अंशुल त्यागी, संवाददाता
नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता दुर्गेश पाठक ने कहा कि दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार ने भाजपा शासित एमसीडी को कर्मचारियों का वेतन देने के लिए 1095 करोड़ रुपये दे दिए हैं। इसी के साथ उन्होनें दिल्ली भाजपा प्रमुख से लेकर महापौर तक के उस दावे को सिरे खारिज कर दिया, जिसमें कहा जा रहा था कि केजरीवाल सरकार ने पैसा जारी नहीं किया है।
पाठक ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया कि बैंक कागजात साबित कर रहे हैं कि पैसा खाते में जमा हो चुका है। इसी के साथ उन्होंने आरोप भी लगाया कि भाजपा ने भ्रष्टाचार में इसी 1095 करोड़ रुपये का दुरुपयोग कर अपने नेताओं के बीच बांट दिया है। भाजपा जानती है कि उनके पास एमसीडी में अब सिर्फ एक साल बचा है। इसके कारण एमसीडी को पूरी तरह से लूटने की कोशिश कर रहे हैं।
आम आदमी पार्टी के एमसीडी प्रभारी दुर्गेश पाठक ने पार्टी मुख्यालय में 4 फरवरी को प्रेस वार्ता को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि आप सभी का ध्यान होगा कि कुछ दिन पहले दिल्ली के उपमुख्यमंत्री व वित्त मंत्री मनीष सिसोदिया और दिल्ली के कैबिनेट मंत्री सत्येंद्र जैन ने मीडिया से मुखातिब होकर बताया था कि किस प्रकार दिल्ली सरकार के पास पैसे नहीं होने के बावजूद कई योजनाओं के पैसे काटकर 938 करोड़ रुपये दिए थे। उन्हें पैसे से एमसीडी के हड़ताल कर रहे सफाई कर्मियों, शिक्षकों और हेल्थ सेक्टर के कर्मचारियों को वेतन देना संभव हो पाया। दिल्ली सरकार ने 938 करोड़ दिल्ली की जनता से टैक्स में जुटाए हुए पैसे थे।
भारतीय जनता पार्टी के दिल्ली सरकार से कोई पैसा नहीं मिलने के बयान पर दुर्गेश पाठक ने कहा कि हमने कई योजनाओं से कटौती कर पैसे जुटाए थे। कोरोना के समय दिल्ली का बजट बहुत नीचे गिर गया था। फिर भी हमने 938 करोड़ रुपए जुटाकर एमसीडी को दिए। इसके बावजूद भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष आदेश गुप्ता,नॉर्थ एमसीडी के महापौर जय प्रकाश, ईस्ट एमसीडी के महापौर निर्मल जैन और साउथ एमसीडी के महापौर श्रीमती अनामिका से लेकर भाजाप के प्रवक्ता तक ने एक ही रट लगा दी कि उनके पास पैसे नहीं पहुंचे।
इसी के साथ पाठक ने दिल्ली एमसीडी पर पैसे लूट—खसोट का आरोप लगाते हुए कहा कि पार्षदों ने सारा का सारा पैसा आपस में मिल बांट कर खा लिया। इसलिए उसके प्रदेश अध्यक्ष, महापौर, पार्षद और दूसरे नेता कहते हैं कि पैसे नहीं पहुंचे।