Sunday, November 24, 2024
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Socialism : 2 सितम्बर को दिल्ली कांस्टीट्यूशन क्लब में जननायक कर्पूरी ठाकुर जन्मशती समारोह

पूर्व राज्यपाल एवं केंद्रीय मंत्री सत्यपाल मलिक मुख्य अथिति, आधार वक्तव्य जगजीवन राम शोध, अध्ययन संस्थान एवं कर्पूरी ठाकुर के जीवनीकार नरेंद्र पाठक का, अध्यक्षता वरिष्ठ सोशलिस्ट नेता प्रो. राजकुमार जैन करेंगे 

जननायक कर्पूरी ठाकुर जन्मशती समारोह राष्ट्रीय समिति के बैनर तले होगा कार्यक्रम 

चरण सिंह राजपूत 

नई दिल्ली। जननायक कर्पूरी ठाकुर जन्मशती समारोह राष्ट्रीय समिति के बैनर तले देश की राजधानी दिल्ली में देश के पुराने समाजवादी जननायक कर्पूरी ठाकुर जन्मशती समारोह मना रहे हैं। यह कार्यक्रम 2 सितम्बर को शाम 5.15 कांस्टीट्यूशन क्लब के डिप्टी स्पीकर हॉल में होगा। समारोह में पूर्व राज्यपाल एवं केंद्रीय मंत्री सत्यपाल मलिक मुख्य अथिति रहेंगे। आधार वक्तव्य जगजीवन राम शोध एवं अध्ययन संस्थान एवं कर्पूरी ठाकुर जी के जीवनीकार नरेंद्र पाठक देंगे। समारोह की अध्यक्षता वरिष्ठ सोशलिस्ट नेता प्रो राजकुमार जैन रहेंगे। 

अन्य वक्तागण में पूर्व सांसद शिवानंद तिवारी, पूर्व सांसद के.सी. त्यागी, पूर्व मंत्री रमाशंकर सिंह, पूर्व केंद्रीय मंत्री देवेंद्र प्रसाद यादव, सीपीआई (माले) महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य, सांसद संजय सिंह, सांसद अनिल हेगड़े, प्रो अजित झा, श्रीमती विनय भारद्वाज, डॉ आकृति भाटिया रहेंगे। समारोह कार्यक्रम का संचालन राकेश कुमार करेंगे। समारोह के प्रभारी अनिल ठाकुर और प्रभारी पिछड़ा वर्ग संगठन समन्वय के संजय कनौजिया रहेंगे। 

समारोह के बारे में प्रो राजकुमार जैन ने कहा है कि गांव के हज्जाम की झोपड़ी में पैदा होकर कर्पूरी ठाकुर हिंदुस्तान के सोशलिस्टो की पार्टी के अध्यक्ष तथा बिहार के मुख्यमंत्री तक बने। उनका कहना है कि कर्पूरी ठाकुर एक अजूबा हैं। बिहार की हर पार्टी के नेता कार्यकर्ता आम जनता उन्हें अपना मान कर याद करती है, जयंती मनाती है। 

राजकुमार ने कर्पूरी ठाकुर के परिवार के संघर्ष के बारे कहा है कि बात 1971 की है। पुणे के रेलवे स्टेशन पर बेटा बाप से शिकायत कर रहा था कि मुझे गरम कोट कब दिलवाओगे, मेरा कोट फटा हुआ है, थेकली लगी हुई है। बाप कह रहा था दिलवा देंगे, दिलवा देंगे। पुराना ही सही पहन तो रहे ही हो, बेटा फिर कहता है कि आप हमेशा ऐसे ही टालते रहते हो। 

राजकुमार जैन का कहना है कि वह वहीं खड़े थे। यह सब उन्होंने अपनी आँखों से देखा और सुना। राजकुमार जैन का कहना कि 1971 में संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी के राष्ट्रीय अधिवेशन की समाप्ति के बाद लौटते हुए पुणे के स्टेशन पर यह बात बिहार के दो बार मुख्यमंत्री रहे कर्पूरी ठाकुर और उनके बेटे रामनाथ ठाकुर में हो रही थी। दरअसल वही रामनाथ ठाकुर आज की तारीख में राज्य सभा के सदस्य हैं। 

उन्होंने कर्पूरी ठाकुर को झोपड़ी के लाल और सोशलिस्टों के सिरमौर की संज्ञा देते हुए 2 सितंबर को उनके जन्म शताब्दी समारोह पहुंचने की अपील की है। उन्होंने कहा है कि समारोह में ऐसी हैरतअंगेज दास्ताने सुनने को मिलेगी। 

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