Friday, November 8, 2024
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Independence Day : द रोलिंग प्लेट ने लिया लड़कियों को सेल्फ डिफेन्स में आत्मनिर्भर करने का संकल्प

स्वतंत्रता दिवस पर दिल्ली में दो युवा बिजनेसमैन जहान खुराना और दिव्य कोहली ने शुरू की महिलाओं को सुरक्षा की आजादी की मुहिम  

अब किसी लड़की को साक्षी, श्रद्धा नरगिस या निर्भया न बनने देने का संकल्प 

अगस्त महीने में 8 कैंप लगाकर 3000-4000 लड़कियों को ट्रेंड करने का लक्ष्य  

हजारों लड़कियों को सेल्फ़ डिफेंस ट्रेनिंग देने का संकल्प लिया द रोलिंग प्लेट नाम के स्टार्टअप ने, हर घर फ्री तिरंगा बांटने का भी है कार्यक्रम 

दिल्ली के किंग्सवे कैंप से हुई शुरुआत, ढाई सौ बच्चों को सिखाए गए आत्मरक्षा के गुर

दिल्ली दर्पण ब्यूरो 

नई दिल्ली। आज की भागमभाग दौड़ की जिंदगी में एक कंपनी ऐसी भी है, जिसने लड़कियों के साथ हो रही रेप की घटनाओं के प्रति चिंता जाहिर की है। बात हो रही है द रोलिंग प्लेट कंपनी की।  इस स्वतंत्रता दिवस पर द रोलिंग प्लेट ने 400-500 लड़कियों को सेल्फ डिफेंस के लिए ट्रेनिंग दिलवाने का संकल्प लिया है। 

दरअसल जब देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है तो द रोलिंग प्लेट लड़कियों को सेल्फ रक्षा की ट्रेनिंग दिलवाकर स्वतंत्रता दिवस मनाने का निर्णय लिया है। अगस्त के महीने में ही विभिन्न स्कूलों और कॉलेजों में 8 और कैम्प करने की तैयारी है। रोलिंग प्लेट ने इस संकल्प को पूरा करने के लिए सेल्फ डिफेन्स सिखाने में महारत हासिल करने वाली प्रभशरण कौर को बुलाया है।  

दरअसल स्वतंत्रता दिवस पर अगस्त क्रांति से ही आज़ादी के कार्यक्रम किये जा रहे हैं। ऐसे में द रोलिंग प्लेट का संचालन करने वाले दिल्ली के दो युवा बिज़नेसमैन ने अपने स्टार्टअप की एनिवर्सरी पर लड़कियों को सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग दिलवाने का अनूठा संकल्प लिया हैं। इस कार्यक्रम की शुरुआत शुक्रवार को दिल्ली के जीटीबी नगर में एक स्कूल से की गई है। यहां पर छात्राओं को सेल्फ डिफेंस ट्रेनिंग के ज़रिये आत्मरक्षा के गुर सिखाए जा रहे हैं।  द रोलिंग प्लेट नाम का ये स्टार्टअप तेरह अगस्त से शुरू होने वाले हर घर तिरंगा मुहिम के लिए सैकड़ों तिरंगे  गरीबों के बीच बाँटने की भी तैयारी कर चुका है।

द रोलिंग प्लेट के एमडी जहान खुराना ने दिल्ली दर्पण टीवी को बताया कि यह लड़कियों को आत्मरक्षा के लिए सेल्फ डिफेंस ट्रेनिंग कैंप की शुरुआत है। यह सेल्फ डिफेन्स ट्रेनिंग का संकल्प इसलिए लिए गया है क्योंकि हम लोग चाहते हैं कि भविष्य में कोई लड़की साक्षी, श्रद्धा, नरगिस या निर्भया न बने। उन्होंने बताया कि उन्होंने इस बार लड़कियों की सुरक्षा के लिए भयमुक्त आज़ादी का जिम्मा उठाया है। उन्होंने कहा कि उनका संकल्प है कि कम से कम 3000 से 4000 लड़कियों को सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग दी जाएगी। 

दरअसल देश की राजधानी में महिला सुरक्षा के हालात को देखते हुए दिल्ली के इन दो युवा बिज़नेसमैन जहान खुराना और दिव्य कोहली ने आज़ादी के अमृत महोत्सव पर अपने स्टार्टअप की एनिवर्सरी लड़कियों को सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग दिलवाकर  मनाने का फैसला किया। जहान खुराना का कहना  है कि यह ट्रेनिंग कैंप पहला जरूर है कई ऐसे ट्रेनिंग कैम्प और होने वाले हैं ताकि देश की आज़ादी के 76 साल बाद कम से कम अब देश की हर महिला खुद की रक्षा करने में सक्षम बन सके। 

द रोलिंग प्लेट के दूसरे एमडी दिव्य कोहली का कहना है कि रोलिंग एक्ट हर स्वतंत्रता दिवस पर कुछ न कुछ करता है। इस साल दिल्ली का बिगड़ा माहौल देखकर लड़कियों की स्वतंत्रता के लिए कुछ करने के संकल्प लिया है।  उन्होंने बताया कि लड़कियों की सेल्फ डिफेंस के लिए दिल्ली में 750 कैंप आयोजित कराए जा रहे हैं। इन कैम्पों का उद्देश्य है कि महिलाएं सेल्फ डिफेंस की ट्रिंग ले सके। उनमें आत्मविश्वास आ सके। सेल्फ डिफेन्स की ट्रेनिंग लेकर उन्हें किसी पर निर्भर नहीं होना पड़ेगा। उन्होंने बताया कि वे लोग अपनी आय में से 10 फीसदी समजसेवा में खर्च करते हैं। 

लड़कियों को सेल्फ डिफेन्स की ट्रेनिंग देने वाली एक्सपर्ट प्रभाशरण कौर भी मानती हैं कि आज के समय में सेल्फ़ डिफेंस स्किल्स होना हर महिला के लिये जरूरी है। जिस तरह से रेप और हत्याओं की घटनाएँ लगातार हो रही हैं। ऐसे में जरूरी है कि हर महिला खुद की रक्षा करने के गुर सीखे। 

प्रभाशरण कौर ने बताया कि वह दस साल से औरतों और बच्चों को सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग दे रही हैं। उनका कहना था कि जिस  तरह का दिल्ली का माहौल है ऐसे में वह चाहती हैं कि बच्चे सेल्फ डिफेंस सीखें। उन्होंने यह भी बताया कि बच्चों को तो यह भी नहीं पता कि रेप क्या होता है। उन्होंने बताया कि वह रेप से लड़ना सिखाती हैं । उन्होंने बताया कि द रोलिंग प्लेट ने उन्हें 2000 बच्चों को सेल्फ डिफेंस सिखाने के लिए बुलाया है। उन्होंने बताया कि वह पूरे भारत में सिखाती हैं। उनकी भी अपनी एक संस्था है। उन्होंने बताया कि उन्होंने महाराष्ट्र और पंजाब में सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग दी है। 

उन्होंने यह भी कहा कि बच्चों को साइकोलॉजिकल रूप से ट्रेंड करना पड़ेगा। उसके लिए फिजिकल और लीगल ट्रेनिंग की भी जरुरत है। वह चाहती है कि बच्चे खुद भी लड़ें। उनक डेढ़ से दो घंटे का सेशन होता है। प्रभाशरण कौर ने यह भी बताया कि लोग मनोरंजन  पर तो खर्च कर देते हैं पर सेल्फ डिफेंस के लिए उनके पास न समय है और न ही पैसा। उन्होंने बताया कि लड़कियों को रेप डिफेंस की जरूरत है। द रोलिंग प्लेट के प्रयास की उन्होंने सराहना की। अपनी संस्था पर वह खुद अपनी जेब से खर्च करती हैं। देखने की बात यह भी है कि देश की आज़ादी के 76 साल पूरे हो रहे हैं। देश आज़ादी का अमृत महोत्सव मना रहा है। ऐसे में यदि हर जगह से इस तरह की पहल हो तो निश्चित रूप से देश महिलाओं के लिये ज्यादा सुरक्षित बन सकेगा।

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