दिव्यांद नसीबा बनी लोगों के आकर्षण का केंद्र
दिव्यांग जिसे समाज अपाहिज और पागल समझता हैं असल में वो लोग पागल और अपाहिज नहीं बल्कि दिव्य अंगों के साथ जन्म लेते हैं जो हमारे थोडे से स्नेह के साथ अपने अंगों का भली भांति स्तेमाल कर सकते है इसी बात को समझाने के लिए दिल्ली के सुन्दर लाल जैन…