अंशु ठाकुर , दिल्ली दर्पण टीवी
Delhi NCR में बढ़ते प्रदुषण के स्तर से अभी तक राहत नहीं मिली है. स्तिथि दिन पर दिन बिगड़ती ही जा रही है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा सुबह आठ बजे जारी आंकड़ों से पता चला है कि Delhi के ज्यादातर इलाकों में वायु गुणवत्ता ‘गंभीर’ श्रेणी में है. वहां AQI 500 के करीब पहुंच गया है.
Dwarka Sector 8 में जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 500 दर्ज किया गया. Najafgarh में सूचकांक 497 रिकॉर्ड किया गया. वहीं अशोक विहार, बवाना, मुंडका, और पंजाबी बाग में यह 495 तक पहुंच गया. इसी तरह नेहरू नगर, रोहिणी, वजीरपुर, आया नगर, डॉ कर्णी सिंह शूटिंग रेंज, मंदिर मार्ग और पटपड़गंज में वायु गुणवत्ता का स्तर 490 के पार रहा.
कुछ ऐसी ही स्थिति दिल्ली के अन्य इलाकों में रही, जहां एक्यूआई 450 से ऊपर बना हुआ है.
वहीं 17 नवंबर 2024 को जारी आंकड़ों के मुताबिक दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक 441 रिकॉर्ड किया गया. वहीं पिछले दिन से तुलना करें तो इसमें 24 अंकों का इजाफा दर्ज किया गया है. बता दें कि पिछले कुछ दिनों से दिल्ली में वायु गुणवत्ता गंभीर श्रेणी में बनी हुई है. इसके चलते Delhi में गैस चैम्बर जैसे हालात पैदा हो गए हैं और लोगों के लिए सांस लेना तक दुश्वार हो गया है.
Aatishi की Press Conference
Delhi की मुख्यमंत्री Atishi ने सोमवार को Press Conference में इस मुद्दे पर केंद्र सरकार को आड़े हाथों लिया. उन्होंने कहा कि पराली जलाने के कारण वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) बेहद खराब स्थिति में है, जिससे बुजुर्ग और बच्चे खास तौर पर प्रभावित हो रहे हैं.
ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रैप) के चौथे चरण पर Supreme Court के कमेंट पर Atishi ने कहा कि इसका फैसला वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CQAM) लेता है. दिल्ली सरकार तो केवल उन पाबंदियों को लागू करती है. उन्होंने कहा कि हम नियमों के तहत काम कर रहे हैं और केंद्र से इस मुद्दे पर कार्रवाई की उम्मीद है. Press Conference के अंत में मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर पराली जलाने पर जल्द कदम नहीं उठाए गए, तो उत्तर भारत में स्वास्थ्य आपातकाल जैसी स्थिति बनी रहेगी. उन्होंने केंद्र से प्रदूषण रोकने के लिए तत्काल उपाय करने की मांग की.
Vijendra Gupta का Reaction
वायु प्रदूषण को लेकर दूसरी तरफ दिल्ली Vidhan Sabha में नेता प्रतिपक्ष Vijendra Gupta ने राजधानी में बिगड़ते प्रदूषण पर Kejriwal सरकार को कटघरे में खड़ा किया. उन्होंने कहा कि दिल्ली में प्रदूषण के कारण स्थिति भयावह और चिंताजनक है. यह दिल्ली के लोगों के लिए बहुत बड़ी समस्या बन चुकी है, और इसकी जिम्मेदारी Kejriwal सरकार की है. Vijendra Gupta ने केजरीवाल सरकार के पिछले 10 साल के कार्यकाल पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि सरकार को यह बताना होगा कि प्रदूषण नियंत्रण के लिए उन्होंने क्या ठोस कदम उठाए. उन्होंने कहा कि Kejriwal सरकार ने प्रदूषण नियंत्रण के नाम पर केवल प्रचार किया, लेकिन जमीनी स्तर पर कोई ठोस बदलाव नहीं हुआ. अब उन्हें 10 साल का हिसाब देना होगा.