Saturday, July 19, 2025
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AAP फिर मुसीबत में , बुलडोज़र एक्शन के बीच 2 नेता जाएंगे जेल ?

पूर्णिमा जैन : दिल्ली दर्पण

भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) ने दिल्ली के पूर्व मंत्रियों सौरभ भारद्वाज और सत्येंद्र जैन के खिलाफ एक मामला दर्ज किया है। यह मामला पिछली आप सरकार के समय स्वास्थ्य से जुड़ी परियोजनाओं के लिए दिए गए पैसों के गलत इस्तेमाल को लेकर है।

यह शिकायत पहले विपक्ष के नेता और अब विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने की थी। उन्होंने आरोप लगाया कि परियोजनाओं के बजट में गड़बड़ी की गई, सरकार के पैसे का गलत इस्तेमाल हुआ, जानबूझकर काम में देरी की गई, लागत बढ़ाई गई और निजी ठेकेदारों के साथ मिलकर बेकार संपत्तियाँ बनाई गईं। इससे सरकार को भारी नुकसान हुआ |
यह मामला भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 17ए के तहत दर्ज किया गया है |

एफआईआर के अनुसार 24 अस्पतालों ने ₹5,590 करोड़ स्वीकृत किये गए थे साल 2018 – 19 में | हलाकि इन परियोजनाओं के कार्य अधूरे रह गए और लागत में काफी वृद्धि हुई|

एफआईआर के अनुसार

FIR के अनुसार, 2018-2019 के दौरान 24 अस्पताल परियोजनाओं को मंजूरी दी गई थी, जिनकी कुल लागत 5,590 करोड़ रुपये थी| हालांकि, इन परियोजनाओं की प्रगति बहुत धीमी रही, और लागत में भी भारी वृद्धि हुई | इसके अलावा, 1,125 करोड़ रुपये की लागत वाली आईसीयू अस्पताल परियोजना, जिसमें 6,800 बिस्तरों वाली सात अस्पतालों का निर्माण शामिल था, लगभग तीन साल बाद भी आधी ही पूरी हो पाई है। इस पर अब तक लगभग 800 करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं। शुरुआत में इसे छह महीने में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया था, लेकिन ये बहुत ज्यादा लेट हो गई है।

इसके साथ ही, एसीबी ने ज्वालापुरी में परनिका कमर्शियल एंड एस्टेट प्राइवेट लिमिटेड और मादीपुर में रामासिविल इंडिया कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड द्वारा सरकारी अस्पतालों में बिना अनुमति के निर्माण का पता भी लगाया है |
शिकायत में यह भी कहा गया है कि मादीपुर अस्पताल परियोजना, जो नवंबर 2022 तक पूरी होनी थी, अब भी अधूरी है और बहुत दूर तक नहीं पहुंचा है |

जांच में पता चला है कि SAM इंडिया नाम की कंपनी को 7 आईसीयू हॉस्पिटल बनाने का ठेका दिया गया था। लेकिन इन अस्पतालों का खर्चा पहले से दोगुना हो गया है, और फिर भी अभी तक ये बनकर तैयार नहीं हुए हैं। इनका काम फरवरी 2022 तक पूरा होना था, लेकिन अब तक अधूरा पड़ा है।

एक और मामला LNJP अस्पताल का है। वहाँ एक नया बिल्डिंग ब्लॉक बनना था। ये काम “स्वदेशी सिविल इंफ्रास्ट्रक्चर” कंपनी को दिया गया। इस काम की कीमत 4 साल में ₹488 करोड़ से बढ़कर ₹1,135 करोड़ हो गई। लेकिन ये काम भी अभी तक खत्म नहीं हुआ, जबकि इसे जनवरी 2023 तक पूरा होना था।

शिकायत में ये भी बताया गया है कि सरकार ने 94 पॉलीक्लिनिक बनाने का वादा किया था, लेकिन सिर्फ 52 ही बने। इनका खर्च ₹168 करोड़ से बढ़कर ₹220 करोड़ तक पहुँच गया। इनमें से कई क्लिनिक अभी तक बंद पड़े हैं।

एफआईआर में लिखा गया है कि 2016-17 में एक डिजिटल सिस्टम (HIMS) लाने का वादा किया गया था, जिससे पैसो का हिसाब साफ़ साफ़ दिख पाए | लेकिन ये सिस्टम आज तक चालू नहीं किया गया | एक सस्ता सरकारी सिस्टम (NIC ई-हॉस्पिटल) भी था, लेकिन उसे जानबूझकर नहीं अपनाया गया |

इन सब मामलों में आम आदमी पार्टी के नेताओं, सरकारी अफसरों और प्राइवेट कंपनियों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है | वही इस मामले पर आम आदमी पार्टी बीजेपी पर हमलावर हो गई है , AAP का कहना है की जान बूझकर हमारे नेताओं को फसाया जा रहा है | चूकि हम दिल्ली में लगातार बीजेपी की बुलडोज़र करवाई का विरोध कर रहे है | इसलिए हमारे नेताओं को टारगेट किया जा रहा है | पहले भी इन्होने हमारे नेताओं को डराने का प्रयास किया है परन्तु हम डरने वाले नहीं है , और ऐसे ही गरीबो की खिलाफ हो रही करवाई का विरोध करते रहेंगे |

इन सब बातो की इतर देखना ये होगा की भविष्ये में आम आदमी पार्टी अपना स्टैंड किस और रखती है क्योकि इस से पहले जिन नेताओं पर आरोप लगे है वो जेल भी जा चुके है |

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