नेहा राठौर, संवाददाता
नई दिल्ली। कोरोना संकट के बीच गृह मंत्रालय के नोटिफिकेशन के बाद गवर्नमेंट ऑफ नेशनल कैपिटल टेरिटरी ऑफ दिल्ली यानी GNCTD बिल 27 अप्रैल से प्रभावी हो गया है। इस पर केजरीवाल सरकार ने आरोप लगाया है कि इस बिल के कानून बनने के बाद अब दिल्ली सरकार से ज्यादा उपराज्यपाल अनिल बैजल के पास शक्तियां होंगी। हालांकि, गृह मंत्रालय ने एक बयान जारी कर यह स्पष्ट किया है कि निर्वाचित सरकार की संवैधानिक और कानूनी जिम्मेदारियों में कोई बदलाव नहीं किया गया है।
गृह मंत्रालय के बयान के मुताबिक इस कानून के तहत दिल्ली सरकार के संवैधानिक व विधिक दायित्वों में किसी भी तरह का कोई बदलाव नहीं किया गया है और न ही होगा। बल्कि यह दिल्ली में बेहतर शासन सुनिश्चित करेगा। यह कानून किसी चुनी ही सरकार की संवैधानिक और कानूनी जिम्मेदारियों को बदलने के लिए नहीं बनाया गया है।
बयान के अनुसार यह संशोधन दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल की जिम्मेदारियों को परिभाषित करेगा। इसी के साथ विधायिका व कार्यपालिका के बीच एक सौहार्दपूर्ण संबंध भी बनाएगा।
बता दें कि GNCTD संशोधन के बाद अब दिल्ली सरकार को कार्यकारी निर्णय लेने से पहले दिल्ली के उपराज्यपाल की राय लेनी होगी। भले ही वह निर्णय स्वास्थ्य, शिक्षा, कृषि, वन आदि से ही संबंधित क्यों न हो, इसे पारित करने से पहले LG का अनुमति लेनी ही पड़ेगी।