प्रेस क्लब में एकजुट होकर पत्रकारों ने लिया निर्णय
प्रेस की स्वतंत्रता पर बताया हमला
सरकार के खिलाफ लिखने या बोलने वाले पत्रकारों को निशाना बना रही सरकार : सिद्धार्थ वरदराजन
दिल्ली दर्पण ब्यूरो
नई दिल्ली। न्यूज़क्लिक से जुड़े पत्रकारों के घरों पर छापेमारी के खिलाफ दिल्ली स्थित प्रेस क्लब में पत्रकार एकजुट हुए। प्रेस क्लब में पहुंचे 50 से ज्यादा पत्रकारों ने मामले में केंद्र सरकार को आड़े लिया। पत्रकारों ने इस मामले को लेकर देश में आपातकाल करार दिया। एक सुर में केंद्र सरकार के खिलाफ आंदोलन का आह्वान किया गया। पत्रकारों ने इसे प्रेस की स्वतंत्रता पर बताया।
दरअसल मंगलवार सुबह न्यूज़क्लिक के लिए फ्री लांसिंग करने वाले लगभग 30 पत्रकारों के घरों पर छापेमारी की गई। स्पेशल पुलिस ने इन पत्रकारों के लैपटाप या फिर मोबाइल समेत दूसरे इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को जब्त कर लिया गया। उर्मिलेश और अभिसार शर्मा समेत कई पत्रकारों को उठाकर दिल्ली पुलिस अपने स्पेशल सेल के दफ्तर ले गयी।
महिला पत्रकार राजी ने कहा कि इस तरह से छापेमारी का डिजिटल और भौतिक दोनों तरह से विरोध करना होगा। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के सामने इस मामले को ले जाने की पैरवी की।
द वायर के संस्थापक संपादक सिद्धार्थ वरदराजन ने कहा है कि यह गिरफ्तारी किसी एक संस्थान और व्यक्ति पर हमला नहीं है। बल्कि ये प्रेस की स्वतंत्रता पर हमला है। इस तरह की जांच से सरकार संदेश देना चाह रही है कि अगर कोई पत्रकार आजाद तरीके से पत्रकारिता करना चाह रहा है तो उसे ऐसे ही परेशान किया जाएगा। उनका कहना था कि सरकार के खिलाफ आवाज उठाने वाले पत्रकारों पर सरकार दबाव बना रही है कि वे पत्रकारिता छोड़ दें।
ऐसी भी खबर है कि न्यूज क्लिक के दफ्तर को पुलिस ने सील कर दिया है। उसके मालिक और संपादक प्रबीर पुरकायस्थ से अभी भी पूछताछ का सिलसिला जारी है। इसके साथ ही परंजॉय गुहा ठाकुरता, भाषा सिंह, उर्मिलेश, अभिसार और अनिंद्यो समेत तमाम ऐसे पत्रकार हैं जिनसे पूछताछ की जा रही है।