मोदी ओर अमित शाह की मनमानी से नाराज बताये जा रहे हैं आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत
भले ही पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने अपनी पावर का इस्तेमाल करते हुए दिल्ली से कोर्ट में दाखिल कराई चार्जशीट में यौन शोषण के आरोपी बृजभूषण शरण सिंह को क्लीन चिट दिलवा दी हो पर इस मामले में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत बहुत नाराज बताये जाते हैं। इसकी बड़ी वजह यह है कि इससे यह संदेश गया है कि बीजेपी बृजभूषण शरण सिंह को बचा रही है। ऐसे ही लखीमखीरी में अजय टेनी को बचाया गया था। अजय टेनी के उकसावे बयान के बाद उनके बेटे आशीष मिश्रा ने अपनी गाड़ी चढ़ाकर 4 किसानों की हत्या कर दी थी। आशीष तो जमानत पर जेल से बाहर है ही साथ ही अजय टेनी का कुछ नहीं बदला। कुलदीप सेंगर को लगातार बचाया गया ही।
दरअसल बीजेपी सांसद पर लगे यौन शोषण के आरोप में जिस तरह से अमित शाह ने अपना खेल किया, उससे यह संदेश गया कि महिलाओं में मामले में बस बीजेपी विशेष रूप से पीएम मोदी बस ढकोसला ही करते हैं। जब अंतरराष्ट्रीय पहलवानों के मामले मामले में बीजेपी सुनने को तैयार नहीं तो फिर आम लड़की की पीड़ा इस सरकार में क्या सुनी जाएगी। इस मामले में योगी आदित्यनाथ की चिंता इस बात को लेकर है कि उन्होंने बड़ी मुश्किल से उत्तर प्रदेश में अपराध मुक्त का एक माहौल बनाया है। उत्तर प्रदेश में बाहुबलियों पर बुलडोजर चलाने का संदेश योगी आदित्यनाथ योगी ने दिया है पर बृजभूषण शरण सिंह तो किसी को कुछ समझ ही नहीं रहा है। बृजभूषण शरण सिंह के मामले में उनके समर्थकों को छोड़ दिया जाए तो अधिकतर लोग इस मामले में नाराज हैं।
बृजभूषण शरण सिंह और काफी बीजेपी के नेता इस मामले को राजनीति से प्रेरित बता रहे हैं। ऐसे में प्रश्न उठता है कि क्या बृजभूषण शरण सिंह संत प्रवृत्ति के सांसद हैं। बृजभूषण शरण सिंह पर तो टाडा तक लग चुका है। उन पर अपने प्रतिद्वंदी सपा नेता विनोद पर जान लेवा हमला कराने का भी आरोप लगा। उन पर पूर्व मंत्री घनश्याम की हत्या कराने का भी आरोप लगा पर हर मामले में वह बरी हो गए। मतलब बृजभूषण शरण सिंह अपने रुतबे से बचते रहे हैं। तो क्या यौन शोषण का मामला भी बृजभूषण शरण ने ऐसे ही निपटाने का प्रयास किया है ? वैसे जिस तरह से यह मामला टूल पकड़ रहा है ऐसे में बृजभूषण शरण सिंह का बचना मुश्किल है।