अंशु ठाकुर, दिल्ली दर्पण टीवी
दिल्ली विधानसभा चुनाव में अब लगभग 2 महीने से भी कम का समय रह गया है. और आम आदमी पार्टी विधानसभा चुनावों की तैयारी ज़ोरो शोरो से कर रही है. रविवार को आम आदमी पार्टी ने अपनी चौथी और फाइनल लिस्ट जारी कर दी है. आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविन्द केजरीवाल पहले की ही तरह नई दिल्ली सीट से चुनाव लड़ेंगे और सीएम आतिशी कालकाजी सीट से चुनाव लड़ेंगी. आप ने इस लिस्ट में 38 प्रत्याशियों की सूची जारी की है.अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आप की आखिरी सूची में ज्यादातर नाम वे हैं जिन्होंने 2020 का विधानसभा चुनाव जीता था.
आम आदमी पार्टी ने जिस तरह से टिकट बटवारे में विधायकों के नाम काटे थे उससे कही न कही ये अंदाज़ा लगाया जा रहा था कि आम आदमी पार्टी की चौथी और आखिरी लिस्ट में भी कई विधायकों के नाम काटे जाएंगे. लेकिन जब आम आदमी पार्टी की तरफ से ये लिस्ट जारी की गयी तो इस लिस्ट में कोई ख़ास बदलाव देखने को नहीं मिला. पार्टी ने इस बार 14 विधायकों पर भरोसा जताया है.
इस बार का विधानसभा चुनाव आम आदमी पार्टी के लिए काफी कठिन मन जा रहा है. यह चुनाव ऐसे समय में हो रहा है , जब आप के प्रमुख नेता भ्रष्टाचार के आरोप में कई महीने तक जेल में रह कर आये है. नई आबकारी निति घोटाले मामले से लेकर मनी लॉन्डरिंग तक में अरविन्द केजरीवाल , मनीष सिसोदिया , सत्येंद्र जैन और आप नेता संजय सिंह और उनके अन्य सहयोगी जेल में रहे. यहाँ तक कि जेल से बाहर आने के बाद अरविन्द केजरीवाल ने मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा भी दे दिया. इस दौरान अरविन्द केजरीवाल ने कहा था कि अगर जनता उन्हें चुनेगी तभी वो मुख्यमंत्री बनेंगे. यानी इस चुनाव में आप आप के संयोजक अरविन्द केजरीवाल की प्रतिष्ठा भी दांव पर लगी है. हालाँकि आप हर मंच से कहती है आ रही है कि उनके नेताओं को झूठे मामले में जेल भेजा गया. इसे एक बड़ी साज़िश करार देते है.
केजरीवाल कई बार दोहरा चुके है कि अगर 55 से कम सीटें आई तो भारतीय जनता पार्टी उनकी सरकार नहीं बनने देगी. ऐसे में उनके लक्ष्य 55 से अधिक सीटों के साथ सत्ता लौटना है. तो अब देखना काफी दिलचस्प होगा कि क्या आम आदमी पार्टी की यह सारी रणनीतियां चुनाव में आम आदमी पार्टी के पक्ष में आती है या नहीं ?