रही है और अमेरिकी फर्म हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद अडानी समूह का आर्थिक साम्राज्य पूरी तरह से चरमरा गया है। दरअसल अडानी ग्रुप का पूरा खेल शेयर मार्केट का है और हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद अडानी ग्रुप के शेयर बुरी  तरह से गिरे हैं।

अडानी का कारोबार तो बड़ा है पर वे बेचारे लोग जिन्होंने बड़े स्तर पर अडानी के शेयर खरीद रखे हैं उनका क्या होगा ? एफ फिर जिस एलआईसी में लोगों ने पैसा लगा रखा है वह पैसा कहां से आएगा ? एलआईसी का भी 16000 करोड़ से अधिक का पैसा डूबा है। अडानी ग्रुप ने इस काम में अपना पूरा परिवार लगा रखा है। परिवार को लगाकर ही गौतम अडानी ने अपने ग्रुप के शेयर चढ़े दिखाए और दूसरी कंपनियों में इसमें शेयर लगा दिए। गौतम अडानी के भाई भतीजे के भी इस कारोबार में लगने की बात सामने आ रही है। विभिन आरोपों गौतम अडानी के भाई के भी जेल में जाने की ख़बरें आ चुकी हैं। 

देश के करोड़ो लोगों की गाढ़ी कमाई जो दांव पर लगी है। मतलब कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के जिन आरोपों को लोग गंभीरता से नहीं ले रहे थे उनमें काफी दम देखा जा रहा है। दरअसल राहुल गांधी लगातार कह रहे थे कि देश केंद्र सरकार नहीं बल्कि अडानी चला रहे हैं। अडानी ग्रुप में हुए इस नुकसान से देश ऐसे ही नहीं हिला है। अडानी ग्रुप बैठा तो देश के बैठने की आशंका जताई जा रही है। अडानी ग्रुप के जब इस रिपोर्ट को गलत करार दिया तो हिंडनबर्ग ने अडानी ग्रुप को कोर्ट जाने की चुनौती दे दी है। वैसे अडानी कोर्ट नहीं जाएंगे क्योंकि भारत में ये उद्योगपति कैसे आगे बढ़ते हैं किसी से छुपा नहीं है। सत्यम और सहारा ग्रुप का मामला सामने है।  

दरअसल अमेरिकी फर्म हिंडनबर्ग की रिपोर्ट ने अडानी समूह के आर्थिक साम्राज्य को बुरी तरह से हिलाकर रख दिया है। हिंडनबर्ग की रिपोर्ट व उसका शेयर बाजार पर व्यापक बुरा प्रभाव आज की तारीख में चर्चा का केंद्र बना हुआ है। दिलचस्प बात यह है कि लोगों की गाढ़ी कमाई दांव पर लगी है और केंद्र सरकार और राष्ट्रीय मीडिया चुप है। अडानी मोदी जी के मित्र जो ठहरे। 

एलआईसी का भी 16 हजार करोड़ ले डूबा अडानी ग्रुप 

दरअसल अडानी समूह के शेयरों में शुक्रवार को एक ही दिन में 3.37 करोड़ रूपए का नुकसान जो हुआ है। दिलचस्प बात यह है कि जिस एलआईसी में लोगों ने अपने बच्चों की पढ़ाई लिखाई और शादी के लिए अपनी कमाई का बड़ा हिस्सा जमा किया था वही एलआईसी अडानी समूह की पांच सबसे बड़ी कंपनियों में सबसे बड़ा नॉन प्रमोटर घरलू शेयरधारक है। अडानी ग्रुप के इस नुकसान में एलआईसी को भी 16.627 करोड़ का नुकसान हुआ है। देखने की बात यह है कि अडानी ग्रुप की कंपनियों की एलआईसी की होल्डिंग का मूल्य मंगलवार को 72.193 करोड़ रूपए से घटकर शुक्रवार को 55.565 करोड़ रुपए हो गया। यानी कि दो दिनों में 22 प्रतिशत गिरावट दर्ज की गई है। 

उधर कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने ट्वीट कर हिंडनबर्ग के अडानी ग्रुप के खुलासे पर एक रिपोर्ट जारी की है। उन्होंने जनहित में इसकी गहन जांच की मांग की है। जयराम रमेश का कहना है कि वित्तीय गड़बड़ी के आरोप तो अत्यंत गंभीर हैं मोदी सरकार ने एलआईसी, एसबीआई और अन्य सार्वजनिक क्षेत्र की बैंकों द्वारा अंधाधुंध निवेश के चलते भारत की वित्तीय प्रणाली संकट में डाल दिया है। बसपा प्रमुख मायावती ने भी 31 जनवरी से शुरू हो रहे बजट सत्र के शुरू में ही केंद्र सरकार से इस मामले में विस्तार से वक्तव्य देने की मांग की है।

ऐसे में प्रश्न उठता है  क्या केंद्र सरकार इस मामले की जांच कराएगी ? दरअसल जितने आरोप अडानी ग्रुप पर हैं उससे कम सरकार पर नहीं हैं। ऐसे में जांच का तो सवाल ही नहीं उठता है।

उधर अडानी ग्रुप अमेरिका के शार्ट सेलिंग फार्म हिंडेनबर्ग रिसर्च के खिलाफ लीगल एक्शन लेने की बात सामने आ रही है। अडानी ग्रुप ने इन आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए बड़ा चैलेंज दिया है, पर हालात से लगता नहीं कि अडानी ग्रुप की लीगल एक्शन लेगा। दरअसल अडानी ग्रुप के लीगल हेड जतिन जलंधवाला ने कहा है कि हिंडेनबर्ग रिसर्च के खिलाफ उपचारात्मक और दंडनात्मक कार्रवाई के लिए हम अमेरिकी और भारतीय कानूनों के विभिन्न प्रावधानों का मूल्यांकन कर रहे हैं। 

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