Wednesday, April 24, 2024
spot_img
Home Blog Page 640

मंतरना फाउंडेशन ने एक विकलांग बच्ची को दिये नए पंख, कहा आगे भी देगें साथ

नेहा राठौर

‘खोल दे पंख मेरे कहता है परिंदा, अभी और उड़ान बाकी है, जमीन नहीं है मंजिल मेरी, अभी पूरा आसमान बाकी है’। ऐसा ही कुछ शालीमार बाग में देखने को मिला, जहां आईएएस बनने का सपना देखने वाली अंजलि को मंतरना फाउंडेशन ने नए पंख दिए हैं।

दरअसल, शालीमार बाग गांव की 12वीं कक्षा में पढ़ने वाली अंजलि ने कुछ साल पहले एक ट्रेन हादसे में अपने दोनों पैर और एक हाथ गवां दिया था, लेकिन उसने जिंदगी से कभी हार नहीं मानी अपने आईएएस बनने के सपने को पूरा करने के लिए जी तोड़ मेहनत की। उसकी इसी लगन और सपने के प्रति दृढ़ता को देखते हुए, मंतरना फाउंडेशन ने उसे इलेक्ट्रिक व्हीलचेयर देकर उसे अपने सपने की ओर उड़ान भरने के लिए नए पंख दिए हैं।

इस पर अंजलि ने नम आंखों से मंतरना फाउंडेशन को धन्यवाद करते हुए कहा कि यह मेरे सपने के लिए बहुत जरूरी था, मैं इससे बहुत खुश हूं। मुझे ऐसा लग रहा है मानों मुझे मेरे पैर वापस मिल गए हों।

ये भी पढ़ें – दिल्ली के कारोबारी और उसके दोस्त की हत्या में कारोबारी का रिश्तेदार गिरफ्तार

वहीं अंजलि की मां ने भी फाउंडेशन का काफी आभार जताया और कहा कि मंतरना फाउंडेशन ने जो हमारी अंजलि के लिए किया मैं उससे बहुत खुश हुं। अब तक काफी मुश्किलें आई हैं लेकिन हमने हिम्मत नहीं हारी क्योंकि हमें पता हैं कि हमारी बेटी बहुत होनहार है। जिंदगी में कुछ कर सकती है तो फिर हम पीछे कैसे हट सकते हैं।

इसी के साथ अंजली के लिए देवदूत बनकर आई मंतरना फाउंडेशन की प्रेजिडेंट मोनिका मित्तल ने कहा कि अंजली के चेहरे पर ये खुशी देखकर मुझे बहुत अच्छा लग रहा है। जब इस बच्ची ने कहा इसे इलेक्ट्रिक व्हीलचेयर चाहिए ताकि मेरे दोनों पैर बन सके। क्योंकि डॉक्टरों ने अंजली को पैर लगाने से मना कर दिया था। उन्होंने बता कि फाउंडेशन को जैसे ही बच्ची की जानकारी मिली तो हमने अंजलि को अडॉप्ट कर लिया। अब आगे अंजली को जो भी परेशानी होगी उसमें हम इसकी मदद करेंगे।

बता दें कि अंजलि को फाउंडेशन द्वारा व्हीलचेयर देने पर सभी लोगों ने आगे भी उनका साथ देने के वायदा किया और यह आश्वासन दिलाया कि आने वाले समय में भी ऐसे लोगों की मदद करते रहेंगे जो किसी हादसे के बाद अपना जीवन जीने की उम्मीद खो देते हैं।

ये मिसाल है हम सब के लिए कि जिंदगी में कोई भी हादसे के बाद हमें हार नहीं माननी चाहिए बल्कि पुरे हौसले के साथ अपने जीवन को शुरू करना चाहिए और अपने सपनों को सच कर दिखाना चाहिए। 

देश और दुनिया की तमाम खबरों के लिए हमारा यूटयूब चैनल दिल्ली दपर्ण टीवी (DELHI DARPAN TV) सब्सक्राइब करें।

आप हमें FACEBOOK,TWITTER और INSTAGRAM पर भी फॉलो पर सकते हैं।

दिल्ली के कारोबारी और उसके दोस्त की हत्या में कारोबारी का रिश्तेदार गिरफ्तार

राजेंद्र स्वामी

राजधानी दिल्ली के अशोक विहार इलाके में एक कारोबारी सुरेंद्र गुप्ता और उसके दोस्त अमित गोयल की हत्या गुत्थी को सुलझाते हुए पुलिस ने 3 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। पुलिस के मुताबिक डबल मर्डर की ये वारदात पैसों के लेन देन के चलते हुई। डबल मर्डर के इस मामले में पुलिस ने मृतक सुरेंद्र गुप्ता के रिश्तेदार कारोबारी संदीप जैन को गिरफ्तार किया है। पुलिस के मुताबिक संदीप जैन को मृतक सुरेंद्र गुप्ता के 20 लाख रुपये देने थे।

दरअसल पुलिस को वजीराबाद इलाके में देर रात गाड़ी के अंदर एक लाश मिली थी। पुलिस ने जब जांच शुरू की तो पता चला कि लाश अमित गोयल नाम के शख्स की है और गाड़ी सुरेंद्र गुप्ता नाम के एक शख्स की है जिसका केमिकल का बिजनेस है। पुलिस सुरेंद्र के परिवार के पास पहुंची और जब परिवार से बात की गई तो परिवार ने बताया कि सुरेंद्र गुप्ता को उनके एक रिश्तेदार कारोबारी संदीप जैन से 20 लाख रुपये लेने थे और वो घर से अपने दोस्त अमित गोयल के साथ संदीप जैन के पास पैसे लेने गए थे और अब तक वापस नहीं आए है।

पुलिस ने शक के आधार पर संदीप जैन को हिरासत में लिया और उससे पूछताछ की गई। पहले वो संदीप जैन पुलिस को बरगलाने लगा लेकिन जब उससे सख्ती से पूछताछ की गई तो उसने बताया कि सुरेंद्र गुप्ता और उसके दोस्त अमित गोयल का क़त्ल उसी ने किया है। इस हत्या में उसके दो और साथी शामिल है।संदीप जैन ने बताया कि दोनों की हत्या फैक्ट्री में गई अमित गोयल की लाश को एक बोरे में डालकर सुरेंद्र की गाड़ी में रखकर उसने वजीराबाद में छोड़ दिया और सुरेंद्र की लाश को उसने अपनी फैक्ट्री में रखा है। पुलिस ने संदीप जैन की निशानदेही पर सुरेंद्र गुप्ता की लाश भी बरामद कर ली।इसके बाद डबल मर्डर की वारदात में शामिल कारोबारी संदीप जैन के दोनों वर्कर को भी गिरफ्तार कर लिया.।पुलिस इस पूरे मामले की जांच में जुटी है।

देश और दुनिया की तमाम खबरों के लिए हमारा यूटयूब चैनल दिल्ली दपर्ण टीवी (DELHI DARPAN TV) सब्सक्राइब करें।

आप हमें FACEBOOK,TWITTER और INSTAGRAM पर भी फॉलो पर सकते हैं।

OPPO ने ग्लोबल शेयर मार्केट में APPLE को पछाड़ा

दिल्ली दर्पण टीवी

Oppo ने Apple से नंबर दो की पोजिशन को छीनने का काम किया है। Oppo ने ग्लोबल मार्केट शेयर में अप्रैल और मई माह के दौरान Apple कंपनी को पीछे छोड़ दिया है। इस तरह Oppo दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी स्मार्टफोन कंपनी बन गई है।

नॉर्थ दिल्ली के अग्रिनी मोबाइल शॉप शिव वाणी टेलीकॉम के मालिक अतुल गुप्ता ने बताया की 6 सालो से ओप्पो के साथ काम करना बहुत आसान लगा,ग्राहक नये मॉडल को देख कर आकर्षित होता है और कीमत हमेशा कॉम्पीटिशन मे कम रखी है। मेरे जैसे बहुत सारे डीलर ओप्पो के साथ काम करके संतुष्ट है। ओप्पो की रेनो सीरीज् धमाकेदार रही है। कोरोना काल में भी ओप्पो का रेनो 6 प्रो ग्राहक को कीमत और फंक्शन में संतुष्ट कर पा रहा है।

यही वजह है की कंपनी की ग्लोबल स्मार्टफोन मार्केट में बड़ा फेरबदल देखने को मिला है। जहां Apple ने ग्लोबल स्मार्टफोन मार्केट में अपनी नंबर दो की पोजिशन को गवां दिया है। स्मार्टफोन निर्माता कंपनी Oppo ने Apple से नंबर दो की पोजिशन को छीनने का काम किया है। Oppo ने ग्लोबल मार्केट शेयर में अप्रैल और मई माह के दौरान Apple कंपनी को पीछे छोड़ दिया है। इस तरह Oppo दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी स्मार्टफोन कंपनी बन गई है। जबकि Samsung एक बार फिर से टॉप स्पॉट हासिल करने में कामयाब रहा है। इसका खुलासा मार्केट रिसर्च फर्म Counterpoint से हुआ है।

बता दें कि Realme और OnePlus, Oppo की सिस्टर कंपनियां है। अगर Oppo के मार्केट शेयर की बात करें, तो फरवरी से मार्च के दौरान Oppo का मार्केट शेयर करीब 16 फीसदी रहा है। इसमें Oppo की हिस्सेदारी करीब 10 फीसदी रही है। जबकि OnePlus की 1 फीसदी और Realme की हिस्सेदारी 5 फीसदी रही है। इस तरह Oppo ने अप्रैल में ग्लोबल स्मार्टफोन सेल में Apple और Xiaomi जैसी कंपनियों को पीछे छोड़ दिया है।

देश और दुनिया की तमाम खबरों के लिए हमारा यूटयूब चैनल दिल्ली दपर्ण टीवी (DELHI DARPAN TV) सब्सक्राइब करें।

आप हमें FACEBOOK,TWITTER और INSTAGRAM पर भी फॉलो पर सकते हैं।

दिल्ली -प्लास्टिक निस्तारण द्वारा अशोक विहार को प्लास्टिक रहित बनाने की अनूठी मुहीम शुरू

प्रियंका आनंद , दिल्ली दर्पण दिल्ली।

प्रियंका आनंद , दिल्ली दर्पण दिल्ली।

पर्यावरण का संकट हमारे सामने दिन प्रतिदिन गहरा रहा है। इसके दुष्परिणाम भी प्राकृतिक आपदा ,महामारी जलसंकट के रूप में हमारे सामने आ रहे है। लिहाज़ा अब जागरूक लोग यह महसूस करने लगे है कि पर्यावरण की इस चुनौती को जन भागीदारी द्वारा हीं निपटा जा सकता है। जान भागीदारी की ऐसी ही एक मिसाल फेडरेशन ऑफ़ अशोक विहार आरडब्लूए ने पेश की है। फेडरेशन ने कुछ संस्थाओं के सहयोग से अशोक विहार को प्लास्टिक रहित बनाने की मुहीम शुरू की है। इसके लिए सोशल मीडिया के सभी प्लेटफार्म पर जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। व्हाट्सअप के जरिये इसके दुष्प्रभावों पर चर्चा की जा रही है। 

फेडरेशन के प्रधान डॉ एच.सी. गुप्ता ने इसकी जानकारी देते हुए कहा कि अभियान के तहत लोगों से अपील की जा रही है कि वे प्लास्टिक वाला कूड़ा अलग रखें। साथ ही यह सुनिश्चित करें की कूड़ा सूखा और साफ़ हो। इसके लिए लोगों को आकर्षक और यूजर्स फ्रेंडली कंटेनर निःशुल्क दिया जा रहे है। इस कूड़े को उठाने के लिए सप्ताह में के बार कूड़े की गाडी उनके घर तक आएगी। केशव पुरम जोन चैयरमैन योगेश वर्मा भी इस अभियान में पूरा सहयोग कर रहे है। डॉ एच.सी. गुप्ता ने कहा की प्लास्टिक के कमर्शियल को रोकना हमारे हाथ में नहीं है। लेकिन इसका सहित निस्तारण हम लोग कर सकतें है। पैकिंग वाला प्लास्टिक का कूड़ा कचरे में जाकर ऐसा हो जाता है कि उसे सामान्य कूड़े में ही फेंका जा सकता है। इस कूड़े को जमीन में दबा दो या समुद्र में फेंक दो यह नष्ट नहीं होता बल्कि जल और जमीन और जीवन सभी के लिए बहुत हानिकारक होता है। लेकिन इसका इस्तेमाल सड़क बनाने में हो सकता है। यदि हम आने वाली पीढ़ी को सुरक्षा देना चाहतें है तो हमें यह करना ही होगा। 

फेडरेशन के महासचिव प्रमोद कोहली ने कहा कि स्थानीय लोगों को इस नेक काम से जुड़ने के लिए प्रेरित और प्रोत्साहित किया जा रहा है। इस मुहीम से “ग्रीन गुड डीड सपोर्टर्स ” के रूप में जुड़कर 20 या उससे अधिक परिवारों को जोड़ेंगे उन्हें  “ग्रीन एम्बेसडर “कहा जाएगा और प्रचार सामग्री में उनका उल्लेख होगा। मुहीम से जुड़े फेडरेशन के कोषाध्यक्ष केएल शर्मा ,कानूनी सलाहकार एडवोकेट रत्ना अग्रवाल ने कहा की यह एक क्रान्ति की शुरुआत है। इस क्रांति से अग्रोहा विकास ट्रष्ट ,ग्रीन हैंड्स सामाजिक संस्थाएं भी जुडी है। जो भी लोग इस मुहीम से जुड़ रहे है उन्हें प्लास्टिक को एकत्र करने के लिए आकर्षक व यूज़र्स फ्रैंडली कंटेनर नि:शुल्क भेजा जा रहा है। लोग खुद जड़ रहे है और लोगों से भी मोबाइल नंबर लेकर उन्हें जोड़ रहे है। 

जाहिर है लोगों को लगाने लगा है कि यदि पर्यावरण के प्रति लापरवाही जारी रही तो आने वाली जहरीले वातावरण में जीने की जदोजहद करते दिखेगी। ये वजह ही की लोग इस मुहीम को सुनकर ही तारीफ कर रहे है। 

फेडरेशन के महासचिव प्रमोद कोहली ने कहा कि स्थानीय लोगों को इस नेक काम से जुड़ने के लिए प्रेरित और प्रोत्साहित किया जा रहा है। इस मुहीम से “ग्रीन गुड डीड सपोर्टर्स ” के रूप में जुड़कर 20 या उससे अधिक परिवारों को जोड़ेंगे उन्हें  “ग्रीन एम्बेसडर “कहा जाएगा और प्रचार सामग्री में उनका उल्लेख होगा। मुहीम से जुड़े फेडरेशन के कोषाध्यक्ष केएल शर्मा ,कानूनी सलाहकार एडवोकेट रत्ना अग्रवाल ने कहा की यह एक क्रान्ति की शुरुआत है। इस क्रांति से अग्रोहा विकास ट्रष्ट ,ग्रीन हैंड्स सामाजिक संस्थाएं भी जुडी है। जो भी लोग इस मुहीम से जुड़ रहे है उन्हें प्लास्टिक को एकत्र करने के लिए आकर्षक व यूज़र्स फ्रैंडली कंटेनर नि:शुल्क भेजा जा रहा है। लोग खुद जड़ रहे है और लोगों से भी मोबाइल नंबर लेकर उन्हें जोड़ रहे है। 

जाहिर है लोगों को लगाने लगा है कि यदि पर्यावरण के प्रति लापरवाही जारी रही तो आने वाली जहरीले वातावरण में जीने की जदोजहद करते दिखेगी। ये वजह ही की लोग इस मुहीम को सुनकर ही तारीफ कर रहे है। 

ऑक्सीजन की कमी से हुई मौतों पर मनीष सिसोदिया ने केंद्र पर साधा निशाना

नेहा राठौर

देश में कोरोना की दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन की भारी कमी को लेकर दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने केंद्र पर निशाना साधा है। सिसोदिया ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि केंद्र सरकार ने कल संसद में कितनी बेशर्मी से सफेद झूठ बोला है कि देश में ऑक्सीजन की कमी से कोई मौत नहीं हुई। उन्होंने कहा कि आज केंद्र की उसी बेशर्मी को अंडरलाइन करने के लिए बीजेपी के प्रवक्ता संबित पात्रा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने इसकी जिम्मेदारी नहीं ली बल्कि केजरीवाल को गाली देना शुरू कर दिया। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार ऑक्सीजन की कमी से हुई मौतों की जांच कराएगी ताकि जल्द ही सच सबके सामने आ सके।

सिसोदिया ने कहा कि संसद में कल एक सवाल उठा जो की बहुत ही संवेदनशील था। सब जानते हैं कि कोरोना की दूसरी लहर के दौरान पूरे देश में ऑक्सीजन को लेकर क्या स्थिति थी, चारों तरफ अस्पताल, डॉक्टर, मरीज और उनके तीमारदार की तरफ से त्राहि-त्राहि मची हुई थी। उस वक्त देश में ऑक्सीजन का संकट था। ऐसे में कल जब संसद में यही सवाल उठा तो केंद्र सरकार ने बहुत ही बेशर्मी से देश की संसद में झूठ बोला कि पूरे देश में ऑक्सीजन की कमी से कोई मौत नहीं हुई। उन्होंने कहा कि सरकार को यह सोचना चाहिए कि अप्रैल के आखिरी सप्ताह में यानी 15 अप्रैल के बाद से 5 मई से 10 मई के बीच पूरे देश में जो स्थिति थी। उसमें ऑक्सीजन का मिसमैनेजमेंट केंद्र सरकार की ओर से हुआ था और इसी मिसमैनेजमेंट की वजह से पूरे देश के सभी अस्पतालों में त्राहि-त्राहि मची गई थी।

केंद्र का मिसमैनेजमेंट

सिसोदिया ने कहा कि इसी मिसमैनेजमेंट के कारण उस दौरान देश में बहुत जाने गई थीं। उन्होंने कहा कि दिल्ली में मैं खुद ऑक्सीजन का मैनेजमेंट सम्भाल रहा था। मैं जानता हूं किस तरह से मेरे व्हाट्सएप पर ऑक्सीजन के लिए अस्पतालों से डॉक्टर्स के, मरीजों के, उनके परिवारों के मैसेज भरे हुए थे कि हमें ऑक्सीजन दे दीजिए वरना हमारा आदमी मर जाएगा। सरकारी अस्पतालों में मैंने खुद खड़े होकर ऑक्सीजन डिस्ट्रीब्यूशन देखा है। केंद्र सरकार सिर्फ अपनी गलतियों को छुपाने के लिए कि उन्होंने ही इस देश में ये डिजास्टर खड़ा किया है। 13 अप्रैल के बाद से केंद्र सरकार ने ऑक्सीजन की नीति बदली जिसके कारण ये ऑक्सीजन डिजास्टर खड़ा हुआ।

केंद्र सरकार को ये जिम्मेदारी अपने सर पर लेनी ही पड़ेगी क्योंकि लोग जानते हैं कि केंद्र सरकार ने किस तरह से सारे मामले को खराब किया था। जिस बेशर्मी से कल केंद्र ने झूठ बोला, आज उसी बेशर्मी को अंडरलाइन करने के लिए बीजेपी के प्रवक्ता संबित पात्रा प्रेस कॉन्फ्रेंस करने आए। जिम्मेदारी लेने की बजाय वह झगड़ना शुरू कर देते हैं, केजरीवाल को गाली देना शुरू कर देते हैं। आज भी उन्होंने यही किया वह प्रेस कॉन्फ्रेंस करने आए और उन्होंने जिम्मेदारी नहीं ली।

केंद्र ने दिल्ली सरकार की जांच पर लगाई रोक

हर बार केंद्र जिम्मेदारी लेने की बजाय अगर केजरीवाल जी को गाली देगा तो उससे केंद्र के पाप थोड़ी छुप जाएंगे। 100 साल बाद जब इस बात की चर्चा होगी कि जब पूरी दुनिया महामारी से जूझ रही थी, उस वक्त केंद्र सरकार अपनी मूर्खतापूर्ण नीतियों से इस देश को ऑक्सीजन के संकट में धकेलने में लगी हुई थी। दिल्ली सरकार ने माना है कि हां ऑक्सीजन की कमी के कारण मौते हुई हैं और इस बात की जांच भी होनी चाहिए। मुख्यमंत्री जी ने तो यह भी कहा कि अगर किसी परिवार में ऑक्सीजन की कमी की से मौत हुई है तो उस परिवार को 5 लाख तक मुआवजा दिया जाएगा। अब इसमें भी केंद्र सरकार रोड़े अटकाने में लगी हुई है।

जबकि अरविंद केजरीवाल जी ने कहा भी कि हम एक समिति बना रहे हैं जो ऑक्सीजन की कमी की वजह से हो रही मौत के आरोपों की जांच करेगी। यह समिति ये तय करेगी कि किसकी कमी की वजह से ऑक्सीजन की कमी हुई। तो केंद्र सरकार को लगा कि इसमें तो हम जिम्मेदार माने जाएंगे कि हमने मिस मैनेजमेंट किया है वो सब सामने आ जाएगा। इसलिए केंद्र सरकार ने दिल्ली सरकार द्वारा बनाई इस समिति को बनाने ही नहीं दिया, एलजी से कहकर इसे रुकवा दिया।