Action on PFI-SDPI : रात में दफ्तर खुलवा कर मोर्चे पर किया था पूरा मंथन, रात भर बैठकर ईडी के डायरेक्टर संजय मिश्रा के साथ मिलकर बनाई थी रणनीति, तड़के साढ़े तीन बजे PFI नेताओं के घर पहुंच गई थी पुलिस, एनआईए डायरेक्टर ने ईडी के साथ मिलकर बनाया था प्लान, अजीत डोभाल कर रहे थे मॉनिटरिंग, पल पल की खबर दी जा रही थी अमित शाह को, एनआईए ने इंटेलीजेंस ब्यूरो से मिले इनपुट के बाद तैयारी शुरू कर दी थी। दिनकर गुप्ता ने सुबह साढ़े तीन बजे आर्डर पर किये थे साईन, तुरंत बाद से पुलिस एक्टिव हुई और 93 ठिकानों पर रेड की गई। PFI-SDPI के 45 लोगों को उठा लिया गया। 2019 में सीएए प्रदर्शन के बाद यूपी पुलिस ने पीएफआई पर बैन लगाने की की थी मांग, PFI पर छापों के बाद अमित शाह की अजित डोभाल संग हुई है मीटिंग
दिल्ली दर्पण टीवी ब्यूरो
नई दिल्ली। PFI-SDPI के नेताओं पर ऐसे ही हाथ नहीं डाला गया है। इन नेताओं को गिरफ्तार करने से पहले पहले एनआईए के डायरेक्टर ने विशेष रणनीति तैयार की थी। उन्होंने रात में दफ्तर खुलवा कर इस मोर्चे पर गंभीर मंथन किया था। उसके बाद ईडी के निदेशक के साथ गुफ्तगू की और तड़के तकरीबन साढ़े तीन बजे उस आर्डर पर दस्तखत किए जिसके बाद पूरे देश में पुलिस ने मुस्लिम नेताओं पर धावा बोल दिया। जवान जब उनके घरों पर धमके तो वो पूरी तरह से भौचक रह गए। किसी को भनक तक नहीं लग पाई। पुलिस ने बड़े आराम से उन्हें अंदर डाल दिया।
दरअसल एनआई के डायरेक्टर दिनकर गुप्ता भी जानते थे कि अगर दिन में ये एक्शन लिया गया तो काफी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। उन्होंने रात भर बैठकर ईडी के डायरेक्टर संजय मिश्रा के साथ मिलकर रणनीति बनाई। 15 सूबों की पुलिस को अलर्ट मोड़ पर पहले से कर दिया गया था लेकिन उन्हें आखिरी लम्हे तक इस बात की भनक नहीं थी कि करना क्या है।
दिनकर गुप्ता ने सुबह साढ़े तीन बजे आर्डर पर साइन किए। उसके तुरंत बाद से पुलिस एक्टिव हुई और 93 ठिकानों पर रेड की गई। PFI-SDPI के 45 लोगों को उठा लिया गया। इन्हें पहले से दर्ज पांच मामलों में अरेस्ट किया गया। इन सभी के खिलाफ UAPA एक्ट के तहत आरोप हैं। सरकार के इस कदम से साफ दिखा कि इन दोनों संगठनों को वो रियायत देने के मूड में नहीं। भविष्य में और बड़ा एक्शन भी हो सकता है।
सरकार इस ऑपरेशन को लेकर किस कदर संजीदा है ये अंदाजा इस बात से ही लग सकता है कि अजीत डोभाल ने खुद सारे मामले को मॉनिटर किया और पल पल की खबर अमित शाह को दी। एनआईए ने इंटेलीजेंस ब्यूरो से मिले इनपुट के बाद तैयारी शुरू कर दी थी।
अमित शाह से हरी झंडी मिलने के बाद एजेंसी ने बड़े पैमाने पर धावा बोला। इंटेलिजेंस रिपोर्ट के बाद दिनकर गुप्ता ने ईडी को रणनीति में शामिल किया। पश्चिमी एशिया से हो रही फंडिंग के पैटर्न का पता लगाने के काम संजय मिश्रा ने किया। दोनों संगठनों के नेताओं पर हिंसा फैलाने के साथ तोड़फोड़ की साजिश रखने का आरोप है। कई बार इनके ठिकानों से विस्फोटक भी बरामद हो चुके हैं। एजेंसियों का मानना है कि इनके इस्लामिक देशों से लिंक हैं। ये उनके इशारे पर भारत में हिंसा फैलाने की हमेशा कोशिश में रहते हैं।
मीटिंग में इस बात पर चर्चा हो रही है कि पीएफआई और उससे जुड़े संगठन एसडीपीआई पर छापों के दौरान क्या सबूत मिले हैं और आगे इनके खिलाफ क्या ऐक्शन लिया जा सकता है। बैठक में अजित डोभाल भी मौजूद हैं।
अतिवादी मुस्लिम संगठन पीएफआई पर एनआईए, ईडी और 13 राज्यों की पुलिस के छापों के बाद होम मिनिस्टर अमित शाह दिल्ली में मीटिंग कर रहे हैं। इस मीटिंग में वरिष्ठ सुरक्षा अधिकारियों, एजेंसियों के अफसरों समेत राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल भी मौजूद हैं। मीटिंग में इस बात पर चर्चा हो रही है कि पीएफआई और उससे जुड़े संगठन एसडीपीआई पर छापों के दौरान क्या सबूत मिले हैं और आगे इनके खिलाफ क्या ऐक्शन लिया जा सकता है। आईबी की ओर से दिए गए इनपुट और कड़ी जांच के आधार पर आज सुबह से ही देश भर में 13 राज्यों में रेड मारी गई हैं। इस दौरान पीएफआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष समेत 106 लोगों ने एनआईए ने गिरफ्तार किया है।
बुधवार रात से ही सभी राज्यों की पुलिस भी इनके खिलाफ ऐक्टिव थी। अब सरकार यह प्लान बना रही है कि आगे इस संगठन के खिलाफ क्या कड़ा फैसला लिया जाए। यह संगठन को खुद को धार्मिक और सामाजिक कार्य करने वाला बताता है, लेकिन देश में कई हत्याओं और अतिवादी घटनाओं से इसके तार जुड़ने की आशंकाएं रही हैं। यही नहीं उदयपुर में कन्हैयालाल और अमरावती में केमिस्ट की हत्या में भी इस संगठन का नाम आया था। लेकिन पीएफआई ऐसे मामलों में अपनी कोई भूमिका होने से इनकार करता रहा है।