-दिल्ली दर्पण ब्यूरो
अशोक विहार। नार्थ वेस्ट जिले के शालीमार बाग़ में नशेड़ियों के बीच हुए झगड़े के बाद ऐसा बबाल मचा की करीब 150 से 200 लोग सडकों पर आ गए और हंगामे और आगजनी के आसार बन गए। प्रेमबाड़ी पुल बस स्टैंड के पास हुए इस हंगामे के दौरान ट्रेफिक जाम भी हुआ और पुलिस पर परथराव के साथ बोतलें भी चली। कुछ तत्वों ने गाड़ियों में आग लगाने की कोशिस भी की लेकिन पुलिस की सख्ती और समझदारी ने योजना नाकाम कर दी। पुलिस ने इस मामले में 27 लोगों को गिरफ्तार भी किया है।
घटना बीती रात 27 जुलाई को करीब साढ़े दस बजे की है। वज़ीर पुर पुलिस चौकी में तैनात एसआई प्रेम प्रकाश ने एओ ब्लॉक शालीमार बाग़ में स्थानीय लोगों की भारी भीड़ को देखा। किसी हंगामे की आशंका को देखते हुए प्रेम प्रकाश तुरंत अपने साथ वाले स्टाफ के साथ उस तरफ पहुंचे। इस बीच पीसीआर को भी किसी की कॉल कर दी। कुछ ही देर में वहां आस पास के पुलिस थानों से भी पुलिस बल पहुंच गया और मौके को देखते हुए रिजर्व पुलिस बल भी बुला लिया गया।
पुलिस ने पूछताछ कर मामले को समझने की कोशिस की तो पता चला कि वहां संतोष नाम के 23 वर्षीय युवक का 2-3 नशेड़ियों से झगड़ा हो गया था। उसके बाद वह बड़ी संख्या में स्थानीय लोग भी जमा हो गए। वे लोग हंगामा करने लगे और सड़क पर बैठकर ट्रैफिक को बाधित करने लगे। पुलिस ने उन्हें ऐसा करने से रोका तो उनमें कुछ बदमाशों ने पुलिस पर भी पथराव कर दिया। उन्होंने एक ट्रेफिक पुलिस की मोटरसाइकल को भी आग के हवाले करने की कोशिस की। पुलिस ने तुरंत आग पर काबू पा लिया। उपद्रवियों ने कई गाड़ियों के शीशे भी तोड़ दिए। इस हंगामे से निपटने के लिए और स्थिति को काबू करने के लिए पुलिस को हल्का बल प्रयोग भी करना पड़ा। इस घटना में स्थानीय नागरिक संतोष के अलावा 8 पुलिस कर्मी भी घायल हुए है। हालांकि सभी को प्राथमिक उपचार के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गयी है। घायल संतोष ने ही नशेड़ियों से झगड़ा किया था और भीड़ को सड़क पर लाने में उसी की प्रमुख भूमिका थी। संतोष ने पुलिस की एक गाडी के शीशे की खिड़की पर रखकर अपना बयां हाथ तोड़ दिया। इलाज के बाद संतोष को भी छुट्टी दे दी गयी। पुलिस ने इस मामले में आईपीसी की धारा 632 US 186/353/332/147/148/ के तहत मामला दर्ज़ कर लिया है। इस मामले में 27 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज़ कर उन्हें गिरफ्तार कर चुकी है और आगे की जांच जारी है।