RTI एक्टिविस्ट को मस्जिदों में इमामों की सैलरी पर खर्च का नहीं मिला जवाब तो CIC ने LG और CM ऑफिस को भेजा समन, इमामों और पुजारियों के मामले को उठाने में लगे हैं बीजेपी मंदिर प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय संयोजक करनैल सिंह और आरटीआई एक्टिविस्ट सुभाष अग्रवाल
सीएस राजपूत
तो क्या दिल्ली एमसीडी चुनाव में पुजारियों के वेतन का मामला चुनावी मुद्दा बनने जा रहा है ? दरअसल जिस तरह से दिल्ली एमसीडी चुनाव में बीजेपी मंदिर प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय संयोजक करनैल सिंह पुजारियों के वेतन का मुद्दा उठा रहे हैं वहीं आरटीआई एक्टिविस्ट सुभाष अग्रवाल ने मस्जिदों में इमामों को मिलने वेतन खर्च का जवाब न मिलने पर केंद्रीय सूचना आयोग में एक याचिका दायर कर दी है। सूचना आयोग ने इस मामले को लेकर उपराज्यपाल कार्यालय के अधिकारियों, मुख्यमंत्री कार्यालय के अधिकारियों और मुख्य सचिव को समन भेजा है।
इतना ही नहीं सूचना आयुक्त उदय महुरकर ने एक्टिविस्ट सुभाष अग्रवाल की एक याचिका पर दिल्ली वक्फ बोर्ड के अधिकारियों को भी नोटिस भेजा है। दरअसल अग्रवाल ने सूचना के अधिकार के तहत दिल्ली के मस्जिदों में इमामों को दी जाने वाली सैलरी के बारे में पूरी जानकारी मांगी थी। उन्होंने जानकारी मांगी थी कि दिल्ली में ऐसे कितनी मस्जिद हैं, जिनमें इमामों को वेतन दिया जा रहा है। कुल कितना पैसा उन पर खर्च किया गया और इस पेमेंट की पूरी जिम्मेदारी किस पर है? सुभाष अग्रवाल ने इमामों को सैलरी दिये जाने से संबंधित बनाए गए नियमों को लेकर भी जवाब मांगा था।
सुभाष अग्रवाल ने अपनी आरटीआई एप्लीकेशन में यह भी पूछा था कि क्या इस तरह की सैलरी मंदिरों के पुजारियों को भी दी रही है? एलजी कार्यालय और मुख्यमंत्री कार्यालय के अधिकारियों ने इस आरटीआई याचिका पर कोई जवाब नहीं दिया था। हालांकि मुख्य सचिव कार्यालय ने इसे रेवेन्यू विभाग और दिल्ली वक्फ बोर्ड के पास ट्रांसफर कर दिया था। दिल्ली वक्फ बोर्ड ने याचिकाकर्ता को जवाब दिया कि इनमें से कोई भी जानकारी उनसे जुड़ी नहीं है।
कमिश्नर ने इस मामले में इन दोनों विभाग के लोक सूचना अधिकारियों को भी नोटिस भेजा है और 18 नवंबर से पहले हाजिर होने के लिए कहा गया है। सीआईसी ने अधिकारियों से कहा है कि इस मामले की सुनवाई से संबंधित सभी फाइलें लेकर आएं। साल 1993 में सुप्रीम कोर्ट ने वक्फ बोर्डों को आदेश दिया था कि बोर्ड द्वारा संचालित मस्जिदों में काम करने वाले इमामों को वेतन दिया जाए। बता दें कि हरियाणा, कर्नाटक और दिल्ली में वक्फ बोर्ड इमामों को सैलरी देता है।
दरअसल बीजेपी मंदिर प्रकोष्ठ ने हाल ही में दिल्ली के सभी मंदिरों के पुजारियों के साथ बैठक कर उनको वेतन दिलवाने का आश्वासन दिया है और एमसीडी चुनाव में लगा दिया है। ऐसा माना जा रहा है कि यदि इस बार भी बीजेपी एमसीडी चुनाव में जीतती है तो इसका श्रेय मंदिरों के पुजारियों को जाएगा। प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय संयोजक करनैल सिंह अपनी टीम के साथ इस मुहीम में लगे हैं।