Tuesday, May 21, 2024
spot_img
Homeअन्यकैसे कहूँ कि

कैसे कहूँ कि

कैसे कहूँ कि

मेरा मुल्क ठीक है

जहाँ लिखना-पढना

गुनाह है ..

आवाज उठाना

गुनाह है ..

संगठित होना

गुनाह है ..

सोच विचार करना

गुनाह है ..

सत्ता से कुछ मांगना

गुनाह है ..

सच को सच मानना

गुनाह है ..

प्यार करना भी

गुनाह है ..

राम राम न कहना

गुनाह है ..

ताली न बजाना भी

गुनाह है ..

घर से बाहर निकलना

गुनाह है ..

खुलकर मुस्कुराना भी

गुनाह है ..

यहाँ इंसान होना ही 

गुनाह है ..

इंसान होना ही …

के एम भाई 

RELATED ARTICLES

Most Popular

Recent Comments