जी-20 सम्मेलन को लेकर राजधानी में तैयारियां जोरों पर हैं। यमुना रिवर फ्रंट के तहत खादर क्षेत्र स्थित असिता ईस्ट परियोजना सम्मेलन के संभावित स्थलों में शामिल है। ऐसे में दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) इसमें युद्धस्तर पर काम कर रहा है।
दिल्ली दर्पण टीवी ब्यूरो
नई दिल्ली । जी-20 सम्मेलन को लेकर राजधानी में तैयारियां जोरों पर हैं। यमुना रिवर फ्रंट के तहत खादर क्षेत्र स्थित असिता ईस्ट परियोजना सम्मेलन के संभावित स्थलों में शामिल है। ऐसे में दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) इसमें युद्धस्तर पर काम कर रहा है। लगाए गए पॉपी, नीलकूपी, एलाइमस, कासमास, डायमार्फोथेका सहित विभिन्न प्रजातियों के पौधों पर फूल खिलने से असिता ईस्ट में बहार आ गई है।
यहां हरियाली और रंग-बिरंगे फूल इसकी सुंदरता में चार चांद लगा रहे हैं। चारों ओर लाल, पीले, हरे, नीले, सफेद, गुलाबी रंग के फूल नजर आते हैं। ये फूल व उनकी सुगंध किसी भी पर्यटक को लुभा सकती है। डीडीए के अधिकारियों का दावा है कि विदेशी मेहमानों को विभाग द्वारा तैयार किया गया असिता ईस्ट काफी पसंद आएगा।
डीडीए के अधिकारियों ने बताया कि असिता ईस्ट पूर्वी दिल्ली के लोगों के लिए प्राकृतिक उपहार है। असिता यमुना का दूसरा नाम है। पुराने रेलवे पुल से आइटीओ बैराज तक यमुना खादर क्षेत्र में रिवर फ्रंट विकसित करने के लिए शुरू की गई 197 हेक्टेयर की परियोजना के साथ इस नाम को जोड़ा गया है। अधिकारियों का कहना है कि यह रंग-बिरंगे आकर्षक फूल असिता ईस्ट की सुंदरता को बढ़ा रहे हैं। यह तैयारी विदेशी मेहमानों पर भारत की छाप छोड़ेगी। जलाशय के सहारे कई बेंच लगाई गई हैं, ताकि लोग वहां पर बैठकर नजारे का आनंद ले सकें।
असिता ईस्ट का क्षेत्रफल
- कुल 197 हेक्टेयर का क्षेत्रफल
- 90 हेक्टेयर हिस्सा डीडीए के अंतर्गत
- 107 हेक्टेयर हिस्सा उत्तर प्रदेश के सिंचाई विभाग के पास
‘मेरी यमुना’ सेल्फी प्वाइंट खींचेगा ध्यान
असिता ईस्ट में ‘मेरी यमुना’ लिखा सेल्फी प्वाइंट तैयार किया गया है। यह मेहमानों का ध्यान खींचेगा। इसके साथ ही चार हजार से अधिक पेड़ लगाए गए हैं। उनमें 800 गोल्डन बांस और तीन खजूर के पेड़ भी शामिल हैं।
सौर ऊर्जा से जगमगाएगा असिता ईस्ट
यहां ट्रैक के किनारे लाइटें लगाई गई हैं, जो सौर ऊर्जा से जलेंगी। इनमें अधिकतम लाइटें जल रही हैं। यहां पर लोगों ने घूमने-फिरने व जागिंग करना शुरू कर दिया है।
असिता ईस्ट की खास बातें
- 5 एकड़ में तैयार हुआ जलाशय
- 60 हजार क्यूबिक मीटर पानी की क्षमता
- आसपास बनाए जाएंगे आकर्षक सेल्फी प्वाइंट
- 90 प्रजातियों के पक्षी
- कुल 800 पक्षी
- बैठने व आराम करने के लिए 10 बेंच
- बच्चों के खेलने के लिए पार्क
- जैव शौचालय
- शेल्टर
- मल्टीपर्पज एरिया
- घूमने-फिरने के लिए फुटपाथ ट्रैक
- योग केंद्र