प्रियंका आनंद
जैसे जैसे दिल्ली नगर निगम चुनाव का समय नज़दिक आ रहा है वैसे वैसे एमसीडी कर्मचारियों के वेतन का दर्द बढ़ता ही जा रहा है। फिर चाहे वो पेरामेडिकल स्टाफ हो, होर्टीकल्चर हो, टीचर्स या कोई और। एसा ही हाल उत्तरी दिल्ली के राजन बाबू टीबी हॉस्पिटल में देखने को मिला। जहां पर अस्पताल के अलावा अन्य डिपार्टमेंट के लोगों ने भी निगम के खिलाफ धरना प्रदर्शन करके अपना गुस्सा ज़ाहिर किया। जानकारी के मुताबिक सफाई कर्मचारी ने बताया कि हमने कई समय पहले आलाअधिकारी को अपने वेतन के लिए गुज़ारिश की थी लेकिन हर बार की तरह सिर्फ हमें जुड़ा आश्वासन ही दिया जाता है।
एक कर्मचारी की माने तो कोरोना के समय में जब एक ही परिवार के लोगों ने एक दुसरे की सेवा करने से मना कर दिया था तो हमने अपनी जान की परवाह ना करते हुए सभी मरिज़ों की दिल से सेवा की लेकिन हमें इस बात का बेहद दुख है कि हमारी उन सभी सेवाओं का कोई सिला नहीं मिला। अपने दुख को बयां करते हुए उन्होंने बताया कि भूखे भजन न होय गोपाला मतलब जब खाने को रोटी ही नहीं होगी तो अस्पताल के मरिजों की सेवा कैसै करेंगे?
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साथ ही उन्होंने बताया कि इससे पहले भी कई बार निगम के पूर्व मेयर जे प्रकाश, जोगी राम जैन ने भी इस बात का आश्वासन दिया थी कि हमें हमारे वेतन जल्द से जल्द दिया जाएगा लेकिन हर बार की तरह इस बार भी उनकी तरफ से झुठा आशावासन ही मिला जिसका हम सबको बेहद दुख है। आगे उन्होंने बताया कि यदि सरकार हमें हमारे वेतन नहीं दे सकती तो इस बार मज़बुरन हमें अपना किमती वोट नोटा को देना पड़ेगा।
एक सफाई कर्मचारी ने बताया कि हमारे अस्पताल में एसा कभी नही हुआ कि किसी भी मरीज की जान गई हो और अगर दुर्भाग्यवश ऐसा होता है तो उसका ज़िम्मेदार सिर्फ और सिर्फ प्रशासन को ही माना जाएगा क्योंकि उनकी तरफ से ही वेतन ना मिलने पर ऐसे हालात हुए है जिसका हम सबको दुख है इसलिए हम चाहते है कि जल्द से जल्द हमारा वेतन और एरियर दिया जाए ताकि हमारे साथ अन्य लोगों भी परेशानी का सामना ना करना पड़े।
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