अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के लोगों को मुफ्त योग प्रशिक्षक प्रदान करने को पिछले साल 31 दिसंबर को दिल्ली की योगशाला कार्यक्रम की घोषणा की थी। फिलहाल उसके तहत प्रतिदिन 590 योग कक्षाएं चलाई जा रही हैं।
दिल्ली दर्पण टीवी ब्यूरो
दिल्ली की आम आदमी पार्टी (आप) सरकार के महत्वपूर्ण योग कार्यक्रम ‘दिल्ली की योगशाला’ (Dilli Ki Yogshala) को बंद करने की कथित कोशिश का मामला सामने आया है। दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया इसको लेकर प्रशिक्षण एवं तकनीकी शिक्षा (टीटीई) निदेशालय के सचिव ऐलिस वाज से सफाई मांगी है। सरकार के सूत्रों ने मंगलवार को इस बारे में जानकारी दी। हालांकि,इस विषय पर निदेशालय के सचिव की ओर से तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।
सिसोदिया ने मंगलवार को एक नोट में कहा कि उन्हें बताया गया है कि 30 सितंबर को दिल्ली फार्मास्युटिकल साइंसेज एंड रिसर्च यूनिवर्सिटी (डीपीएसआरयू) के संचालक मंडल की बैठक में उक्त अधिकारी के जोर डालने पर इस कार्यक्रम को बंद करने का निर्णय लिया गया है।
उपमुख्यमंत्री ने नोट में यह भी कहा कि उन्हें सूचित किया गया है कि संचालक मंडल के कई सदस्य वर्तमान कार्यक्रम को जारी रखना चाहते हैं, लेकिन प्रशिक्षण और तकनीकी शिक्षा (टीटीई) सचिव ने इसे जारी रखने के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया।
केजरीवाल से पिछले साल शुरू किया था कार्यक्रम
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के लोगों को मुफ्त योग प्रशिक्षक प्रदान करने के लिए पिछले साल 31 दिसंबर को दिल्ली की योगशाला कार्यक्रम की घोषणा की थी। फिलहाल उसके तहत प्रतिदिन 590 योग कक्षाएं चलाई जा रही हैं और उसमें 17000 से अधिक लोग भाग ले रहे हैं।
सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली विधानसभा ने सेंटर फॉर मेडिटेशन एवं योगा साइंसेज शुरू करने के वास्ते डीपीएसआरयू के लिए बजट पारित किया था और इस सेंटर को योग प्रशिक्षकों के प्रशिक्षण के लिए प्रमाणपत्र एवं डिप्लोमा कार्यक्रम कराने का जिम्मा दिया गया था। उन्होंने कहा कि यहां तक कि प्रधानमंत्री भी अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर प्रचारात्मक कार्यक्रम आयोजित कर योग को अपनाने को बढ़ावा देते हैं।
अधिकारी से 24 घंटे में मांगा जवाब
सिसोदिया के नोट में कहा गया है कि यह सब जानते हुए भी सचिव (टीटीई) ‘दिल्ली की योगशाला’ को बंद करने की गलत एवं जबरन कोशिश कर रहे हैं तथा हजारों दिल्लीवासियों के फायदे के लिए योग कक्षाएं चलाने के दिल्ली सरकार के प्रयास को विफल करने की चेष्टा कर रहे हैं।
उन्होंने उक्त अधिकारी को 24 घंटे के अंदर इस बात पर सफाई देने को कहा है कि जब डीपीएसआरयू एक्ट की धारा 6(4) विश्वविद्यालय को बाह्य अध्ययन और विस्तार सेवाएं चलाने का अधिकार प्रदान करती है तो योग कार्यक्रम क्यों बंद किया जाए? उन्होंने यह भी जानना चाहा कि विभाग के प्रभारी मंत्री के साथ बिना किसी चर्चा के सचिव ने इस कार्यक्रम को बंद करने का फैसला क्यों किया?
सिसोदिया का कहना था कि विश्वविद्यालय के संचालक मंडल में दिल्ली सरकार के प्रतिनिधि के नाते सचिव (टीटीई) इस कार्यक्रम को बढ़ाने के बजाय उसे बंद करने के सरकार के रुख का प्रतिनिधित्व करने के लिए जवाबदेह हैं।