Monday, December 9, 2024
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India Canada Dispute : कनाडाई हिंसा के शिकार हो सकते हैं भारतीय !


कनाडा में भारत विरोध में सड़क पर उतरे हुए हैं छात्र

कनाडा सरकार  ने भारत पर लगाया है निज्जर को मरवाने का आरोप, कनाडा के भारत के राजनयिक को हटाने के बाद भारत ने भी कनाडा का राजनयिक हटा दिया है। इन सबके के चलते कनाडा में भारतीयों के विरोध में कनाडा के लोग सड़कों पर उतरे हुए हैं 

दिल्ली दर्पण टीवी ब्यूरो 

नई दिल्ली। क्या कनाडा में रह रहे भारतीयों की दिक्क्तें बढ़ने वाली हैं। कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के बयान से तो यही लग रहा है। जस्टिन टुडो ने कहा है कि छात्रों की भारत विरोध गतिविधियों और आपराधिक हिंसा को देखते हुए भारतीय सावधानी बरतें। उनके इस बयान से भारतीयों की टेंशन बढ़ गई है। इसी बीच बुधवार को विदेश मंत्रालय ने भारतीय नागरिकों और छात्रों के लिए एडवाइजरी जारी की है ।

इसमें कहा गया कि कनाडा में रह रहे भारतीय नागरिकों और छात्रों को वहां बढ़ती भारत विरोधी गतिविधियों और आपराधिक हिंसा को देखते हुए अत्यधिक सावधानी बरतने का आग्रह किया जाता है। साथ ही जो नागरिक कनाडा की यात्रा करने वाले हैं वो भी सावधानी बरतें ।भारतीय नागरिकों को सलाह दी जाती है कि वे कनाडा के उन क्षेत्रों और संभावित स्थानों की यात्रा करने से बचें जहां ऐसी घटनाएं देखी गई हैं।कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने आरोप लगाया है कि सिख नेता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के पीछे भारत सरकार हो सकती है। 

हालांकि भारत सरकार निज्जर की हत्या के आरोपों को ख़ारिज करती रही है। निज्जर की हत्या में भारत की भूमिका की जांच के मद्देनजर कनाडा ने भारत के शीर्ष राजनयिक को भी निष्कासित कर दिया है। उधर भारत ने भी जवाबी कार्रवाई में दिल्ली स्थित कनाडाई उच्चायोग को समन भेजा और एक सीनियर डिप्लोमैट को निष्कासित करने का फ़ैसला किया है। उस राजनयिक को भारत छोड़ने के लिए पाँच दिन का समय दिया गया है।   
भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा है कि कनाडाई डिप्लोमैट का भारत के आंतरिक मामलों में बढ़ते हस्तक्षेप और भारत विरोधी गतिविधियों के कारण यह फ़ैसला लिया गया है। दरअसल कुछ दिन पहले ही ट्रूडो जी-20 सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए भारत आए थे. इस दौरे में ट्रूडो के साथ मुलाक़ात में पीएम मोदी ने कनाडा में सिख अलगाववादी गतिविधियों और भारतीय राजनयिकों पर होते हमलों का मुद्दा उठाया था। ट्रूडो के मुल्क लौटने के कुछ वक़्त बाद ही कनाडाई वाणिज्य मंत्री मैरी एनजी के प्रवक्ता ने शुक्रवार को बताया था कि कनाडा ने भारत से द्विपक्षीय मुक्त व्यापार समझौते पर बातचीत रोक दी है। 
भारत के विदेश मंत्रालय ने कनाडा के प्रधानमंत्री के आरोपों को ख़ारिज कर दिया है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा, ”कनाडा के प्रधानमंत्री ने संसद में जो कुछ भी कहा, उसे हम ख़ारिज करते हैं. कनाडा की विदेश मंत्री के बयान को भी हम नकारते हैं.”

”कनाडा में किसी भी तरह की हिंसा में भारत सरकार पर शामिल होने का आरोप लगाना हास्यास्पद और राजनीति से प्रेरित है. इसी तरह हमारे प्रधानमंत्री के सामने कनाडा के प्रधानमंत्री ने आरोप लगाए थे और हमने उसे भी पूरी तरह से ख़ारिज किया था. हम क़ानून के राज को लेकर लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति प्रतिबद्ध हैं.”

भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा, ”ऐसे बेबुनियाद आरोप खालिस्तानी आतंकवादी और अतिवादियों से ध्यान भटकाने के लिए हैं. ऐसे खालिस्तानी आतंकवादियों और अतिवादियों को कनाडा ने प्रश्रय दे रखा है, जो भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के लिए ख़तरा हैं.” 

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