मुकेश राणा , दिल्ली दर्पण
अशोक विहार। नार्थ वेस्ट डीसीपी वैजयंता आर्या ने एक दिन पहले के अपने आर्डर को तुरंत वापस ले लिया है। वैजयंता आर्या ने महज एक घंटे लेट पहुंचने पर एक आरआई सहित 36 पुलिस कर्मियों को सस्पेंड किया था। इस खबर को दिल्ली दर्पण टीवी ने प्रमुखता से प्रकाशित किया था। नार्थ वेस्ट डीसीपी वैजयंता आर्या ने दिल्ली दर्पण टीवी संवाददाता से इसकी पुष्टि की है।
डीसीपी ने इस पर ज्यादा बात तो नहीं की लेकिन महज एक ही दिन में अपनी ही इस फैसले को वापस लेना पुलिस महकमें पर पत्रकारों में चर्चा का विषय बना हुआ है। कुछ मान रहे है की इतने बड़ी तादाद में पुलिस कर्मियों के सस्पेंशन से निचले स्तर के पुलिस कर्मियों में नाराजगी भी है। बेशक सस्पेंशन रिजर्व पुलिस में तैनात पुलिस कर्मियों को हो ,लेकिन इससे सन्देश साफ़ था की थाना स्तर पर भी कोताही बर्दास्त नहीं की जाएगी। नाम न छपने की शर्त पर कुछ पुलिस कर्मियों का कहना था की उन्हें दो -दो दिन बिना आराम ड्यूटी करनी पड़ रही है। काम का दबाव बहुत ज्यादा है ऐसे में यदि छोटी-छोटी बात पर ऐसे कार्यवाही होगी तो पुलिस मैं नौकरी करना मुश्किल हो जाएगा। अभी दिल्ली पुलिस का थाना स्तर का स्टाफ छुट्टी की जुगत में लगा रहता है। ऐसे में काम में मन न लगाना एक बड़ी वजह है।
कुछ पुलिस कर्मी तो यहाँ तक कहतें है की इससे तो अच्छा सस्पेंड होना ज्यादा अच्छा है। सबसे बुरी हालत थाना अध्यक्ष की रहती है। स्टाफ की भरी कमी और पुलिस के गिरते मनोबल की वजह परफॉर्मेंस की कमी का खामियाजा उन्हें भुगतना पड़ रहा है। यह कहने वालों की भी कमी नहीं है की डीसीपी ने एक सन्देश देने की मकसद से ही यह कार्यवाही की है। इन घटनों से साफ़ है की दिल्ली पुलिस के बड़े से लेकर निचले स्तर के अधिकारी भी किस दबाव और तनाव के माहौल में काम कर रहे है।