टीबी के लक्षण नजर आएं तो जाँच जरूर कराएँ : डीटीओ, टीबी सुपरवाइजर सहित अन्य कर्मचारियों का दोबारा हुआ संवेदीकरण
नोएडा । जनपद में बृहस्पतिवार (15 दिसम्बर) को प्रथम निक्षय दिवस मनाया जाएगा। स्वास्थ्य विभाग की ओर से इस दिवस के आयोजन की सभी तैयारियां पूर्ण कर ली गयीं हैं। नोएडा सेक्टर- 39 स्थित मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय में बुधवार को क्षय रोग विभाग के सभी सुपरवाइजर सहित कर्मचारियों का पुन: संवेदीकरण किया गया। इस अवसर पर जिला क्षय रोग अधिकारी डा. शिरीष जैन ने सभी सुपरवाइजर को स्पष्ट निर्देश दिये कि किसी भी हालत में कोई भी संभावित मरीज जांच से वंचित न रहने पाए।
डा. जैन ने कहा – इस बात को सुनिश्चित कर लें कि आशा कार्यकर्ताओं द्वारा रेफर किये गये या लाए गये सभी संभावित मरीजों की टीबी की जांच अवश्य हो। क्षेत्र में व्यापक पैमाने पर जागरूकता कार्यक्रम चलाएं। उन्होंने कहा- इस बात का ध्यान रखें कि अगर किसी टीबी रोगी ने उपचार बीच में छोड़ दिया हो तो उसे चिन्हित कर उसका उपचार तुरंत शुरू कराएं। मरीजों को दी जाने वाली सुविधाएं उन तक पहुंचाएं। कार्यक्रम में सभी को लॉजिस्टिक का वितरण किया गया।
देश को वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त बनाने के संकल्प को पूरा करने की दिशा में स्वास्थ्य विभाग की ओर से प्रयास तेज किए गए हैं। इसी क्रम में अब हर माह की 15 तारीख को समस्त प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों (पीएचसी), सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों (सीएचसी) व हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर निक्षय दिवस मनाया जाएगा। सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी (सीएचओ) व आशा कार्यकर्ताओं को इसमें महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी गयी है। राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के तहत उत्तर प्रदेश को भारत सरकार की ओर से 5.5 लाख क्षय रोगियों के नोटिफिकेशन का लक्ष्य दिया गया है।
डा. जैन ने बताया – सभी आशा कार्यकर्ता गृह भ्रमण के दौरान क्षय रोग के प्रति समुदाय को जागरूक कर रही हैं। आशा कार्यकर्ताओं को अपने आवंटित क्षेत्र में घर-घर भ्रमण कर संभावित टीबी मरीजों की सूची तैयार करने को कहा गया है। निक्षय दिवस पर वह संभावित मरीज को नजदीकी हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर लेकर आएंगी। सेंटर पर सीएचओ उन मरीजों की प्रारंभिक जांच- एचआईवी, डायबिटीज व अन्य जांच के साथ उनके बलगम का नमूना लेंगे और जांच के लिए नजदीकी टीबी जांच केन्द्र पर भेजेंगे। निक्षय दिवस पर समस्त स्वास्थ्य केन्द्रों पर आयोजित ओपीडी में आने वाले मरीजों की संख्या के सापेक्ष दस प्रतिशत मरीजों का बलगम जांच के लिए लिया जाएगा। सीएचओ टीबी जांच के परिणाम संबंधित मरीज को उपलब्ध कराएंगे और टीबी पॉजिटिव मरीज के परिवार के सदस्यों की टीबी के लिए स्क्रीनिंग कराएंगे। निक्षय दिवस पर आने वाले संभावित मरीजों की जांच, काउंसलिंग व उपचार के काउंटर तथा उनके बैठने के स्थान की अलग व्यवस्था की गयी है। प्राइवेट प्रैक्टिसनर को टीबी नोटिफिकेशन, कांटेक्ट ट्रेसिंग एवं फालोअप के लिए प्रेरित किया जा रहा है।
डा. जैन ने अपील की है- यदि किसी भी व्यक्ति में टीबी के लक्षण जैसे- दो सप्ताह से अधिक खांसी, वजन कम होना, बुखार रहना, खांसते समय बलगम या खून आना, रात में सोते समय पसीना आना, सीने में दर्द रहना आदि हैं तो वह टीबी की जांच अवश्य कराएं । स्वास्थ्य विभाग की ओर से टीबी की जांच और उपचार का प्रावधान है। सभी को इसका लाभ लेना चाहिए।