Thursday, November 21, 2024
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New Criminal Law | नॉर्थ वेस्ट जिला दिल्ली पुलिस अधिकारियों से जाने क्यों है ऐतिहासिक नए कानून

राजेंद्र स्वामी , दिल्ली दर्पण 

दिल्ली। देश में आज यानी एक जुलाई से तीन नए आपराधिक कानून लागू हो गए। दिल्ली पुलिस ने भी इन तीन नए कानूनों का पुरे उत्साह और उम्मीद के साथ स्वागत किया है। IPC  की जगह पर बने तीन कानून के नाम अब 

भारतीय दंड संहिता , भारतीय नागरिक संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम हो गए है। दिल्ली पुलिस ने अपने सभी थानों में इन कानूनों पर जागरूकता अभियान चलाया है। ऐसा ही जागरूकता कार्यक्रम नॉर्थ वेस्ट जिले के भारत नगर थाना में आयोजित किया गया। 

इस कार्यक्रम में नॉर्थ वेस्ट जिला डीसीपी जितेंद्र सिंह मीणा ,एसीपी संजीव कुमार सहित भारत नगर थाना के क्षेत्र के प्रमुख गणमान्य लोगों के साथ साथ भारत नगर थाना के अधिकारी भी शामिल थे। पुलिस ने प्रमुख लोगों के साथ संवाद तो किया और उन्हें इन कानूनों के लागू होने के बाद होने वाले बदलावों पर जानकारी दी। साथ ही उन्हें यह भी समझाया कि इन नए आपराधिक कानूनों के बाद जनता को क्या क्या लाभ होगा। 

नॉर्थ वेस्ट जिला डीसीपी जितेंद्र मीणा ने इस मौके पर नए कानूनों पर जारी एक पुस्तक का भी विमोचन किया। श्री मीणा ने इस दिन को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि पुराने कानून अंग्रेजों के ज़माने के है , नए  कानून भारत के लोगों द्वारा भारत के लोगों के लिए बनाये गए है। नए आपराधिक कानून दंड दिलवाने के लिए नहीं बल्कि न्याय दिलाने की बात करते है। इन नए कानूनों में जांच प्रक्रिया में बदली तकनीक को भी शामिल किया गया है। जांच में टेक्नोलॉजी , और  वैज्ञानिक तकनीक के इस्तेमाल को अब आवश्यक बना दिया गया है। जांच में पारदर्शिता पर जोर दिया गया है। श्री मीणा ने कहा कि नए कानून न्यायपूर्ण समाज बनाने में मील का पत्थर साबित होंगे। 

इससे पूर्व लोगों को नए कानूनों की जानकारी देते हुए थानाध्यक्ष राजेश विजयवर्गीय ने कहा कि पुराने प्रावधानों में कुछ मामलों में जनता को परेशानी थी तो कुछ मामलों में पुलिस का काम भी अनावश्यक रूप से बढ़ रहा था। अब नए कानून नए भारत की नींव रखने जा रहे है। एसीपी संजीव कुमार ने कहा कि पुराने कानून अंग्रेजों ने अपने शासन को ध्यान में रखते हुए बनाया था, अब नए कानून नए भारत को ध्यान में रखकर बनाये गए है। अब 90 दिन में आपराधिक मामले की जांच पूरी करनी होगी। अब सरकारी वकील के साथ साथ पीड़ित अपना वकील भी नियुक्त कर सकता है। 

इससे पूर्व सब -इंस्पेक्टर विश्वा और सब -इंस्पेक्टर सोनिया ने महिलाओं और बच्चों से जुड़े मामलों पर नए कानूनों में आये बदलावों की जानकारी दी। सब-इंस्पेक्टर विश्वा ने नए कानून पीड़ित केंद्रित दृष्टिकोण रखकर बनाये गए है। इसमें विक्टिम को भी कई अधिकार दिए गए है। महिलाओं और बच्चों पर हुए  यौन शोषण मामलों में बयान अब महिला जज ही ले सकेगी। सब -इंस्पेक्टर सोनिया ने उपस्थित लोगों को सम्बोधित करते हुए कहा कि महिलाओं और बच्चों लिए कानून काफी आसान कर दिए गए है। रेप और स्नेचिंग में सख्त सजा के प्रावधान किये गए है। अब 18 साल से कम उम्र को बच्चों की श्रेणी में  रखा गया है। न्याय को समयबद्ध कर दिया गया है। जो जो आरोपी अपराध करके भाग जाते थे ,अब उनकी गैरमौजूदगी में भी सुनवाई जारी रहेगी। स्थानीय लोगों ने इन जानकारियों को सुनाने के बाद काफी ख़ुशी जाहिर की। 

गौरतलब है कि भारतीय दंड संहित ( IPC ) 1860 और  आपराधिक दंड संहिता ( CrPC ) 1898 और 1973 व भारतीय साक्ष्य अधिनियम 1872 की जगह नए कानूनों ने ली है। इन कानूनों को बीते वर्ष संसद के दोनों सदनों लोक सभा और राज्यसभा से पास कराया गया था। 

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