Delhi Wrestlers Protest : 2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को भारी पड़ सकता है पहलवानों का आंदोलन 

21 मई के बाद दिल्ली बॉर्डर पर किसान आंदोलन की तर्ज पर पहलवानों के पक्ष में जुट सकते हैं किसान और खाप पंचायतें 

चरण सिंह राजपूत 

भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ जंतर-मंतर पर  पहलवानों के चल रहे धरने को बहन बेटियों के सम्मान से जोड़ दिया गया है। कल जिस तरह से हरियाणा, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और राजस्थान से खाप पंचायतों के साथ ही संयुक्त किसान मोर्चा के नेता जंतर मंतर पहलवानों के आंदोलन में जुटे और उन्होंने केंद्र सरकार को 21 मई तक का अल्टीमेटम दिया है। उसके आधार पर कहा जा सकता है कि  21 मई तक यदि पहलवानों को न्याय न मिला तो दिल्ली बॉर्डर पर किसान आंदोलन की तर्ज पर पहलवानों के समर्थन में किसानों का बड़ा आंदोलन खड़ा हो सकता है। किसान और खाप पंचायतों के नेताओं ने दिल्ली बॉर्डर पर जुटने की चेतावनी जो दे दी है। 

सीधा सा मतलब है यदि 21मई तक बृजभूषण शरण सिंह का इस्तीफा लेकर जेल नहीं भेजा जाता है तो  दिल्ली बॉर्डर किसानों पर जाटों का हुजूम जुटने लगेगा।  कहना गलत न होगा कि यदि समय रहते केंद्र सरकार न चेती ओट यह आंदोलन 2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को भारी पड़ सकता है। 

देखने की बात यह है कि खिलाडियों ने आंदोलन के लिए अपना करियर भी दांव  लगा दिया है। एक ओर जहां विनेश फोगाट, साक्षी मलिक और बजरंग पुनिया अपने मेडल लौटाने की बात कर रहे हैं वहीं दूसरी ओर बजरंग पुनिया ने चैंपियनशिप में मेडल जीतने से कहीं ज्यादा जरूरी इन-बेटियों के लिए लड़ना बताया है। 

यह भी कहा जा सकता है कि बृजभूषण शरण सिंह पर यौन शोषण का आरोप लगाकर उनकी गिरफ्तारी की मांग को लेकर चल रहे इस धरने में लोग भावनात्मसक रूप से जुड़ रहे हैं। किसान आंदोलन की तर्ज पर जंतर मंतर पर भी लंगर शुरू हो चुका है। संयुक्त किसान मोर्चा और खाप पंचायतों के समर्थन देने के बाद अब यह आंदोलन बड़ा रूप ले चुका है। 

दरअसल पहलवान इस बात पर विशेष जोर दे रहे हैं कि इस आंदोलन का कहीं राजनीतिकरण न हो जाये। यही वजह है कि राजनीतिक समर्थन मिलने के बारे में पूछे जाने पर पुनिया ने कहा है कि हम कोई राजनीति नहीं कर रहे हैं। हम सिर्फ न्याय के लिए लड़ रहे हैं।” आगामी चैंपियनशिप और ओलंपिक क्वालीफाई के बारे में पूछे जाने पर पुनिया ने कहा कि चैंपियनशिप के लिए क्वालीफाई करने या ओलंपिक गोल्ड जीतने से ज्यादा महत्वपूर्ण बहन-बेटियों का सम्मान है।

आंदोलन किसानों के हाईजैक करने के मामले में संयुक्त किसान मोर्चा के नेता राकेश टिकैत ने स्पष्ट रूप से कह दिया है कि सभी निर्णय पहलवानों की समिति लेगी। उनका समर्थन बाहर से रहेगा। हालांकि यदि 21 मई तक ब्रजभूषण शरण पर कोई कार्रवाई नहीं होती है तो उसके बाद जो आंदोलन दिल्ली बॉर्डर पर किसानों और खाप पंचायतों का होगा, उसमें किसानों के एमएसपी गारंटी कानून और केंद्र सरकार की किसानों के साथ की गई वादाखिलाफी जैसे मुद्दे भी आंदोलन में शामिल हो सकते हैं। 

टिप्पणियाँ बंद हैं।

Keyword Related












Live Draw SDY link slot gacor thailand buku mimpi live draw sgp https://assembly.p1.gov.np/book/livehk.php/ buku mimpi http://web.ecologia.unam.mx/calendario/btr.php/ Live Draw HK http://bit.ly/3m4e0MT Situs Judi Togel Terpercaya dan Terbesar Deposit Via Dana live draw taiwan situs togel terpercaya Situs Togel Terpercaya Situs Togel Terpercaya slot gar maxwin Situs Togel Terpercaya Situs Togel Terpercaya Slot server luar slot server luar2 slot server luar3 bocoran angka sgp togel online terpercaya bandar togel tepercaya Situs Toto buku mimpi