Sunday, November 24, 2024
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भाजपा ने लगाएं ‘आप’ पर आरोप, निजी अस्पताल कर रहे हैं मनमानी

जूही तोमर, संवाददाता

नई दिल्ली। एक तरफ कोरोना महामारी का संकट तो दूसरी ओर कोरोना के वक्त निजी अस्पतालों में कोरोना मरीजों से मनमाने तरीके से पैसे वसूलने की चिंता को लेकर भाजपा और आम आदमी पार्टी एक बार फिर आमने सामने है। भाजपा ने आम आदमी पार्टी की सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। बता दें की भाजपा इन पीड़ित लोगों को इंसाफ दिलाने के लिए संघर्ष करेगी। उसने दिल्ली सरकार से ज्यादा बिल वसूलने की शिकायतों की जांच कराने और लोगों के पैसे वापस दिलाने की मांग की है। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष आदेश आदेश गुप्ता ने कहा कि पिछले लगभग 15 माह से अस्पताल वाले मनमानी कर रहे हैं, लेकिन दिल्ली सरकार कोई कार्रवाई नहीं कर रही हैं।

प्रदेश भाजपा कार्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता में उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष जून में केंद्र सरकार के हस्तक्षेप के बाद दिल्ली सरकार ने सर्कुलर जारी कर कोरोना मरीजों के इलाज के लिए शुल्क निर्धारित किए थे। साधारण आइसोलेशन बेड के प्रतिदिन आठ से दस हजार रुपये, बिना वेंटिलेटर वाले आइसीयूबेड के 13 से 15 हजार रुपये और वेंटिलेटर वाले बेड के 15 हजार से 18 हजार रुपये निर्धारित किए गए थे। इसके विपरीत पिछले दिनों आइसीयू बेड के लिए एक से डेढ लाख रुपये प्रतिदिन वसूले जा रहे थे। इस तरह की शिकायतों के बावजूद दिल्ली सरकार चुप रही। दिल्ली में आयुष्मान योजन नहीं लागू की गई। यदि यह लागू होती तो कई मरीजों को इलाज में दिक्कत नहीं होती। सरकार ने जानबूझकर यह योजना लागू नहीं की जिससे कि निजी अस्पताल वाले मनमानी कर सकें। उन्होंने निजी अस्पतालों की आडिट कराने की मांग की।

विधानसभा में नेता प्रति पक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने कहा कि अस्पतालों में तैनात नोडल अधिकारी मरीजों की सहायता करने के बजाय सरकार के इशारे पर काम कर रहे थे। पैसे लेकर मरीजों को बेड, आक्सजीन व वेंटिलेटर दिए जा रहे थे। लोगों की शिकायत के बावजूद किसी अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई। आक्सीजन कंसंट्रेटर व सिलेंडर के मनमाने पैसे लिए गए। एंबुलेंस वालों की मनमानी पर भी रोक नहीं लगाई गई। दो किलोमीटर के दस हजार रुपये तक वसूले गए। हाई कोर्ट के आदेश के बावजूद सरकार ने कोई कार्रवाई नहीं की। जब मामले कम होने लगे तब छह मई को एंबुलेंस वालों की मनमानी रोकने के आदेश दिए गए।

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