तिहाड़ जेल से केजरीवाल ने एलजी को लिखे पत्र में आतिशी को झंडा फहराने के लिए अधिकृत किया है इस पर कानूनी हवाला देते हुए भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने 1991 से 1993 और 2014 का उदाहरण दिया है, जहां मुख्यमंत्री की नामौजूदगी में एलजी ने ध्वज फहराया था। सचदेवा ने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दें ताकि उनकी जगह आतिशी ही शपथ ग्रहण करले।
वहीं कांग्रेस प्रमुख देवेंद्र यादव ने बीच का रास्ता निकालते हुए कहा कि दिल्ली की जनता की परेशानियों को कम करने की बजाय इस बात पर लड़ रहे हैं कि तिरंगा कौन फहराएगा।
अब इस तिरंगे की जंग के बीच देखना दिलचस्प होगा कि 15 अगस्त को छत्रपाल स्टेडियम में तिरंगा फहराने का गौरव किसे मिलेगा?
क्या जेल में बैठे केजरीवाल की मंत्री फहराएंगी तिरंगा या वीके सक्सेना को मिलेगा मौका।