Saturday, November 23, 2024
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पूर्व जजों-राजदूतों ने समलैंगिक विवाह के मुद्दे पर राष्ट्रपति को लिखा पत्र, हस्तक्षेप करने की उठाई मांग

सुप्रीम कोर्ट में समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता देने की मांग करने वाली याचिकाओं पर सुनवाई हो रही है, सुप्रीम कोर्ट में समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता देने की मांग करने वाली याचिकाओं पर सुनवाई हो रही है। इस बीच 121 पूर्व जजों छह पूर्व राजदूतों समेत 101 पूर्व नौकरशाहों ने समलैंगिक विवाह के मुद्दे पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पत्र लिखा है।

नई दिल्ली । सुप्रीम कोर्ट में समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता देने की मांग करने वाली याचिकाओं पर सुनवाई हो रही है। इस बीच 121 पूर्व जजों, छह पूर्व राजदूतों समेत 101 पूर्व नौकरशाहों ने समलैंगिक विवाह के मुद्दे पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पत्र लिखा है।

राष्ट्रपति से मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की है, ताकि इसे अनुमति न मिल सके। पत्र में कहा गया है कि हमारा समाज समलैंगिक यौन संस्कृति को स्वीकार नहीं करता है। इन्हें विवाह की अनुमति देने पर यह आम हो जाएगी। बच्चों का स्वास्थ्य और सेहत खतरे में पड़ जाएगा।


अनुच्छेद 246 में विवाह एक सामाजिक कानूनी संस्थान है, जो केवल सक्षम विधायिका द्वारा ही रचित, स्वीकृत और कानूनी मान्यता प्रदान हो सकता है।

पत्र लिखने वालों में महाराष्ट्र के पूर्व डीजीपी प्रवीण दीक्षित प्रयागराज हाई कोर्ट के पूर्व जज कमलेश्वर नाथ, राजस्थान हाई कोर्ट के पूर्व जज आरएस राठौर, पूर्व आइएएस राजीव महर्षि, पूर्व दूतावास विद्या सागर वर्मा, पंजाब के पूर्व डीजीपी पीसी डोगरा, यूपी के पूर्व डीजीपी विक्रम सिंह, भानू प्रताप सिंह, आरएन सिंह, जम्मू कश्मीर के पूर्व डीजीपी एसपी वैद्य सहित अन्य शामिल हैं।

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