अंशु ठाकुर, दिल्ली दर्पण टीवी
दिल्ली में एक बार फिर झुग्गी-झोपड़ी हटाने को लेकर चर्चा गरम है। दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा है कि कोर्ट के आदेशों की अनदेखी नहीं की जा सकती, और इसी के तहत कालकाजी के भूविहीन कैंप में ध्वस्तीकरण की प्रक्रिया शुरू होने वाली है।
वहीँ दूसरी तरफ आज आम आदमी पार्टी कि नेता और पूर्व सीएम आतिशी ने कालकाजी में ध्वस्तीकरण के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया, जिसके बाद उन्हें दिल्ली पुलिस ने हिरासत में ले लिया।

दिल्ली के कालकाजी इलाके में स्थित भूविहीन कैंप एक बार फिर सुर्खियों में है। दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) ने इस कैंप के निवासियों को रविवार को नया नोटिस जारी किया है, जिसमें तीन दिन के भीतर इलाका खाली करने की चेतावनी दी गई है। यह नोटिस कोर्ट के आदेशों के आधार पर जारी किया गया है, और मंगलवार के बाद यहां ध्वस्तीकरण शुरू हो सकता है। डीडीए के मुताबिक, भूविहीन कैंप में कुल 1,618 झुग्गी संरचनाएं हैं, जिनमें से 935 पहले ही हटाई जा चुकी हैं। बाकी 683 संरचनाओं को हटाने की प्रक्रिया अब शुरू होगी।
सीएम रेखा गुप्ता का कहना है कि “कोर्ट ने इस झुग्गी को हटाने का आदेश चार बार दिया है। हम कोर्ट के आदेशों की अवहेलना नहीं कर सकते। यह कदम बरापुल्ला नाले को साफ करने और बाढ़ जैसी आपदाओं को रोकने के लिए जरूरी है। हमने मद्रासी कैंप के निवासियों को नरेला में घर आवंटित किए हैं और उन्हें वहां शिफ्ट किया जा रहा है।”
लेकिन इस फैसले का विरोध भी तेज हो रहा है।आज आम आदमी पार्टी (आप) की नेता और पूर्व मुख्यमंत्री आतिशी ने इसे लेकर बीजेपी और सीएम रेखा गुप्ता पर निशाना साधा है। आतिशी ने कालकाजी में ध्वस्तीकरण के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया, जिसके बाद उन्हें दिल्ली पुलिस ने हिरासत में ले लिया।
आम आदमी पार्टी की नेता आतिशी ने कहा कि, “बीजेपी ने वादा किया था ‘जहां झुग्गी, वहां मकान’, लेकिन सत्ता में आते ही उन्होंने मद्रासी कैंप को बुलडोजर से तोड़ दिया। आज जब मैं वहां गई, तो महिलाएं, बुजुर्ग, युवा—सब रो रहे थे। बीजेपी और रेखा गुप्ता को झुग्गी वालों की बददुआ लगेगी।”

डीडीए का कहना है कि भूविहीन कैंप में रहने वाले 1,862 पात्र निवासियों को कालकाजी एक्सटेंशन के फेज-1 प्रोजेक्ट के तहत फ्लैट आवंटित किए गए हैं, जबकि 181 लोग पुनर्वास के लिए अपात्र हैं। लेकिन स्थानीय निवासियों का कहना है कि उन्हें पर्याप्त समय और विकल्प नहीं दिए गए।

यह पहली बार नहीं है जब कालकाजी में ध्वस्तीकरण का मुद्दा उठा है। इससे पहले मई और जून 2025, और जुलाई 2023 में भी यहां डीडीए ने तोड़फोड़ की थी। डीडीए का कहना है कि बरापुल्ला नाले के पास बनी इन झुग्गियों की वजह से बारिश में बाढ़ का खतरा बढ़ जाता है।
वहीं, सीएम रेखा गुप्ता ने कहा है कि उनकी सरकार गरीबों के लिए प्रतिबद्ध है। हाल ही में कालकाजी में उन्होंने सीएसआर फंड से दो पार्क और तीन वाटर एटीएम के प्रोजेक्ट का ऐलान किया। लेकिन सवाल यह है कि क्या ये कदम झुग्गी निवासियों का भरोसा जीत पाएंगे?
यह मुद्दा न सिर्फ कालकाजी, बल्कि दिल्ली के अन्य झुग्गी-झोपड़ी इलाकों के लिए भी अहम है। जहां एक तरफ सरकार कोर्ट के आदेशों का पालन करने की बात कह रही है, वहीं विपक्ष इसे गरीबों के खिलाफ कार्रवाई बता रहा है।