प्रियंका रॉय
दिल्ली सरकार को बड़ा झटका
900 करोड़ का 1 माह के भीतर करना होगा भुगतान
राजधानी दिल्ली में बढते प्रदूषण और कचरे के पहाड़ो को लेकर सख्त एक्शन लेते हुए राष्ट्रीय हरित अधिकरण यानी एनजीटी ने दिल्ली सरकार पर 900 करोड़ का जुर्माना लगाया है। आपको बता दें कि लैंडफिल साइट से कूड़े का कुशल निदान न होने और इससे बढ़ते प्रदूषण की समस्या पर एनजीटी ने चिंता जाहिर करते हुए यह ठोस कदम उठाया है। NGT ने 300 रुपये प्रति मैट्रिक टन कचरे के हिसाब से यह जुर्माना तय किया है। न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल का कहना है कि गाज़ीपुर, भलस्वा , ओखला, इन जगहों पर 80 प्रतिशत पुराने कचरे के पहाड़ अभी भी मौजूद है, जिनका अभी तक कोई निपटारा नहीं किया गया है। इन तीनों स्थलों पर पुराने कचरे की मात्रा 300 लाख मीट्रिक टन है। कचरे के इन पहाड़ो को देखते हुए राष्ट्रीय राजधानी में पर्यावरणीय आपातकाल की गंभीर तस्वीर प्रस्तुत की।
दिल्ली सरकार पर विरोध जताते हुए एनजीटी ने कहा कि रिपोर्ट से पता चलता है कि लैंडफिल साइट से कूड़ा के निस्तारण के लिए केवल निचले स्तर के अधिकारियों को ही लगाया गया। एनजीटी ने इस मामले में दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव को एक महीने में जुर्माना की राशि जमा करने का आदेश दिया। इतना ही नहीं एनजीटी ने यह साफ किया कि तीनों लैंडफिल साइट्स में 280 टन मलबा लाया गया, जबकि सिर्फ 59 टन का ही निस्तारण किया गया है। ये एक गंभीर मामला है।
अगर इसी तरह से कचरा बढता रहा तो आने वाले समय में ये एक गंभीर समस्या का रूप ले सकता है। दिल्ली में प्रदूषण की अगर हम बात करे तो जगहें बताते- बताते दिन से रात हो जाएगी । दिल्ली में सड़को की हालत बत से भी बत्तर होती जा रही है। और जिन ठेकेदारो ने इसका कार्य भार संभाला है वो बस अपने नोट गिनने मे लगे है।