नकली दवा की आपूर्ति करने वाले आरोपी की जमानत अर्जी खारिज हो गई है। दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने इसे लेकर बड़ी टिप्पणी की है। कोर्ट ने कहा है कि नकली दवाओं की आपूर्ति हत्या और आतंकवाद से कम गंभीर अपराध नहीं है।
दिल्ली दर्पण टीवी ब्यूरो
नई दिल्ली । कैंसर की नकली दवा की आपूर्ति करने के आरोपी की जमानत अर्जी खारिज करते हुए दिल्ली स्थित पटियाला हाउस कोर्ट ने कड़ी टिप्पणी की है। कोर्ट ने आरोपी एकांश वर्मा को जमानत देने से इन्कार करते हुए कहा कि नकली दवाओं की आपूर्ति हत्या या आतंकवाद से कम गंभीर अपराध नहीं है।
13 नवंबर को किया था गिरफ्तार
क्राइम ब्रांच में पंजीकृत मामले में एकांश को कैंसर की नकली दवा की बिक्री और आपूर्ति में शामिल होने के आरोप में 13 नवंबर को गिरफ्तार किया गया था। एकांश वर्मा के वकील मनोज चौधरी ने कोर्ट में दलील दी कि उनके मुवक्किल को गलत फंसाया गया है। बीटेक करने के बाद एकांश ने हाल में अपने करियर की शुरुआत की। वह केवल हालात का शिकार हुआ है। पुलिस ने उस पर मुख्य आरोपित डा. पवित्रा प्रधान को कैप्सूल के खाली खोल की आपूर्ति करने का आरोप लगाया है। इसकी एकांश के पास रसीद है, जिससे पता चलता है कि वह कानूनी रूप से कैप्सूल के खोल देने गया था।
दिनों-दिन बढ़ रहा नकली दवाओं की आपूर्ति का खतरा
अभियोजन पक्ष ने जमानत अर्जी का विरोध करते हुए आरोप लगाया कि एकांश मुख्य आरोपी के साथ साजिश में शामिल था। साथ ही कोर्ट को बताया कि वह बांग्लादेश की इंसेप्टा कंपनी के कैप्सूल के खोल की बिक्री कर रहा था, जो कि भारत में प्रतिबंधित है। कोर्ट ने कहा कि नकली दवाओं की आपूर्ति का खतरा दिनों-दिन बढ़ रहा है। सिर्फ पैसे कमाने के लिए कैंसर ग्रस्त मरीजों की सेहत से खिलवाड़ किया जा रहा है। इसलिए ऐसे खतरे को हल्के में नहीं लिया जा सकता। ऐसे मामलों में सख्ती से निपटने की जरूरत है। हरियाणा में नकली दवा बनाने की फैक्ट्री का भंडाफोड़ हुआ था।