अंशु ठाकुर , दिल्ली दर्पण टीवी
दिल्ली के आराकसा रोड पर बीते शनिवार की शाम एक ऐसी घटना हुई, जिसने हर किसी का दिल दहला दिया. बारिश की वजह से एक निर्माणाधीन दीवार अचानक ढह गई और इसके मलबे में दबकर तीन मजदूरों की जिंदगी हमेशा के लिए खत्म हो गई. इस हादसे ने मजदूरों के परिवारों को तोड़ दिया, बताया जा रहा है कि एक अन्य मजदूर गंभीर रूप से घायल है और अस्पताल में जिंदगी-मौत से जूझ रहा है.
दरअसल, शाम 6:20 बजे के करीब पुलिस को एक पीसीआर कॉल मिली कि आराकसा रोड पर एक दीवार गिर गई है. मौके पर पहुंची पुलिस और बचाव टीम को पता चला कि वहां एक बेसमेंट का निर्माण कार्य चल रहा था. भारी बारिश ने दीवार को कमजोर कर दिया, और देखते ही देखते वह भरभराकर ढह गई. मलबे में कई मजदूर दब गए. बचाव दल ने तुरंत काम शुरू किया, लेकिन तीन मजदूरों को बचाया नहीं जा सका.

मृतकों में 65 साल के प्रभु थे, जो इस निर्माण कार्य के ठेकेदार थे. बिहार के मुंगेर के रहने वाले प्रभु अपने परिवार की रीढ़ थे. उनके साथ 40 साल के निरंजन (मुंगेर, बिहार) और 35 साल के रोशन (आजमगढ़, यूपी) भी इस हादसे का शिकार हुए. निरंजन और रोशन प्रभु के साथ मजदूरी करते थे. तीनों की मौत ने उनके परिवारों को गहरे दुख में डुबो दिया. रोशन के एक पड़ोसी ने बताया, “वो अपने बच्चों के लिए दिन-रात मेहनत करता था. अब उनके परिवार का क्या होगा?”
आपको बता दे कि इस हादसे में 35 साल का छुट्टन गंभीर रूप से घायल हुआ है. ये बिहार के मुंगेर का रहने वाला है. उसे तुरंत अस्पताल ले जाया गया, लेकिन उसकी हालत अब भी नाजुक बनी हुई है.
पुलिस और एनडीआरएफ की टीमें मौके पर बचाव कार्य में जुटी हैं. मलबे में और लोगों के दबे होने की आशंका है.आसपास के लोग गुस्से और दुख में हैं. उनका कहना है कि बारिश के बावजूद निर्माण कार्य चलता रहा, जो इस हादसे की बड़ी वजह बना. एक स्थानीय ने कहा, “इतनी बारिश में काम रोक देना चाहिए था. ये लापरवाही ने तीन जिंदगियां छीन लीं.
यह हादसा निर्माण स्थलों पर मजदूरों की सुरक्षा को लेकर बड़े सवाल खड़े करता है. क्या बारिश में काम रोकने का कोई नियम नहीं था? और क्या दीवार की मजबूती की जांच हुई थी?