Monday, November 25, 2024
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Wrestling Federation : बृजभूषण शरण का कब्ज़ा था और रहेगा ?

अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के परिवार का नहीं बनता भी है तो भी उनका ही बनेगा 

बेटा करण भूषण सिंह है उपाध्यक्ष तो बेटे का साला है संयुक्त सचिव और बृजभूषण शरण सिंह का दामाद विशाल सिंह है एग्जीक्यूटिव मेंबर 

36 राज्य फेडरेशन पर भी है बृजभूषण शरण सिंह का होल्ड, 12 साल में बनी हैं अधिकतर फेडरेशन  

चरण सिंह राजपूत 

साक्षी मलिक और बजरंग पुनिया ऐसे ही बृजभूषण शरण सिंह के परिवार में से किसी को चुनाव न लड़ने की मांग अमित शाह से नहीं कर रहे थे ? ऐसे ही बृजभूषण शरण सिंह का कुश्ती फेडरेशन पर नहीं है। दरअसल कुश्ती फेडरेशन पर बृजभूषण शरण का पूरी तरह से कब्ज़ा कर रखा है। वह कुश्ती फेडरेशन के अध्यक्ष थे। उनका बेटा करण भूषण शरण उपाध्यक्ष है। बेटे के साला आदित्य प्रताप सिंह ज्वाइंट सेक्रेटरी है तथा उनका दामाद विशाल सिंह एग्जीक्यूटिव मेंबर है। समझ लीजिये फेडरेशन में किसी खिलाड़ी, रेफरी या कोच की हिम्मत थी कि बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ बोल सके। 

ऐसे में तो बृजभूषण शरण सिंह की मनमानी चलती होगी ही। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि बृजभूषण शरण का कितना दबदबा कुश्ती फेडरेशन पर था। ऐसे में यदि विनेश फोगाट, साक्षी मलिक बजरंग पुनिया ने हिम्मत की है कि उनके खिलाफ मोर्चा खोला है। जहां तक नाबालिग पहलवान का बयान बदलने की बात है कि बृजभूषण शरण सिंह न केवल बाहुबली है बल्कि पैसे के मामले में भी बहुत मजबूत भी है। बताया जाता है कि बृजभूषण शरण सिंह के दो हैलीकॉप्टर और 56 कॉलेज हैं। ऊपर से सत्तारूढ़ पार्टी का सांसद। वह ऐसा सांसद जो 8-9 सांसद प्रभावित करता है। 30-35 विधायक बनवाने की बात भी सामने आती है। ऐसे में  उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराना कितना मुश्किल था ? कितना मुश्किल लड़ना है। फिर भी विनेश फोगाट, साक्षी मलिक और बजरंग पुनिया लड़ रहे हैं। इस मामले सबको पता था कि पॉक्सो एक्ट ही है जिसके कब्जे में बृजभूषण शरण सिंह आ सकता है तो यह माना जाये कि नाबालिग लड़की के ही बयान बदलवा दिए। एक आम आदमी भला बेचारा केंद्र और राज्य सरकार के साथ ही एक बाहुबली से कैसे लड़ता भला। 

जहां तक फेडरेशन पर अब कब्जे की बात है तो यदि बृजभूषण शरण सिंह के परिवार में से किसी को चुनाव लड़ने भी न दिया जाये तो भी कुश्ती फेडरेशन पर बृजभूषण शरण सिंह का ही कब्ज़ा रहेगा।

दरअसल 36  राज्य की फेडरेशन 12 साल में बनी हैं। मतलब बृजभूषण शरण के कार्यकाल में। एफिलियेट एसोसिएशन के पदाधिकारी वोट डालते हैं। ये 36 राज्य की फेडरेशन ही अध्यक्ष को चुनने में वोट डालती हैं। इन फेडरेशन के अध्यक्ष और सचिव का एक एक वोट होता है।  हर राज्य की फेडरेशन से उसके अध्यक्ष और सचिव का एक एक वोट मिलता है। दिल्ली से दो और बाकी केंद्र शासित प्रदेश के एक एक वोट होते हैं। इन्हीं वोट के आधार पर अध्यक्ष बनता है। बृजभूषण शरण को 75 फीसदी वोटर्स का समर्थन ज्यादातर फेडरेशन बृजभूषण के समय में बनी हैं। वैसे भी दिल्ली पुलिस से क्लीन चिट मिलने के बाद बृजभूषण शरण सिंह वैसे भी आत्मविश्वास से लबरेज हैं। इन फेडरेशन के अध्यक्ष और सचिव भी बृजभूषण शरण सिंह से संपर्क साधने लगे होंगे। 

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