भ्र्ष्टाचार को मिटाने आए दिल्ली के सीएम पर लग रहे भ्र्ष्टाचार के आरोप, अरविंद केजरीवाल के लिए परेशानी बनेगा बीजेपी का अनिश्चितकालीन धरना
चरण सिंह राजपूत
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल अपने ही दांव में फंस गए हैं। भ्र्ष्टाचार को लेकर राजनीतिक दलों को ललकारने वाले केजरीवाल पर खुद भ्र्ष्टाचार में लिप्त होने के आरोप लग रहे हैं। केजरीवाल के आवास के रिनोवेशन पर 45 करोड़ लगाने को बीजेपी ने बड़ा मुद्दा बना लिया है। बीजेपी नेता जहां बयानबाजी आकर केजरीवाल को ललकार रहे हैं वहीं सोमवार को बीजेपी ने सीएम आवास के बाहर अनिश्चितकालीन धरना शुर कर दिया है। बीजेपी का यह धरना केजरीवाल के लिए भारी पड़ने वाला है।
दरअसल अरविन्द केजरीवाल लम्बे समय से प्र्धानमंत्री नरेंद्र मोदी और एलजी वीके सक्सेना को भ्र्ष्टाचार के मामले घसीट रहे हैं। कभी अडानी का नाम मोदी से जोड़कर उन जनता की कमाई पूंजीपतियों पर लुटाने का आरोप लगाते हैं तो कभी एलजी को बीजेपी का एजेंट बताते हैं।
दरअसल अन्ना आंदोलन से निकली आम आदमी पार्टी देश को ईमानदार नेता देने आई थी। अरविन्द केजरीवाल राजनीति बदलने का दावा करते रहे हैं। वह बात दूसरी है लोकपाल को लेकर चले अन्ना आंदोलन के बाद राजनीति में आकर मुख्यमंत्री बनने पर भी अरविन्द केजरीवाल ने दिल्ली में लोकपाल नहीं बनाया। केजरीवाल पर स्वजातीय बंधुओं से पैसा लेकर राज्य सभा में भी भेजने का आरोप है।
केजरीवाल के दो मंत्री रहे सत्येंद्र जैन और मनीष सिसोदिया के जेल जाने पर भी केजरीवाल घिरे हैं। वैसे भी केजरीवाल पर भी सीबीआई की जांच चल रही है। ऐसे में बीजेपी को केजरीवाल के खिलाफ बड़ा मुद्दा मिल गया है। यही वजह है कि बीजेपी ने केजरीवाल के खिलाफ सड़कों पर संग्राम शुरू का दिया है। जिस तरह से केजरीवाल को बीजेपी घेर रही है ऐसे में कहा जा सकता है कि केजरीवाल को जेल जाना भी पड़ सकता है।
मामले को लेकर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा है कि यह बेहद शर्मनाक है कि जिस समय दिल्ली समेत पूरा देश कोरोना महामारी से जूझ रहा था, उस समय सीएम अपना शीशमहल बनवाने में जुटे थे। उनका कहना है कि जब तक दिल्ली के मुख्यमंत्री जवाब नहीं देंगे, तब तक यह धरना जारी रहेगा।
उधर सीएम अरविंद केजरीवाल के आवास पर करोड़ों रुपए के रिनोवेशन खर्च को लेकर एलजी ने जांच के आदेश भी केजरीवाल के परेशानी बढ़ाने वाले हैं। हालांकि आम आदमी पार्टी ने एलजी पर पलटवार करते हुए कहा है कि उपराज्यपाल द्वारा अपने आवास पर स्वयं रिनोवेशन के लिए करोड़ों रुपए खर्च किए गए हैं। जिस पर एलजी ने भी जवाब देते हुए कहा कि एलजी आवास सभी के लिए खुला है और सच्चाई यहां पर आकर देखी जा सकती है। कुल मिलाकर दिल्ली में मौसम भले ही खुशगवार हो पर सियासी पारा पूरी तरह से चढ़ चुका है। अब यह देखना होगा केजरीवाल शीशमहल के चक्कर में फंसते हैं या फिर बचाव करने में सफल हो जाते हैं।