शिवानी मोरवाल, संवाददाता
नई दिल्ली। दिल्ली में हो रहे उपचुनाव अब अपने अंतिम चरण में है। आपको बता दें कि इन चुनावों के लिए सभी पार्टियों ने अपना पूरा दमखम लगा दिया है। इन दिनों पार्टियों में लगातार आरोप और प्रतिआरोप का भी सिलसिला चलता रहा। जब 27 जनवरी को चुनाव आयोग ने उपचुनाव की घोषणा की थी, तब इन सभी वार्डो में हलचल पैदा हो गई थी। पर किसी को ये नहीं पता था की इन चुनावों के लिए दिल्ली के मुख्यमंत्री से लेकर दिल्ली के संसाद तक इन उपचुनाव के मैदान में उतरेंगे।
उपचुनावों के इन वार्डो में जितने भी दिग्गज नेताओं ने शिरकत कि सभी ने अपने प्रत्याशियों के लिए लोगों के वोट की अपील की। जब दिल्ली के मुख्यमंत्री ने वार्ड 32 और 62 में पदय़ात्रा निकाली तो लोगों का जन सेलाब उमड़ पड़ा। हजारों की संख्या में लोगों ने इसमें हिस्सा लिया। पर पदयात्रा के बाद विपक्षियों ने आम आदमी पार्टी पर जमकर आरोप लगाए। भाजपा और कांग्रेस का कहना था की जितनी भी भीड़ अरंविद केजरीवील के इस पदयात्रा में शामिल हुई थी वो सब ही बाहर से पैसों देकर मंगवाए गए थे।
वार्ड 62 की कांग्रेस प्रत्याशी ममता का कहना था कि आम आदमी पार्टी को हारने का इतना डर है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अपने प्रत्याशी के लिए सड़कों पर उतर आए। हद तो तब हो गई जब पदयात्रा के लिए लोग बाहर से बुलाए गए। ममता का कहना था कि पदयात्रा के लिए लोगों को पैसे देकर भीड़ इक्कठी की गई है। कई संख्यों मे बसों में भर कर लोगों को लाया गया था। इन सभी पार्टियों के एकदूसरे पर आरोप का सिलसिला देखकर तो ऐसा ही लगा कि सभी पार्टियां इन चुनावों को अपना नाक का सवाल मानकर अपना हर एक कदम सोच-समझ कर रख रही है। साथ ही जीत की उम्मीद भी जता रही है।