संवाददाता, दिल्ली दर्पण टीवी
दिल्ली।। वाहनों से निकलने वाला धुंआ दिल्ली की हवा को खराब कर रहा है, लेकिन आपको बता दे कि दिल्ली निजी वाहनों की हब बनी हुई है। निजी वाहनों की संख्या दिल्ली में चलने वाले कुल वाहनों का करीब 94.78 फीसदी बैठती है। इसका जिक्र आर्थिक सर्वेक्षण 2019-20 में है। उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने सोमवार को इसे दिल्ली विधान सभा में पेश भी किया।
आर्थिक सर्वेक्षण से पता चलता है कि 2015-16 के बाद पहली बार 2019-20 में वाहनों की वृद्धि दर में इजाफा हुआ है। बीते पंद्रह सालों में 2015-16 में वाहनों की वृद्धि दर सबसे ज्यादा 9.94 दर्ज की गई थी। इसके बाद इसमें लगातार गिरावट आई। 2018-19 में आंकड़ा 3.69 फीसदी पहुंच गया था, लेकिन अगले साल यह फिर से बढ़कर 4.40 फीसदी पहुंच गया है।
दूसरी तरफ प्रति एक हजार की आबादी पर दिल्ली में करीब 643 वाहन हैं। एक साल पहले यह आंकड़ा 616 का था। बीते पंद्रह सालों में यह संख्या दो गुनी हो गई है। 2005-06 में प्रति हजार की आबादी पर 317 थी।